ट्रैफिक रूल्स की धज्जियां उड़ा रहे ऑटो व ई-रिक्शा, नहीं पड़ती पुलिस की नजर

क्या पुलिस के संरक्षण में ही चल रहा कठपुला बरछी बहादुर मोड़ पर अवैध टेंपो स्टैंड?

ट्रैफिक रूल्स की धज्जियां उड़ा रहे ऑटो व ई-रिक्शा, नहीं पड़ती पुलिस की नजर

स्वतंत्र प्रभात 
धर्मेन्द्र राघव
अलीगढ़,। प्रदेश सरकार ने भले ही अवैध टेंपो स्टैंड पर कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं, लेकिन शहर में अभी तक ऐसा कुछ नजर नहीं आया है। यहां तक कि ये अवैध टेंपो स्टैंड यातायात पुलिस के ही संरक्षण में चलते नजर आ रहे हैं। कठपुला मोड़ बाबा बरछी बहादुर पर अवैध टैम्पो स्टैण्ड़ सबसे बड़े ठिकाना हैं। जहां से सैकड़ों यात्री हर रोज ढोए जा रहे हैं। कठपुला स्थित बाबा बरछी बहादुर के ढ़लान पर बने अवैध टैम्पों अड्डे से 40 से 50 छोटे-बड़े टेंपो संचालित होते हैं। जबकि यहां पर हर समय सिविल और यातायात पुलिस तैनात रहती है।

कठपुला स्थित बरछी बहादुर बाबा शहर का सबसे व्यस्त चौराहा है। अधिक यातायात के चलते सबसे ज्यादा यातायात पुलिस भी यहीं लगती है। रोडवेज बस स्टैंड भी पास में है। इस सबके बावजूद चौराहे के चारों ओर टेंपो यात्रियों को ढोते रहते हैं। शासन के आदेश के बावजूद अवैध रूप से टेंपो दौड़ रहे हैं। ऑटो व ई-रिक्शा शहर में ट्रैफिक रूल्स की धज्जियां उड़ा रहे हैं., सड़कों पर बेतरतीब दौड़ते ऑटो  कभी भी हादसे की वजह बन सकते हैं.,सवारी के लिए बीच सड़क पर ऑटो खड़े करना आदत बन गयी है। बैटरी बचाने के लिए रात में हेडलाइट बुझाकर चलते हैं. और ओवरलोड ऑटो आते-जाते हैं, पर पुलिस की नजर नहीं पड़ती।

शहर में ऑटो व ई-रिक्शा वाले शहर की यातायात व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं। इन्हें न तो यातायात नियम की जानकारी है और न ही यातायात नियम का पालन करना चाहते हैं। इसकी बानगी शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर देखी जा सकती है.। सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग करना, सवारी बैठाने के लिए बीच सड़क पर ऑटो खड़े कर देना, कहीं से भी अचानक ऑटो को मोड़ देना, कहीं भी अवैध स्टैंड बनाकर यातायात बाधित करना शहरवासियों के लिए सिरदर्द बन गया है।

हद तो यह है कि शहर की सड़कों पर चलने वाले अधिकांश ऑटो वाले बैटरी बचाने के लिए रात में अक्सर हेडलाइट बुझाकर चलते हैं, जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इसके अलावा नियम के विरुद्ध ऑटो वालों की मनमानी से शहर में रोजाना जाम लग रहा है और लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. अवैध ऑटो स्टैण्ड़ के खिलाफ न तो परिवहन विभाग ने कोई कदम उठाया है और न ही पुलिस विभाग ने अभियान चलाया है। इनके सड़क पर चलने के संबंध में भी कोई नियम लागू नहीं किया गया है।

ई-रिक्शा चालकों के लिए तो ड्राइविंग लाइसेंस भी अनिवार्य नहीं है। ऐसे में ई रिक्शा चालक के परिवार में जिसके मन में आता है, चाहे वह नाबालिग क्यों न हों, वे ई-रिक्शा लेकर शहर में निकल पड़ते हैं। इससे यातायात व्यवस्था और बिगड़ रही है. इनकी वजह से शहर में जगह-जगह जाम लग रहा है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि एक हाथ से चालक ऑटो चलाते हैं और दूसरे हाथ से मोबाइल पर बात करते चलते हैं। शहर में ई-रिक्शा और ऑटो की संख्या लगातार बढ़ रही है।

इनके लिए रूटों का कोई निर्धारण नहीं है., इससे यातायात व्यवस्था भी चरमरा रही है। कठपुला स्थित बरछी बहादुर बाबा मोड़ पर ई-रिक्शा व ऑटो वाले अवैध स्टैंड भी बना लिये हैं। इन जगहों पर बेतरतीब खड़े होने की वजह से यातायात व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है। जाम से निजात दिलाने के लिए यातायात पुलिस के पास कोई ठोस योजना नहीं है और दावे भी खोखले साबित होते आये हैं।

ई-रिक्शा और टेंपो का रूट प्लान मार्गों के हिसाब से निर्धारित हो तो जाम से निजात मिल सकती है। यातायात पुलिस की लापरवाही की वजह से ई-रिक्शा और टेंपो चालक मनमानी करते हैं। परिवहन विभाग व यातायात पुलिस को जाम से निबटने के लिए अवैध ऑटो और ई-रिक्शा के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए।

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