ठाकुर थाना अध्यक्षों पर अखिलेश के बयान से गरमाई सियासत
पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे का करारा पलटवार
चित्रकूट। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चित्रकूट को लेकर दिए गए जातिगत बयान ने सूबे की सियासत को तपा दिया है। अखिलेश ने आरोप लगाया था कि जनपद के 10 में से 8 थानों में ठाकुर समाज के थाना अध्यक्ष तैनात हैं। इसे उन्होंने “जातिवादी शासन” का नमूना बताते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला।
अखिलेश के इस बयान पर सियासत गरमा गई है। भाजपा की ओर से मोर्चा संभालते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने अखिलेश यादव के बयान को “निहायत घटिया, भ्रामक और समाज को तोड़ने वाला” बताया। खरे ने कहा, “भाजपा जातिवाद नहीं, ‘सबका साथ-सबका विकास’ की सोच पर काम करती है। अखिलेश पहले अपने गिरेबान में झांकें, फिर दूसरों पर सवाल उठाएं।”
खरे ने समाजवादी पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी में केवल यादव बिरादरी के लोग ही शीर्ष पदों पर पहुंचते हैं और वह भी एक ही परिवार से। उन्होंने कहा, “भाजपा एक ऐसी पार्टी है जहां कोई भी कार्यकर्ता, चाहे वह किसी भी वर्ग या जाति से आता हो, संगठन के उच्चतम पद तक पहुंच सकता है। वहीं सपा में एक ही जाति और परिवार का वर्चस्व है।”
चंद्रप्रकाश खरे ने अखिलेश यादव के बयान को आंकड़ों के आधार पर खारिज किया। उन्होंने बताया कि जनपद चित्रकूट में कुल 11 थाने हैं, न कि 10। उन्होंने स्पष्ट किया कि “सरधुआ और मारकुंडी थानों में अनुसूचित वर्ग के थाना प्रभारी तैनात हैं, जबकि तीन थानों में ब्राह्मण, चार में ठाकुर व अन्य वर्गों के, और साइबर थाना व महिला थाना में यादव समाज के अफसर नियुक्त हैं। अखिलेश यादव का बयान पूरी तरह से बेबुनियाद है।”
भाजपा नेता खरे ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा, “बिना तथ्यों के बयान देना और समाज को जातीय आधार पर बांटना समाजवादी पार्टी की पुरानी राजनीति रही है। लेकिन अब जनता इन सब चालों को भलीभांति समझ चुकी है।” उन्होंने कहा कि “थानों में कौन तैनात है, यह कोई गुप्त जानकारी नहीं है। जनता इसे जानती है और प्रशासन की पारदर्शिता पर विश्वास करती है।”
चित्रकूट पुलिस ने भी अखिलेश यादव के दावे को सिरे से नकारते हुए आधिकारिक जानकारी साझा की। पुलिस की ओर से कहा गया, “जनपद चित्रकूट में सामान्य वर्ग के 07, पिछड़ा वर्ग के 03 और अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के 02 प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष नियुक्त हैं।” इससे स्पष्ट है कि अखिलेश यादव का बयान तथ्यों से परे है। हालाकि भाजपा ने इस बयान को झूठा साबित कर सपा पर पलटवार कर दिया है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में यह सियासी जंग और किस दिशा में बढ़ती है।
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