महिला सीएमएस व महिला ही डीएम फिर भी प्रसूताओं के भोजन, नाश्ता पर डाला जा रहा डाका

दूध, दही, ब्रेड, मक्खन, फल, सलाद, अंडा प्रसूता की थाली से नदारद सीएमएस के संरक्षण में दिया जा रहा मानक विपरीत पौष्टिक पदार्थ रहित नाश्ता व भोजन

महिला सीएमएस व महिला ही डीएम फिर भी प्रसूताओं के भोजन, नाश्ता पर डाला जा रहा डाका

आखिर कैसे भ्रष्ट और रिश्वतखोरी के महकमे में फैले साम्राज्य से निपटेगी नवागत जिलाधिकारी 

शासन द्वारा जारी मीनू को ताक पर रखकर सीएमएस की मर्जी अनुरूप नाश्ता और भोजन दे भ्रष्टाचार तथा अवैध वसूली और लूट खसोट किए जाने के प्रसुताओं व उनके तीमारदारों ने लगाए गंभीर आरोप
 
लखीमपुर खीरी। मामला जिला महिला अस्पताल और जनपद की समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से जुड़ा हुआ है। जहां पर सीएमएस और सीएमओ की मिलीभगत से जमकर भ्रष्टाचार करते हुए प्रसूताओं के हकों पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। गौरतलब हो कि जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला प्रसव के पूर्व या प्रसव के बाद अस्पताल में एडमिट होती है तो उसे पौष्टिक पदार्थों से परिपूर्ण दोपहर और रात का भोजन एवं सुबह का नाश्ता निशुल्क दिए जाने का प्रावधान है। प्रसूता महिलाओं को  प्रतिदिन बदल बदल कर नाश्ता और भोजन मीनू द्वारा दिए जाने का प्रावधान है। जिसमें एक गिलास दूध के साथ दो अंण्डा, दलिया, पोहा ,ब्रेड चार पीस, 10 ग्राम मक्खन दिया जाना है।
 
वहीं भोजन में दोपहर के समय  चार रोटी दाल मौसमी सब्जी, चावल, सलाद, और रात को  चार रोटी, मौसमी सब्जी ,चावल व मौसमी फल में सेब, संतरा, केला, एक गिलास दूध तथा दही देनाहोता है। लेकिन भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा जिला महिला अस्पताल प्रशासन शासन द्वारा जारी मेन्यू का मजाक उड़ाया जा रहा है। संपादक के सरकारी अस्पतालों में जिला महिला अस्पताल एवं पुरुष अस्पताल सहित जनपद की संपूर्ण सीएचसी एवं पीएचसी में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का बड़ा साम्राज्य अपनी गहरी जगह जमा चुका है जिसे हिला पाना बड़ा मुश्किल दिखाई पड़ रहा है इससे पहले के जिलाधिकारी के कार्यकाल में ट्रस्ट और वोट खोल कर्मचारी अधिकारी सहायक की तरह के पीछे लगे रहते थे और जिले की चौपट योजनाओं और शिकायतों पर पूर्व जिला अधिकारी को गुमराह करते रहे
 
जिसके चलते आम आदमी का विश्वास सरकार और अफसर से उठ गया और भाजपा को जनपद में करारी हार का सामना करते हुए दोनों लोकसभा सिम भवानी पड़ी ऐसे में रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारी गणों से नवागढत जिला अधिकारी कैसे निपटेगी सवाल खड़ा होता है जिले में कई पैसे कर्मचारी और अधिकारी हैं जिन्होंने करोड़ की अवैध वसूली की है और फिर भी वह पूर्व जिला अधिकारी के कम खास बने रहे हर एक कार्यक्रम में पूर्व डीएम के आगे पीछे देखे जाते रहे जिससे आमजन जिला अधिकारी से अपनी बात विभाग तरीके से नहीं कहा पाया था प्रणाम यह रहा जिले में जनता परेशान होती रही जिले में बढ़ते भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जिला महिला अस्पताल में आने वाली पुरुषोत्तम को सरकार द्वारा मिलने वाले निशुल्क पार्टी का आहार पर खुलेआम ढाका डाला जा रहा है।
 
बताते चलें कि जिला महिला अस्पताल में भर्ती होने वाली प्रसूताओं सरकार की ओर से निशुल्क पौष्टिक भोजन व नाश्ता दिये जाने का प्रावधान है जिसमें दूध के अलावा अंडा ,दलिया, पोहा ,ब्रेड व मक्खन बदल-बदल कर दिए जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा दी गई है ।इसके साथ ही मौसमी फल दिए जाने का प्रावधान है।  जिला महिला अस्पताल में भर्ती कई प्रसुताओं के तीमारदारों ने नाम न छापने की शर्त पर हकीकत बयां करते हुए बताया सुबह केवल दलिया आता है और खाने के नाम पर पानी युक्त दाल रोटी और आलू की सब्जी के साथ चार रोटी ही आती है । यह आरोप कई प्रसूताओं ने अपना नाम गुप्त रखने व नाम पता बताएं बगैर लगाए हैं। प्रसूता निधि देवी की माने तो फल अंडा जैसी अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री कभी नहीं दी जाती हैं।वहीं ठेकेदार प्रजापति ने बताया कि इस संबंध में आप सीएम एस मैडम से बात कर लो उन्ही के अनुसार नाश्ता और भोजन का वितरण किया जाताहै।
 
उक्त मामले में सूचनाअधिकार अधिनियम केतहत कुल 5बिंदु पर आधारित सुचनाएं चाही गई है। सूचना मिलने के बाद होगा दूध का दूध और पानी का पानी। विभागीय विश्वसनीय सूत्रों द्वारा नाम न छापने की शर्त पर दी गई जानकारी के अनुसार जिला महिला अस्पताल में कदम-कदम व्याप्त र्भ्रष्टाचार से मरीजों को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ती हैं ।यहां पर बगैर पैसा कोई काम संभव नहीं रह गया है। अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मियों की माने तो अल्ट्रासाउंड करवाने पर ₹200 खून जांच में भी अवैध वसूली किए जाने की जानकारी विश्वासनीय सूत्रों द्वारा दी गई है। डिलीवरी नार्मल हो या सीजर चढ़ावा चढाए बगैर कोई काम संभव नहीं हो सकता है।  सभी मामलों में पैसा वसूले जाने का मामला चर्चा का विषय बना है ।जिला महिला अस्पताल में तैनात कर्मचारियों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि महिला अस्पताल का संचालन सीएमएस के बेहद गरीबी माने जाने वाले लोकेश के द्वारा किया जाता है।
 
यह सारी अवैध वसूली और मानक विपरीत नाश्ता भोजन इन्हीं के इशारे पर वितरित किया जाता है ।जिसका एक बड़ा हिस्सा लोकेश तक जाने की बात चर्चा का विषय बनी है ।जिला महिला अस्पताल में कर्मचारियों अधिकारियों की स्थिति बेहद खराब है कई ऐसे कर्मचारी हैं जो घूसखोरी के लिए विवादों से घिरे रहे हैं। और आम जनता से वसूली करने में माहिर माने जाते हैं ।इन भ्रष्ट और घूसखोरी के बड़े साम्राज्य के बीच नवागत जिला अधिकारी के सामने बड़ी चुनौती है वह इसे स्वीकार कर भ्रष्टाचार की जड़े हिलाने में कितना सफल होती हैं ।वह इसेसे कैसे निपटने में सक्षम होगी? कैसी रणनीति बनाएंगी?जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों के चेहरे की हकीकत उनके सामने तक पहुंच सके ,और जिला महिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की जडे कमजोर हो सके तथा आने वाले आम मरीज खुशहाल हो और योगी सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का सपना साकार हो सके।

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