निजी स्कूल ट्रांसपोर्ट से भूसे की तरह भरकर बच्चों की जिंदगी से कर रहे खिलवाड़

निजी स्कूल ट्रांसपोर्ट से भूसे की तरह भरकर बच्चों की जिंदगी से कर रहे खिलवाड़

धर्मेन्द्र राघव
अलीगढ़,। कोतवाली अतरौली  क्षेत्र के कुछ निजी स्कूलों में ट्रांसपोर्ट बच्चों की जिंदगी से कुछ इस तरह खिलवाड़ कर रहे हैं जो नियम के विरुद्ध है। ग्राम सूरतगढ़ स्थित अनारा देवी पब्लिक स्कूल के ट्रांसपोर्ट से भूसे की तरह भरकर बच्चों को विद्यालय ले जा रहे हैं।

अविभावक भी स्कूलों की इस मनमानी के आगे बेबस
शहरी और आस पास के गावों में चल रहे निजी स्कूल स्कूली वाहनों को नियमों को ताक पर चलाकर खुलेआम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड कर रहे है। स्कूल बसों का प्रयोग ना कर खुले आम ऐसे स्कूल थ्री व्हीलर, वैन सहित अन्य चौपहिया वाहनों में स्कूली बच्चों को भेड बकरियों की तरह ठूंस ठूंस कर स्कूल लाने ले जाने का काम कर रहे है। स्कूल संचालकों की इस मनमानी के चलते जहां सरकारी तंत्र मूकदर्शन बना हुआ है वहीं बच्चों के अविभावक भी स्कूलों की इस मनमानी के आगे बेबस है। ऐसे में स्कूली बच्चों अपनी जान को जोखिम में डालकर ऐसे वाहनों में सफर करने को मजबूर है।

अलीगढ़ में शहर ही नहीं बल्कि आस पास के गांवों में दर्जनों निजी स्कूल खुले हुए है। इन स्कूलों में दूर दराज से आने वाले बच्चों के लिए बसे, थ्री व्हीलर व वैन सहित अन्य फोर व्हीलर चलाए हुए है। स्कूल संचालक बच्चों को स्कूल तक लाने व वापस घर तक ले जाने के लिए अविभावकों से मनमाना चार्ज वसूल करते है लेकिन सुविधाओं के नाम पर इन बच्चों को वाहनों में क्षमता से अधिक भरकर व वाहनों के पीछे लटकाकर इन्हें स्कूल लाने व ले जाने का काम कर रहे है। जिला पुलिस जिले भर के स्कूलों में जाकर यातायात के नियमों के बारे में भले ही जागरुक कर रही हो लेकिन ऐसे स्कूलो पर पुलिस के इस अभियान का कोई प्रभाव नहीं पड रहा बल्कि ऐसे स्कूली वाहन नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम सडको पर दौड रहे है।

कंडम वाहन व अप्रशिक्षित ड्राईवरो के हाथ में स्कूली बच्चों की जिंदगीः-
शहर सहित गावों में चल रहे निजी स्कूलों की अधिक्तर बसें ऐसी है जो पूरी तरह कंडम है, ऐसे वाहनों में बच्चों के साथ कभी भी कोई बडा हादसा हो सकता है। इसके अलावा ऐसे वाहनों की फिटनेस तक नहीं है। बडे बडे शहरो में चलने वाने स्कूलों से खरीदकर लाए गए ऐसे वाहन कंडम घोषित किए हुए है लेकिन इसके बावजूद भी नीजि स्कूल संचालक ऐसे वाहनों मे बच्चों को बैठाकर उनकी जीवन से खिलवाड करने में लगे हुए है। ऐसे अधिक्तर वाहन चालको के पास लाइसेंस व प्रशिक्षण का भी अभाव है। स्कूल प्रशासन के सामने बच्चों के अविभावक भी मजबूर है। मासूमों की जान से खिलवाड़...परिवहन विभाग की सख्ती बेअसर, स्कूल बस और ऑटो मेंफिर दिखी ओवरलोडिंग जिला परिवहन विभाग की सख्ती का कोई असर स्कूल बसों, स्कूल वैन और ऑटो पर नहीं दिख रहा है।


जिले में परिवहन विभाग की सख्ती का कोई असर स्कूल बसों, स्कूल वैन और ऑटो पर नहीं दिख रहा है।
कई स्कूल बसों में ड्राइवर बिना यूनिफॉर्म के थे। क्षमता से अधिक स्कूली बच्चे बसों में सवार थे, पर बस, ऑटो व वैन चालक बेखौफ सड़कों पर फर्राटा भरते रहे।
आरटीओ की चेतावनी के बाद भी ओवरलोडिंग व सुरक्षा के इंतजाम में कोई बदलाव नहीं आया। पहले की तरह ही नौनिहालों की जान से खिलवाड़ जारी रहा। वहीं, अनफिट वाहनों को नोटिस भेजेने के बाद भी ये सड़कों पर बिंदास चल रहे हैं।

हालात ऐसे तब जब बस व ड्राइवर पर मान्यता की जिम्मेदारी
जिला प्रशासन के अनुसार बस की हालत और ड्राइवर पर अब स्कूल की मान्यता की भी जिम्मेदारी रहेगी। ड्राइवर ने अगर सड़क
सुरक्षा मानकों की तीन बार अनदेखी की तो संबंधित स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। स्कूल बस में ओवरलोडिंग मिलने पर
प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई होगी। पहली बार जिला सुरक्षा समिति के निर्देशों का उल्लंघन करने पर स्कूल प्रबंधन को चेतावनी दी
जाएगी और इसका रिकॉर्ड रखा जाएगा। दूसरी बार उसी स्कूल की बस में गड़बड़ी मिली, तो बस जब्त कर ली जाएगी। तीसरी बार गलती करने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।

इनका कहना है..
आरटीओ प्रशासन हरिशंकर सिंह ने कहा, ’स्कूल बसों की जांच की गई। जिन बसों में कमियां पाई गईं उन्हें नोटिस दिया गया है। अगली बार से बसें जब्त की जाएंगी । स्कूलों में जाकर भी प्रशासन की ओर से अनफिट, बिना रोड टैक्स और सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।’

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