हर शनिवार को क्लब फुट बच्चों का होगा मुफ्त इलाज
-जिला अस्पताल में शुरू हुई क्लब फुट क्लीनिक
महोबा । ब्यूरो रिपोर्ट-अनूप सिंह
जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पंजे (क्लब फुट) से ग्रसित छोटे बच्चों के पंजे ठीक हो सकते हैं। यह बच्चे सामान्य तरीके से चल व खेल भी सकते हैं, जिससे उनकी जिंदगी बेहतर बनाई जा सकती है। जिला अस्पताल में प्रत्येक शनिवार को क्लब फुट से ग्रसित बच्चों का निशुल्क इलाज किया जाएगा। यह बातें जिला अस्पताल में क्लब फुट क्लीनिक का शुभारंभ करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. डीके गर्ग ने कहीं।
सीएमओ ने बताया कि अक्सर माता-पिता बच्चों में इस तरह की समस्या होने पर परेशान हो जाते हैं और सही इलाज के बारे में जानकारी न होने के कारण बच्चों का समय से इलाज नहीं हो पाता। इसलिए इस बारे में जिले के सभी सीएचसी के अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि प्रसव के बाद यदि कोई बच्चा क्लब फुट समस्या से ग्रसित दिखता है तो उसके इलाज के बारे में पूरी जानकारी अभिभावकों को दी जाए। उन्होंने बताया कि मिरेकल फीट इंडिया संस्था के सहयोग से ऐसे बच्चों को निशुल्क इलाज दिया जाएगा।
जिला अस्पताल के आर्थोपेडिक सर्जन डा. अनुराग पुरवार ने बताया कि क्लब फुट बीमारी से बच्चों के पैर जन्मजात टेढ़े मेढ़े हो जाते हैं। इसमें सही समय पर सही इलाज द्वारा बच्चे को जीवन भर के लिए दिव्यांग होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी अभिभावक जिनके बच्चे जन्मजात टेढ़े मेढ़े पैर की समस्या से जूझ रहे हैं वह जिला अस्पताल में प्रत्येक शनिवार को आकर बच्चे का निशुल्क इलाज और उचित परामर्श ले सकते हैं। मिरेकल फीट इंडिया के जिला समन्वयक दुर्गा प्रसाद ने बताया कि उनकी संस्था प्रदेश के सभी जनपदों में ऐसे बच्चों के इलाज के लिए क्लीनिक चला रही है। उनके मोबाइल 9616892316 पर भी संपर्क कर क्लब फुट से ग्रसित बच्चों के अभिभावक इलाज संबंधी जानकारी ले सकते हैं।
इस मौके पर एसीएमओ डा. वीके चौहान, सीएमएस डा. आरपी मिश्रा, डीपीएम ममता अहिरवार, डा. योगेंद्र कुमार, डीएमओ आरपी निरंजन इत्यादि मौजूद रहे।
क्या होता है क्लब फुट
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें नवजात के एक या दोनों पंजे अंदर और नीचे की ओर मुड़े होते हैं। डा. पुरवार ने बताया कि क्लब फुट का इलाज पोनसेटी विधि के अनुसार होता है। इसके तीन चरण होते हैं। पहले चरण मे पंजे को व्यवस्थित तरीके से उसकी सही स्थिति में लाकर उस पर प्लास्टर चढ़ाते हैं जिसे कास्टिंग कहते हैं। इस प्रक्रिया में 4 से 8 हफ्ते तक का समय लगता है और बच्चे को किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता। दूसरा चरण टेनोटॉमी-अधिकतर बच्चों के मामले में एड़ी (एकिलीज टेड़ान) में एक मामूली से कट की जरूरत पड़ती है जिससे पंजा ऊपर व नीचे हरकत करने लायक हो जाता है। इस विधि में 3 हफ्ते का समय लगता है। तीसरे चरण ब्रेसिंग में पंजे को सही स्थिति में रखने के लिए दो जूतों वाली छड़ (ब्रेस) का उपयोग होता है। जब प्लास्टर हटाते हैं तो उसके तुरंत बाद बच्चे को ब्रेस बनाए जाते हैं। ब्रेस तीन महीनों तक दिन रात पहनना चाहिए जिससे परिणाम बेहतर आते हैं।
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