सोनभद्र में तेज रफ्तार का शिकार हुआ गरीब परिवार का सहारा
लापरवाही की हद बिना इंश्योरेंस और चालान वाली गाड़ी ने ली जान
नियमों को ताक पर रखने का खौफनाक नतीजा
अजीत सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट)
21 अप्रैल को जब मुबारक अली अपने नियोक्ता के बेटे के साथ बाइक पर राबर्ट्सगंज जा रहे थे, तभी मधुपुर पुरानी सब्जी मंडी के पास अमित सिंह की मारुति एस क्रॉस (यू पी 60 ए एस 4849) ने उन्हें ज़ोरदार टक्कर मार दी। इस टक्कर में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में भर्ती कराए गए।
मुबारक अली की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। लेकिन दो दिन बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। मुबारक अली के निधन से उनके तीन छोटे बच्चे , पत्नी और बीमार माता-पिता बेसहारा हो गए। उनके कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी, और अब उनके जाने से उनके भविष्य पर अंधकार छा गया है।
इस घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि जिस गाड़ी से यह हादसा हुआ, वह कानूनी तौर पर सड़क पर चलने के लायक ही नहीं थी। गाड़ी का इंश्योरेंस फेल था और उस पर पहले से चालान भी था। यह दर्शाता है कि वाहन मालिक ने लगातार नियमों का उल्लंघन किया और इसकी परवाह नहीं की कि उसकी लापरवाही किसी की जान भी ले सकती है।
अब यह देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है। क्या सिर्फ एक एफ आई आर दर्ज करके खानापूर्ति कर दी जाएगी, या फिर वाहन मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी? क्या मृतक के परिवार को न्याय मिलेगा और उन्हें इस अपूरणीय क्षति के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा?
यह घटना हम सभी के लिए एक सबक है। यह बताती है कि यातायात नियमों का पालन करना सिर्फ हमारी अपनी सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन की रक्षा के लिए भी कितना महत्वपूर्ण है। लाइसेंस बनवाना आसान हो सकता है, लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक बनना और नियमों का पालन करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे लापरवाह लोगों के खिलाफ सख्त कानून बनाने और उनका सख्ती से पालन करवाने की ज़रूरत है।
यातायात जागरूकता अभियान चलाकर और जनता को जागरूक करने का काम कर रही है । ताकि लोग यातायात नियमों के महत्व को समझें और सड़क पर चलते समय अधिक सतर्क रहें। यह सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, हम सभी को मिलकर इस समस्या के खिलाफ आवाज उठानी होगी ताकि भविष्य में किसी और परिवार को मुबारक अली के परिवार जैसी त्रासदी का सामना न करना पड़े।

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