अंग्रेजी सीखने वालों के लिए खुश खबरी,ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा सिखाया जा रहा है अंग्रेजी बोलना।

अंग्रेजी सीखने वालों के लिए खुश खबरी,ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा सिखाया जा रहा है अंग्रेजी बोलना।

लखनऊ(राजधानी)राजधानी इस समय उत्तर प्रदेश में दूसरा करोना हॉटस्पॉट बन चुका है ,रोज नए केसेस सामने आने से स्थिति और गंभीर बनती जा रही है।जिससे लाकडाउन यहां जल्दी खत्म होने की उम्मीद नहीं बची है। जिससे कुछ प्राइवेट कोचिंग संस्थान के अध्यापक और मालिक इस नाजुक मौके पर घर में आराम फरमाने का बेहतरीन अवसर


लखनऊ(राजधानी)
राजधानी इस समय उत्तर प्रदेश में दूसरा करोना हॉटस्पॉट बन चुका है ,रोज नए केसेस सामने आने से स्थिति और गंभीर बनती जा रही है।जिससे लाकडाउन यहां जल्दी खत्म होने की उम्मीद नहीं बची है। जिससे कुछ प्राइवेट कोचिंग संस्थान के अध्यापक और मालिक इस नाजुक मौके पर घर में आराम फरमाने का बेहतरीन अवसर मान रहे है।

लेकिन कई तरह की समस्याओं के बीच भी कुछ शिक्षण संस्थान ऐसे हैं जो लोगों की बेहतरी के लिए कई तरह से सहयोग दे रहे है। इसी कड़ी में अमेरिकन इंस्टीट्यूट आफ इंग्लिश लैंग्वेज कोचिंग संस्थान ने अपने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लास के द्वारा उन्हें अंग्रेजी बोलना और लिखना सिखाने का बीड़ा उठाया है।

जिससे सभी विद्यार्थी वर्ग में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। अमेरिकन इंस्टीट्यूट आफ इंग्लिश लैंग्वेज के डायरेक्टर मनीष राघव से बात करते हुए हमें जानकारी मिली की उनकी सभी ब्रांच के टीचर्स अपने छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस देकर उन्हें अंग्रेजी बोलने में परिपक्व कर रहे हैं यहां के टीचर्स छात्रों के साथ पहले से भी ज्यादा मेहनत करके अपने छात्रों को अंग्रेजी बोलने का अभ्यास करा रहे है।

अंग्रेजी सीखने वालों के लिए खुश खबरी,ऑनलाइन क्लासेज के द्वारा सिखाया जा रहा है अंग्रेजी बोलना।

राघव ने बताया कि जैसे ही उन्हें लॉक डाउन का पता चला उन्होंने 1 अप्रैल से ऑनलाइन क्लासेस की ट्रेनिंग शुरू करवा दी थी आज शहर के ही नहीं बल्कि शहर के बाहर के भी छात्र उनकी संस्था के द्वारा चलाई गई ऑनलाइन क्लासेस का फायदा उठा रहे हैं और घर बैठे ही अंग्रेजी सीख रहे हैं।मनीष राघव ने बताया कि लॉक डाउन खत्म होने के बाद यही छात्र आसानी से उनकी संस्था पर जाकर अपनी क्लास को जारी रखते हुए पढ़ाई कर सकते हैं।

वहीं छात्रों को सावधान करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय खाली बैठने का नहीं है यह समय अपने अंदर कुछ अच्छे बदलाव लाने का है जिससे कि छात्रों को आने वाले कठिन समय में ज्यादा परेशानियों का सामना ना करना पड़े और वह अपने अंदर एक अच्छी स्किल्स का भी निर्माण कर सकें। राघव ने बताया कि उनके यहां शबाना खान, विजय जोशी, आदर्श कुमार, सपना, राज, चेतन, प्रियंका, शीलू, आदि टीचर्स इन क्लासेस को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस बेहतरीन पहल पर एक कहावत याद आती है जान भी, जहान भी, और शिक्षा भी।

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