कालाबाजारी के लिए जा रहा था सरकारी अनाज, शिकायत पर पुलिस ने लिया कब्जे में
जिले के अधिकारियों पर उठ रहा बड़ा सवाल राशन वितरण में कैसे बच रहा कोटेदारों के पास राशन मिलीभगत का अंदेशा
स्वतंत्र प्रभात
गोंडा।
जिले में आए दिन प्रति यूनिट कम राशन वितरण कि वह कालाबाजारी की होती रहती है शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नहीं की जाती कोई कार्यवाही गरीबों के राशन पर कोटेदारों की पहली नजर मौका मिलते ही करते हैं कालाबाजारी। उत्तर प्रदेश सरकार के सख्त दिशा निर्देशों के बावजूद भी कोटेदारों के द्वारा की जा रही अनाज की कालाबाजारी इटियाथोक थाना क्षेत्र के धर्मेई गांव के पास सोमवार सुबह बिकने जा रहे सरकारी राशन के 22 बोरी गेहूं व चावल को ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने कब्जे में ले लिया। इस कार्रवाई से राशन बेचने जा रहे आरोपियों में हड़कंप मच गया।
पुलिस ने वाहन के चालक को हिरासत में लिया है।सोमवार की सुबह थाना इटियाथोक पुलिस को सूचना मिली कि सरकारी राशन का गेहूं-चावल बिकने जा रहा है।पुलिस ने मौके पर जाकर देखा तो ट्रैक्टर-ट्राली में लदे बोरो में गेहूं और चावल भरा मिला। फिलहाल, पुलिस ने चालक को हिरासत में लेकर अनाज लदे वाहन को कब्जे में लिया है।सूचना पर क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक हरिवंश यादव व एआरओ भानु प्रताप सिंह ने थाने में पहुंचकर खाद्यान्न की जांच की। उन्होंने बताया 16 बोरी चावल और 6 बोरी गेहूं कब्जे में लिया गया है लिखा पढ़ी की जा रही है। मामले में उप जिलाधिकारी सदर विनोद कुमार सिंह का कहना है कि पूर्ति निरीक्षक को जांच के निर्देश दिए गए हैं।
राशन वितरण में अनियमितता तथा कम राशन वितरण के संबंध में आए दिन होती है शिकायतें की जाती लीपापोती
जिले में आनाज वितरण के बावजूद कैसे होती है कालाबाजारी उठा बड़ा सवाल दूसरी तरफ जिले के कई ग्राम पंचायतों में राशन वितरण में गड़बड़ी प्रति यूनिट कम राशन दिए जाने का मामला प्रकाश में आता रहता है लेकिन अधिकारियों के द्वारा लगातार इस पर जांच ना करके की जाती है लीपापोती जिले के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी उठ रहा सवाल कि जिले के कोटेदारों द्वारा राशन वितरण के बावजूद भी कैसे बच जाता है राशन कहीं ऐसा तो नहीं कि जिले के अधिकारी भी हो रहे शामिल जांच होगी तो कोटेदारों अधिकारियों के ऊपर से उठेगा पर्दा।
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