नए भारत का वित्तीय रोडमैप: प्रगति और समृद्धि का बजट
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भारत का बजट 2025-26 आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक युगांतकारी और क्रांतिकारी दस्तावेज़ है, जो प्रगति, समावेशन और नवाचार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प दर्शाता है। यह बजट न केवल आर्थिक सुदृढ़ता को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
भारत की अर्थव्यवस्था आज वैश्विक मंच पर सबसे तीव्र गति से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों और निरंतर सुधारों के परिणामस्वरूप भारत ने वित्तीय स्थिरता और सतत विकास की दिशा में एक सशक्त और प्रेरणादायक यात्रा तय की है। इस बजट में उन सभी प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जो भारत को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से अजेय बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
करदाताओं के लिए इस बजट में अभूतपूर्व प्रावधान किए गए हैं, जिससे मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जबकि वेतनभोगी वर्ग के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये कर-मुक्त रखी गई है। नई कर प्रणाली में विभिन्न आय वर्गों को अतिरिक्त छूट और प्रोत्साहन दिए गए हैं, जिससे जनता की क्रय शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि होगी और बाज़ार में उपभोग को नई गति मिलेगी।
कृषि क्षेत्र को नई ऊर्जा और स्वावलंबन प्रदान करने के लिए सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धन्य कृषि योजना’ की घोषणा की है, जो 100 जिलों में आधुनिक कृषि सुधारों को गति देगी। इस योजना से किसानों को उच्च उत्पादकता, नवीनतम तकनीक और स्मार्ट खेती के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही, ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत कर सरकार ने दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने की ठोस नींव रखी है, जिससे देश खाद्य सुरक्षा की दिशा में आत्मनिर्भर बनेगा। किसानों को सशक्त बनाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा ₹5 लाख तक बढ़ा दी गई है, जिससे उन्हें सस्ती ब्याज दरों पर ऋण और आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी।
ग्रामीण भारत को आर्थिक शक्ति में तब्दील करने के लिए ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन’ कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह योजना गांवों में कौशल विकास, पूंजी निवेश और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएगी। शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों और गिग वर्कर्स के लिए भी व्यापक योजनाओं की घोषणा की गई है, जिससे उनकी आजीविका को स्थिरता मिलेगी। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गिग वर्कर्स को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे एक करोड़ से अधिक लोग स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में आएंगे।
भारत के स्टार्टअप और MSME सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सरकार ने ऋण गारंटी की सीमा बढ़ाकर ₹20 करोड़ कर दी है। यह निर्णय नवोदित उद्यमियों को वित्तीय संबल प्रदान करेगा और उन्हें नवाचार के क्षेत्र में सशक्त बनाएगा। यह महत्वपूर्ण कदम ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को और अधिक सुदृढ़ करेगा, जिससे देश का उद्योग जगत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी दमदार पहचान बना सकेगा।
भारत में पर्यटन क्षेत्र को विश्वस्तरीय बनाने के लिए सरकार ने शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों के पुनरुद्धार की महत्त्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इस पहल से न केवल देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को नई पहचान मिलेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त प्रोत्साहन मिलेगा और रोज़गार के असीमित अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही, सड़क, रेल और हवाई संपर्क को और अधिक आधुनिक एवं प्रभावी बनाने के लिए भारी निवेश का प्रावधान किया गया है, जिससे भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर नई ऊंचाइयों को छुएगा और देश की गतिशीलता में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और सशक्त बनाने के लिए सरकार ने जीवनरक्षक दवाओं पर कर छूट की घोषणा की है, जिससे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी। कैंसर और अन्य घातक रोगों के इलाज को किफायती बनाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं। इसके अलावा, देश में चिकित्सा शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए 10,000 नई मेडिकल सीटों का प्रावधान किया गया है, जिससे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए योग्य डॉक्टरों की नई पीढ़ी तैयार होगी।
इस बजट में महिलाओं, युवाओं, गरीबों और समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी गई है। ‘नारी शक्ति योजना’ के तहत महिलाओं को कौशल विकास और स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगी। इसके साथ ही, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए शिक्षा और उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिससे सामाजिक समरसता को बल मिलेगा।
सरकार के इस दूरदर्शी बजट से यह स्पष्ट होता है कि भारत आत्मनिर्भरता और समावेशी विकास की दिशा में एक सशक्त छलांग लगा रहा है। यह बजट न केवल आर्थिक वृद्धि को गति देगा, बल्कि सामाजिक उत्थान और वैश्विक शक्ति बनने के संकल्प को भी मजबूत करेगा। ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर यह बजट एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
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