उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के भ्रष्ट आईएएस अधिकारी, कलंक कथा-2
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार की एक अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (अब सेवा निवृत) आयुष विभाग की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव रही आराधना शुक्ला के द्वारा यूपी आयुष सोसाइटी से सांठ गाँठ करके किये गए सीसीटीवी कैमरा घोटाले से सम्बंधित है
विशेष संवाददाता, स्वतंत्र प्रभात, लखनऊ
भारतीय प्रशासनिक सेवा का पद सम्मान का पद होता है, लाखों का वेतन, भत्ते, गाड़ी, बँगला, नौकर चाकर, सुरक्षाकर्मी, अनेको सुख सुविधाओं के बाद भी आईएएस अधिकारी भ्रष्ट हो जाता है, दिनांक 16 जून 2023 के अंक में प्रकाशित समाचार में शीर्षक उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के भ्रष्ट आईएएस अधिकारी, कलंक कथा 1 में पाठकों ने उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रशांत त्रिवेदी के काले कारनामे और भ्र्ष्टाचार की कथा को पढ़ा था,

आराधना शुक्ला-आईएएस अधिकारी (अब सेवा निवृत)
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार की एक अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (अब सेवा निवृत) आयुष विभाग की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव रही आराधना शुक्ला के द्वारा यूपी आयुष सोसाइटी से सांठ गाँठ करके किये गए सीसीटीवी कैमरा घोटाले से सम्बंधित है, मामला कुछ इस प्रकार से है, उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग द्वारा 871 आयुष वेलनेस सेंटर्स, 19 आयुष महाविद्यालयों और 11 पचास शैया आयुष अस्पतालों के लिए सीसीटीवी कैमरा और बायोमेट्रिक अटेंडेंस की मशीनो की खरीद की जानी थी,

Mahendra Verma Lucknow
जिसके लिए तत्कालीन अपर मुख्य सचिव आयुष विभाग आराधना शुक्ला द्वारा उत्तर प्रदेश आयुष सोसाइटी को निविदा करने के लिए अधिकृत कर दिया, यूपी आयुष सोसाइटी द्वारा सीसीटीवी कैमरा और बायोमेट्रिक अटेंडेंस की मशीनो की खरीद के लिए 21 जनवरी को जेम पोर्टल पर निविदा निकाली गयी थी, उक्त निविदा निकलने से पहले ही घोटाले की पटकथा तैयार कर ली गयी थी,
उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के भ्रष्ट आईएएस अधिकारी, कलंक कथा 1
उक्त निविदा में सप्लायर खदरा निवासी प्रतीक गुप्ता मालिक फर्म प्रतीक एंटर प्राइज से सांठ गाँठ करके पहले से ही चीनी कंपनी हॉक विजन के स्पेसिफिकेशन डाले गए और फिर 29 जनवरी को 30 मिनट के भीतर जेम पोर्टल पर तीन सप्लायर ने निविदा डाली, प्रतीक इंटरप्राइज, शिवगंगा इलेक्ट्रिकल, त्रयंबकेश्वर गोदावरी ट्रेडर्स, यह तीनो लखनऊ स्थित फर्मे है और कोई भी निर्माता नहीं है, किसी के पास भी किसी सरकारी विभाग में इन उपकरणों की पूर्व सप्लाई का अनुभव नहीं था,
जोकि निविदा की महत्वपूर्ण शर्तों में से एक था और तीनो फर्मों की दरों में ज्यादा अंतर नहीं है, इसके अतिरिक्त चीनी कंपनी हॉक विजन के उत्पाद बेहद घटिया है और यह कंपनी कई देशों में ब्लैकलिस्टेड है, और इस कंपनी पर भारत में जासूसी का भी आरोप है, परन्तु उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के घोटालेबाज़ अफसरों को इन सबसे कोई लेना देना नहीं है, देश हित से ऊपर उनका भ्र्ष्टाचार है, अपने स्वार्थ सिद्धि को देखते हुए 2 मई को प्रतीक इंटर प्राइज को करोड़ों का क्रय आदेश जारी कर दिया गया है, जो कैमरा बाजार में 2000 रूपये का है उसे 6715 रूपये प्रति कैमरे की दर से, और बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन 9495 रूपये प्रति की दर से खरीदी गयी है जो बाजार में लगभग 5000 रूपये में उपलब्ध है,

PRATEEK GUPTA Lucknow
शासन में शिकायत होने पर प्रमुख सचिव आयुष लीना जौहरी द्वारा उत्तर प्रदेश आयुष सोसाइटी मिशन निदेशक आईएएस महेंद्र वर्मा को जांच सौपी गयी है, आईएएस महेंद्र वर्मा द्वारा 6 सदस्य की जांच कमिटी का गठन किया गया है, परन्तु जांच के नाम पर खानापूर्ति करके अंदरखाने से प्रतीक एंटरप्राइज को भुगतान की तैयारी चल रही है और कुछ ही दिनों में उसको भुगतान होने वाला है, यह है उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार के घोटाले बाज़ आईएएस अधिकारीयों का सच, स्वास्य्थ विभाग भृष्ट अफसरों के लिए वरदान है, अब समझना यह है की स्वास्थ्य विभाग में तैनात अधिकारी घोटाला करते है या घोटालेबाज़ अधिकारीयों की ही तैनाती स्वास्थ्य विभाग में की जाती है,
क्युकी किसी भी जांच में किसी भी अधिकारी को सजा नहीं हुयी है, स्वास्थ्य का बड़ा बजट गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा देने के नाम पर इस्तेमाल किया जाता है परन्तु गरीब अस्पतालों में मरता रहता है और घोटालेबाज़ ऐश करते रहते है, सरकार में किसका वरदहस्त प्राप्त है इन घोटालेबाज़ों को यह भी बड़ा सवाल है ??
अगले शुक्रवार एक नए घोटालेबाज़ आईएएस के काले कारनामों के साथ आपका अपना दैनिक स्वतंत्र प्रभात
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