indian culture
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

समाज में गौरव का प्रतीक बनते दहेजशून्य विवाह

समाज में गौरव का प्रतीक बनते दहेजशून्य विवाह विवाह, भारतीय संस्कृति में केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों का एक पवित्र संगम माना जाता है। यह एक ऐसा संस्कार है, जो न केवल दो हृदयों को जोड़ता है, अपितु दो परिवारों की परंपराओं, मूल्यों और...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

सनातनी होना गौरव-गर्व की बात।

सनातनी होना गौरव-गर्व की बात। वेद तथा सनातनी ग्रंथों से मानव जीवन परिष्कृत होता है और सदाचार तथा वैदिक धर्म का ज्ञान मानव धर्मार्थ की खोज में एक यज्ञ की तरह हैl भारतीय ऋग्वेद, अथर्ववेद और अनेक वेदों में इतनी शक्ति ऊर्जा और अर्थ छुपा...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

भारतीय संस्कार बनाम पश्चिमी जीवन शैली l

भारतीय संस्कार बनाम पश्चिमी जीवन शैली l अंग्रेजों के आने के पूर्व भारतीय संस्कृति धार्मिक, आध्यात्मिक, परंपरा वादी, भाग्यवादी रही है। अंग्रेजों के भारत आने के बाद और उनके संपर्क में रहने से भारतीय जीवन का स्वरूप काफी हद तक परिवर्तित एवं बदले हुए स्वरूप में आया...
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