दिल्ली के तमाम नर्सिंग होम्स की SIT जांच शुरू, ACB दर्ज करेगी एफआईआर, मचा हडकंप,
दिल्ली। राजधानी दिल्ली के निजी,अस्पताल, नर्सिंग होम्स में कायदे-नियमो के उल्लघंन मामले में एंटी करप्शन ब्रांच(एसीबी) ने एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके अलावा जांच के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स बनाई है। इस औचक कारवाई से दिल्ली के निजी अस्पताल, नर्सिंग होम्स में हड़कंप मच गया है। दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं। उल्लेखनीय है कि इस औचक कारवाई के पीछे ,25 मई की रात विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर फटने से लगी आग में वहां एडमिट 12 नवजात बच्चे लपेटे में आ गए थे।इनमें से 7 नवजात शिशुओ की जलकर मौके पर ही मौत हो गई थी।

इससे वार्ड में एडमिट नवजात शिशुओ की आग में जलकर मौत हो गई थी। एंटी करप्शन ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक विवेक विहार के इस अस्पताल अग्निकांड की वजह से यमुनापार से जांच शुरू की गई है। गुरूवार 30 मई को 20 नर्सिंग होम्स और शुक्रवार 31मई शाम तक 15 निजी अस्पताल/ नर्सिंग होम्स को बारीकी से खंगाला गया। इस जांच में कई खामियां मिली। ये नर्सिंग होम्स/ अस्पताल में डीजीएचएस डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ हैल्थ सर्विसेज से लाईसेंस के नियमों का घोर उल्लंघन करते पाए गये। कुछ में लाईसेंस में दर्ज से ज्यादा बेड मिले। कुछ ने अभी लाईसेंस के लिए अप्लाई किया हुआ है। तो वहीं कुछ का लाईसेंस खत्म हो चुका है। नवीकरण के लिए अप्लाई तक नहीं किया गया था। काफी तो रजिस्ट्रेशन लाईसेंस के बगैर ही काम करते पाए गए। सूत्रो के मुताबिक जांच का दायरा दिल्ली का पूरा इलाका है।इसमें निजी अस्पताल/नर्सिंग होम्स की जांच की जानी है। लाईसेंस और बगैर लाईसेंस को चैक करना प्राथमिकता है।
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इन अस्पताल/नर्सिंग होम्स में क्या -क्या किन -किन विभागों की मिलीभगत मिलती है,इसका खुलासा किया जाएगा। जांच का दायरा फिलहाल दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय, (डीजीएचएस) डायरेक्टर जनरल हैल्थ सर्विसेज और उसके अधिकारी रडार पर है।इसके अलावा अन्य दूसरे विभागों और उनके अफसरों की संलिप्तता पाई जाती है तो उन सबके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी। बता दें कि विवेक विहार के बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड अस्पताल में आग से 7 नवजात बच्चो की जलकर मौत के मामले को बेहद गंभीर मानते हुए दिल्ली के एलजी विनय सेक्सेना ने इसके जांच के आदेश दिए हैं।अब देखना यह है कि इन जांच कारवाई को कितनी इमानदारी से किया जाता है। यह अजगरी सवाल लोगों के जहन में बस गया है।

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