swatantra prabhat Sampadkiya
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

राहुल गांधी लिखते हैं: मैच फिक्सिंग का एकाधिकार बनाम निष्पक्ष व्यापार - डर के बजाय आज़ादी चुनने का समय।

राहुल गांधी लिखते हैं: मैच फिक्सिंग का एकाधिकार बनाम निष्पक्ष व्यापार - डर के बजाय आज़ादी चुनने का समय। इंडियन एक्सप्रेस में राहुल गाँधी के एक लेख ने राजनितिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया है।  राहुल गाँधी ने लिखा है कि  मूल ईस्ट इंडिया कंपनी 150 साल पहले खत्म हो गई थी, लेकिन एकाधिकारवादियों की एक नई नस्ल...
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विचारधारा  स्वतंत्र विचार 

अब एक और नयी दिल्ली बसने का समय

अब एक और नयी दिल्ली बसने का समय ये दिल्ली किसकी दिल्ली है? ये मुगलों की दिल्ली है ? ये अंग्रेजों की दिल्ली है ? ये आजाद भारत की राजधानी दिल्ली है ? पता नहीं ये किसकी दिल्ली है ? ये दिल्ली किसी की भी दिल्ली हो लेकिन...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

मप्र के जंगलों में मरते हाथी, बढ़ते बाघ

मप्र के जंगलों में मरते हाथी, बढ़ते बाघ मप्र के जंगलों में हाथियों की संख्या कम हो रही है लेकिन बाघों की संख्या घट रही है ।  प्रदेश में पिछले एक हफ्ते में ही अलग-अलग ठिकानों पर 10  हाथियों की रहस्य्मय तरीके  से मौत हो गयी।  मप्र के...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

  इज़राईल- इस क़द्र बेलगाम ? 

  इज़राईल- इस क़द्र बेलगाम ?      फ़िलिस्तीन से लेकर लेबनान तक इज़राईली सैन्य आतंक निरंतर अपना क़हर बरपा कर रहा है। अपने हथियारों और ताक़त के नशे में चूर अमेरिका संरक्षित इज़राईली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू युद्धोन्माद में इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्होंने न केवल...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

इस छोर  अँधेरा है , उस छोर दिवाली है

इस छोर  अँधेरा है , उस छोर दिवाली है जब दीपावली के दुसरे दिन आपके घर अखबार न आये तब इस आलेख  को बार-बार पढ़िए । दीपावली पर आप सभीको हार्दिक शुभकामनायें देते हुए मै गदगद हूँ क्योंकि इस त्यौहार पर मुझे देश में चौतरफा इतनी जगमग दिखाई दे...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

पांच त्योहारों की श्रृंखला दीपोत्सव पर्व

पांच त्योहारों की श्रृंखला दीपोत्सव पर्व समस्त विश्व में दिपावली का त्यौहार हर साल पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दीपावली का त्यौहार एक दिन का त्योहार नही है बल्कि पांच दिनों के त्योहारों की एक श्रृंखला है। दीपावली का पावन पर्व धनतेरस से आरंभ होकर...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

आइये ज्ञान से रोशन दीप-माला से  अज्ञानता के गहन अंधकार को मिटाए। 

आइये ज्ञान से रोशन दीप-माला से  अज्ञानता के गहन अंधकार को मिटाए।  (शुभ दीपावली महापर्व ) दीपावली आशाओं के दीप जलाकर निराशा के अंधियारे को मिटाने का अवसर है। सकारात्मक सोच और अच्छे परिणाम की आशाओं को को लेकर कठिन परिश्रम और मनोबल के साथ जीवन में उत्तरोत्तर प्रगति करना ही दीपावली...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

बेफिक्र रहिये ! न कोई कटेगा और न कोई बटेगा

बेफिक्र रहिये ! न कोई कटेगा और न कोई बटेगा आखिर होसबोले  भी वो ही बोले जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  पिछले कई महीनों से लगातार बोलते आ रहे हैं।  दोनों की  बोली और शब्दों का स्वरूप एक ही है। दोनों देश के बहुसंख्यकों को भयभीत कर रहे...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

न्याय की गांन्धारी की आँखों से पट्टी का हटना सुखद

न्याय की गांन्धारी की आँखों से पट्टी का हटना सुखद कहते हैं की जो होता है सो अच्छा ही होता है।  भारत में न्यायपालिका का प्रतीक चिन्ह आँखों पर पट्टी बंधे हाथ में तलवार लिए एक स्त्री का चित्र था ।  इसे न्याय की देवी कहा और माना जाता है...
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बी एस एन एल : कहीं भीतरघात का शिकार तो नहीं ?

बी एस एन एल : कहीं भीतरघात का शिकार तो नहीं ? भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) भारत सरकार के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) का एक प्रमुख एवं लोकप्रिय उपक्रम है। बीएसएनएल का स्वामित्व दूरसंचार विभाग के पास है और दूरसंचार विभाग संचार मंत्रालय का एक हिस्सा है। भारत सरकार ही...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में कट्टरपंथी अराजकता का तांडव! 

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में कट्टरपंथी अराजकता का तांडव!  बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ क्रूरता पूर्ण अमानवीयता में कोई कमी नहीं आई है। शेख हसीना के सत्ताच्युत हो जाने के बाद से इन में असामान्य रूप से वृद्धि हुई है। बांग्लादेश में इस साल शारदीय नवरात्रि दुर्गा पूजा समारोहों...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

भाजपा की शीला मौसी की पहचान

भाजपा की शीला मौसी की पहचान माँ के बाद रिश्तों में या तो मामा महत्वपूर्ण होते हैं या फिर मौसी। मौसी के गुण माँ से भी ज्यादा होते है।  मौसी जिम्मेदार और चपल होती है, इसलिए हमारे यहां यदि चन्दा कोमामा कहा जाता है तो बिल्ली...
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