जय भीम पद यात्रा का आयोजन,सैकड़ों युवाओं ने लिया भाग 

उच्च शिक्षा  मंत्री ने कहा कि प्रकृति में आरंभ से ही सामाजिक समरसता और समता का भाव रहा है।

जय भीम पद यात्रा का आयोजन,सैकड़ों युवाओं ने लिया भाग 

स्वतंत्र प्रभात
लखनऊ।
 
 
रविवार को युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय भारत सरकार के संस्थान में भारत के तत्वाधान में नेहरू युवा केंद्र संगठन एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित जय भीम पदयात्रा का आयोजन किया गया जिसमें
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने रविवार  को लखनऊ स्थित मरीन ड्राइव चौराहा से राज्य स्तरीय "जय भीम पदयात्रा" का शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर किया।
 
यह पदयात्रा डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती की पूर्व दिवस पर आयोजित की गई, जिसमें सैकड़ों युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंत्री ने युवाओं के साथ कदम मिलाते हुए मरीन ड्राइव चौराहा से अम्बेडकर स्मृति स्थल तक पदयात्रा की, जो सामाजिक न्याय, समानता और संविधान के मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
 
कार्यक्रम की शुरुआत उच्च शिक्षा मंत्री ने सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल पर डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर मौन श्रद्धांजलि के साथ की। इसके बाद युवाओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया और डॉ. अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके विचारों को उपस्थित जनसमूह के समक्ष रखा। 
 
अपने संबोधन में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न केवल भारत के संविधान निर्माता थे, बल्कि वे एक महान समाज सुधारक, चिंतक और न्यायप्रिय नेता भी थे।
 
 उन्होंने जीवन भर सामाजिक असमानता के विरुद्ध संघर्ष किया और शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख साधन माना। उन्होंने 'शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो' का जो संदेश दिया था, वही आज के युवाओं के लिए सबसे बड़ा पथप्रदर्शक है।”
 
IMG-20250413-WA0319 डॉ. अम्बेडकर ने इस विचार को संविधान में मूलभूत अधिकारों और कर्तव्यों के माध्यम से सशक्त किया।
 
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे संविधान के मूल्यों को आत्मसात करते हुए समावेशी समाज के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। भारत एक है और हमें समतामयी,  ममतामयी समाज की स्थापना करनी है।
 
मंत्री उपाध्याय ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में माय भारत नेहरू युवा केंद्र और राष्ट्रीय सेवा योजना के युवाओं के द्वारा ‘जय भीम पदयात्रा’ जैसे आयोजनों के माध्यम से बाबा साहब के विचारों को घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है।
 
उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक जन-जागरण अभियान है, जो युवाओं को सामाजिक समता, बंधुत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रेरित करती है।
 
रजिस्ट्री पदयात्रा मार्ग  में युवाओं ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए संविधान और सामाजिक न्याय के संदेश को जनमानस तक पहुँचाया।
 
 

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