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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

अतिरिक्त

अतिरिक्त तुम चेहरे की  मुस्कुराहट पर मत जाओ  बहुत गम होते हैं  सीने में दफन। तुम झूठी  वफाओं में मत आओ बहुत ख़्वाब होते हैं आधे अधूरे से। तुम इन सिमटी हुई निगाहों पर मत जाओ बहुत कुछ बिखरा हुआ होता...
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