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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

परंपरा से परे घंटियों और शंख का वैज्ञानिक महत्व

परंपरा से परे घंटियों और शंख का वैज्ञानिक महत्व हजारों वर्षों से धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक गतिविधियों में घंटियों और शंखों का उपयोग किया जाता रहा है। इन वाद्ययंत्रों की ध्वनियाँ आह्वान, उत्सव और शुद्धिकरण के शक्तिशाली प्रतीक हैं। हालांकि, उनके आध्यात्मिक मूल्य से परे, ये...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

दागी नेताओं के चुनाव लड़ने के मामले पर केंद्र का रवैया निराशाजनक

दागी नेताओं के चुनाव लड़ने के मामले पर केंद्र का रवैया निराशाजनक    बलदेव राज भारतीय    देश का प्रत्येक नागरिक स्वयं को सच्चा देशभक्त मानता है। वह राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था से जुड़ी नीतियों पर बड़े ज्ञानवर्धक विचार प्रकट करता है और देश में फैले भ्रष्टाचार, अनैतिकता, बेईमानी व रिश्वतखोरी पर कठोर हमारे...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

हिंदी विरोध को बनाना चाहते हैं सत्ता बचाने का हथियार 

हिंदी विरोध को बनाना चाहते हैं सत्ता बचाने का हथियार     मनोज कुमार अग्रवाल     देश में नई शिक्षा नीति  और त्रिभाषा फॉर्मूले को लेकर तमिलनाडु के नेता जिस प्रकार का बयान दे रहे हैं, वह सिर्फ भड़‌काऊ होने के साथ ही राजनीतिक स्वार्थ से ओत-प्रोत है। भाषा को लेकर संकीर्ण सोच...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

युवाओं के विकास में ही देश का विकास छिपा है।

युवाओं के विकास में ही देश का विकास छिपा है। भारत लोकतांत्रिक देश है यह बहुधार्मिक बहुजाति वाला देश है । यही इसकी दुनिया में अलग पहचान कराती है कि यहां बहुत जाति बहुधार्मिक बहुभाषी लोग एक साथ रहते हैं सबके सुख-दुख में भागीदार होते हैं सब एक परिवार की...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

दिल्ली इलेक्शन ! बीते वर्षों में कितनी बदली है दिल्ली की सियासी हवा

दिल्ली इलेक्शन ! बीते वर्षों में कितनी बदली है दिल्ली की सियासी हवा 2025 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव संभव हैं और सभी दलों ने विशेषकर आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी तथा कांग्रेस पार्टी ने लगभग अपने उम्मीदवारों पर मोहर लगा दी है या तैयारी कर ली है। यह चुनाव आम आदमी...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

चढ़ने लगा दिल्ली का सियासी पारा

चढ़ने लगा दिल्ली का सियासी पारा आज हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है 2025 के आरंभ में होने वाला दिल्ली व‍िधानसभा चुनाव, सतारूढ दल द्वारा नई-नई घोषणाए की जा रही है, आरोप-प्रत्यारोप का बाजार पूरे उबाल पर है, राजनीतिक पार्टियां उम्मीदवारों की घोषणा कर...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

मनोज श्रीवास्तव पर मोहन की कृपा

मनोज श्रीवास्तव पर मोहन की कृपा 'सेवा कीजिये तो मेवा जरूर मिलती है' ,ये हमारे बुजुर्गों का अनुभवजन्य वाक्य है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक पूर्व अधिकारी मनोज श्रीवास्तव पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की कृपा बरसते देख तमाम लोगो के पेट में दर्द...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

हाउस अरेस्टिंग डिजिटल क्रांति का काला और स्याह पहलू।

हाउस अरेस्टिंग डिजिटल क्रांति का काला और स्याह पहलू। डिजिटल क्रांति का स्वरूप मानवीय जीवन में एक नया और क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आया है। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम ने आमजन की जीवन शैली ही बदल कर रख दी है। इस क्रांति ने देश और विदेश की दूरियों को एकदम कम...
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विचारधारा  स्वतंत्र विचार 

लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह: परंपरागत मूल्यों की परीक्षा

लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह: परंपरागत मूल्यों की परीक्षा भारतीय समाज में विवाह को एक अत्यंत महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है, जो केवल दो व्यक्तियों को ही नहीं, बल्कि दो परिवारों और भिन्न-भिन्न संस्कृतियों को भी एक अभिन्न सूत्र में...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

भारत , वीटो और भारत की चेतावनी

भारत , वीटो और भारत की चेतावनी भारत के पास वीटो पावर नहीं है फिर भी भारत अब पहले वाला भारत नहीं है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर ‘वीटो’ लगाने की अनुमति नहीं देगा और...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

क्रिसमस: प्रभु यीशु के जीवन से प्रेरित करुणा और सेवा का पवित्र उत्सव

क्रिसमस: प्रभु यीशु के जीवन से प्रेरित करुणा और सेवा का पवित्र उत्सव क्रिसमस, हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला पर्व, केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है; यह प्रेम, शांति और मानवता के मूल्यों का अनुपम प्रतीक है। यह दिन प्रभु यीशु मसीह के अवतरण की पुण्य...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

 फिर दिखाना होगा 1971 वाला जलवा

 फिर दिखाना होगा 1971 वाला जलवा बांग्लादेश में हिन्दूओं पर अत्याचार दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। आज कहां है वो अंतराष्ट्रीय समुदाय जो भारत में रह रहे खुशहाल और अधिकार प्राप्त अल्पसंख्यकों के लिए अपनी बनावटी चिंता का प्रदर्शन समय-समय पर करता रहता है।...
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