संभल हिंसा में पाकिस्तानी कनेक्शन की कड़ी उजागर!
On
क्या संभल में हिंसा की साजिश के पीछे प्रदेश और देश भर में सांप्रदायिक बदअमनी फैलाने का पाकिस्तानी मंसूबा जिम्मेदार है? क्या मजहब के नाम पर फिरकापरस्त लोगों की एक पूरा समूह प्रदेश में दहशत और अराजकता का माहौल पनपा कर योगी और मोदी सरकार की बदनामी की साजिश करता रहता है। इन तमाम सवालों के जवाब संभल हिंसा की जांच में सामने आ रहे हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल हिंसा मामले में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आना निश्चित तौर पर न सिर्फ गंभीर चिंता की बात है, बल्कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी संवेदनशील मामला है।
देश में सम्प्रदायिक हिंसा होना कोई नई बात नहीं है, कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आते ही रहते हैं और अधिकतर मामलों में स्थानीय प्रशासन शांति स्थापित कर लेता है। मगर देश के भीतर सम्प्रदायिक हिंसा में अगर विदेशी हथियार मिलने के सबूत मिले, तो निःसंदेश सुरक्षा एजेंसियों को सर्तक हो जाना चाहिए। संभल हिंसा मामले की गूंज एक तरफ जहां संसद से लेकर सड़क तक सुनायी दे रही है, तो वहीं दूसरी तरफ इस मामले में जैसे-जैसे यूपी पुलिस और न्यायिक आयोग की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस बात की आशंका पहले से जतायी जा रही है कि देश में माहौल को खराब करने के लिए आतंकी साजिश हो सकती हैं।
इस बीच जांच के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका का एंगल सामने आया है। पुलिस को संभल हिंसा प्रभावित क्षेत्र में तलाशी के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूस के खोखे मिले हैं। हिंसा में विदेशी कारतूसों के इस्तेमाल का खुलासा अब जांच के दौरान हुआ है। बरामद कारतूस खोखों पर लिखा है मेड इन यूएसए। इसके अलावा पाकिस्तान के भी खोखे बरामद किए गए हैं। हिंसा वाली जगह पर पहुंची फॉरेंसिक टीम नालियां खंगाली तो सर्च ऑपरेशन में अफसरों की टीम को मौके से पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के 9 एमएम का 2 मिस फायर एक खोखा बरामद हुआ।
जबकि इसके अलावा 12 बोर के 2 खोखे और 32 बोर के 2 खोखे बरामद हुए हैं। अधिकारियों ने पहले हिंसा में मरे लोगों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से देशी 315 बोर के हथियार की बात कही थी, लेकिन अब विदेशी हथियारों का एंगल सामने आया है। घटना के 9 दिन बार फॉरेंसिक टीम के पहुंचने पर पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े हो सकते हैं। पहले पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर देशी 315 चोर के हथियार की गोली से मौत होने की बात कही गई थी। लेकिन विदेशी हथियार मिलने के बाद इस जांच का रुख पूरी तरह से चेंज हो सकता है।
पाकिस्तान से जुड़े खोखे मिलने का मतलब है कि संभल में हिंसा फैलाने के लिए पहले से ही बड़ी साजिश रची गई थी। इसमें जड़े काफी गहरी हो सकती है और तार कई राज्यों में फैले हो सकते हैं। साथ ही इसमें देश के भी कुछ गद्दार भी शामिल हो सकते हैं, क्योंकि उनके समर्थन के बिना विदेशी किसी घटना को अंजाम दिया ही नहीं जा सकता था। भारत को अशांत करने की एक बड़ी साजिश हो सकती है, जिसके तह तक जाने की जरूरत है। दरअसल पिछले महीने संभल में हिंसा की शुरूआत संभल स्थिति जामा मस्जिद के सर्वे के बाद हुई थी।
तब कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया गया था, लेकिन इसके बाद शुरू हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। हिंसा से पहले यहां पथराव और आगजनी की घटनाएं हुई थी। इस घटना के बाद जिले में पांच दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बंद रही और बाहरी लोगों के एंट्री पर भी रोक लगा दी गई थी। हालांकि बाहरी लोगों के एंट्री पर अभी भी रोक जारी है। वहीं जिले में धारा 163 लागू कर दी गई है, जो अगले 10 दिसंबर तक लागू रहेगी। लेकिन पुलिस जांच में पहले से ही साजिश की बात सामने आयी है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि योजनाबद्ध तरीके से हुई हिंसा की गई थी।
पुलिस के अनुसार तय तैयारी के अनुसार ही पहले से घरों की छतों पर ईंट, पत्थर व कांच की बोतलें एकत्र की गई थीं। महिलाओं को दो टूक संदेश था कि यदि मोर्चा लेने के दौरान पुलिस की जवाबी कार्रवाई में घिर जाएं तो बचाव के लिए छतों से वार कर देना। उपद्रवियों के हावी होने पर पुलिस ने जब सख्ती की तो छतों से महिलाओं ने मोर्चा संभाला थी। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों पर हमला बोल दिया था। ईंट, पत्थर व कांच की बोतलों से वार किया गया। इस पर पुलिस तितर- बितर हुई और मौका पाकर उपद्रवियों ने फायरिंग शुरू कर दी। महिलाओं के मटना में शामिल होने से साफ था कि यह पूरी तरह से सुनियोजित था।
पूछताछ में सामने आया है कि पुलिस पर हमले के बाद हालात बेकाबू होने की स्थिति में महिलाओं को घरों से बाहर निकलकर सामने आना था। यह रणनीति इसलिए थी कि महिलाएं जब आगे आ जाएंगी, तब पुलिस भी एक बार कदम पीछे खींचेगी और उपद्रवी इसका फायदा उठाकर भाग सकेंगे। और हुआ भी यही। दो महिलाओं व युवती को पुलिस ने मौके से ही पकड़ा था। इस प्रकार की साजिश किसी बड़े खतरे के तरफ इशारा कर रही है, मगर दुःखद बात है कि देश के नेता इस मामले को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटे हुए है।
मंगलवार को ही संसद में भाजपा को घेरने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस हिंसा को 'सोची-समझी साजिश' करार देते हुए लोकसभा में मांग की कि घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित किया जाए। दोषी अधिकारियों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा चलाया जाए। अखिलेश ने संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे का जिक्र करते हुए इस तरह की घटनाओं के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। यादव ने अनुसार देश के कोने-कोने में भाजपा और उसके सहयोगी, समर्थक और शुभचिंतक बार-बार 'खुदाई' की बात करते हैं जिससे देश का सौहार्द, भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब खो जाएगी।
उन्होंने दावा किया कि एक बार स्थानीय अदालत के आदेश पर संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का काम पूरा कर चुके पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कुछ दिन बाद दोबारा सर्वे के लिए पहुंच गए और उनके पास अदालत का कोई आदेश नहीं था। देखा जाए जिस प्रकार से इस संवेदनसील मामले को लेकर सियासत की जा रही है, वह कतई उचित नहीं है। संभल में शांति स्थापना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को दलगत भावना से उपर उठकर संभल में शांति की बहाली के लिए संवेद प्रयास करना चाहिए। किन्तु राजनीतिक पार्टियां इस हिंसा की आग में अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में मसगूल है।
संभल हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। कुछ नेता तो अनरगल बयानबाजी कर आग में भी डालने सेका काम रहे हैं। जिससे संभल में स्थिति सुधरने की जगह और खराब हो सकती है। जरूरत है कि राजनेता इस मामले की गंभीरता को समझे और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बंद करें। जांच एजेंसियों को चाहिए कि विदेशी एंगल सामने आने के बाद पूरे मामले को पर्दाफाश करें,इससे जुड़े प्रत्येक आरोपी को गिरफ्तार किया जाए, ताकि देशद्रोहियों केचेहरे सामने आ सके।योगी सरकार के सामने कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही सभी के विश्वास और भरोसा को बनाए रखने की भी अहम जिम्मेदारी है जिसे पूरी निष्ठा से निभाने का राजधर्म और संवैधानिक कर्तव्य है योगी इस को ईमानदारी से निभाएंगे।
मनोज कुमार अग्रवाल
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
ये महाकुम्भ बनेगा एकता का महायज्ञः पीएम मोदी।
15 Dec 2024 17:13:05
पीएम बोले। प्रयागराज की पावन धरा पर महाकुम्भ का आयोजन देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहचान को नए शिखर पर करेगा...
अंतर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोके सरकार: राजकुमार दुबे
15 Dec 2024 18:16:36
स्वतंत्र प्रभात गोंडा। बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर रघु बाबा मंदिर के तत्वाधान में एक बैठक...
Comment List