kavita hindi
कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

बहे जब जब पुरवइया हो

बहे जब जब पुरवइया हो       बहे जब जब पुरवइया हो,पिया तोहरी याद आवे हो,  आ ई जा मिले हमसे    मोरे सजनवा हो,  रहिया ताकत हई हो , तोहरी सजनिया तोहरे लिए श्रृंगार करे हो,  बहे जब जब पुरवइया हो , ...
Read More...
कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

संजीव-नी। हमें फकीरी का भी बोझा ढोने दो।।

संजीव-नी। हमें फकीरी का भी बोझा ढोने दो।। संजीव-नी।    हमें फकीरी का भी बोझा ढोने दो।।    अपने खून को कई रगों में बहनें दो, कई जिस्मो में उसे जिन्दा रहने दो।    खुदा-खुदा करके जीती है दुनिया , मासूमियत को जिंदगी में सांस लेने दो।    रक्त,देह,नेत्र दान तो महान...
Read More...
कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

नासमझ इश्क

नासमझ इश्क हम ढूढ़ते रह गएउनको हर निग़ाह में,पर वो तो खो ही गएओर किसी की बाहों में। हम ने तो हमेशा उनसेइक़रार ही किया थापर वो ही हर बारइन्कार ही करते रह गए। हमने तो...
Read More...
कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

मंहगे हो गये शंकर बेटा 

मंहगे हो गये शंकर बेटा  चुभ गये कांटे कंकर बेटामंहगे हो गये शंकर बेटा दर्शन,भोग आरती सबकेहो गये रेट भयंकर बेटा खतरे में हिंदुत्व नहीं हैखतरे में अभ्यंकर बेटा भोलै से मिलना है मुश्किलखुदवा ले तू बंकर बेटा जजिया कर से...
Read More...