पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद की हौसला तोड़ने में सफल रहा भारत

पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद की  हौसला तोड़ने में सफल रहा भारत

देशभर में लोग सड़कों पर उतर आये, युवाओं का खून खौलने लगा, सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाई पुलवामा हमले का दृश्य देखकर पूरा देश भावुक और हमले से आक्रोशित था। देखते ही देखते देशभर में लोग सड़कों पर उतर आये, युवाओं का खून खौलने लगा, सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाई और पाकिस्तान को

देशभर में लोग सड़कों पर उतर आये, युवाओं का खून खौलने लगा, सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाई

पुलवामा हमले का दृश्य देखकर पूरा देश भावुक और हमले से आक्रोशित था। देखते ही देखते देशभर में लोग सड़कों पर उतर आये, युवाओं का खून खौलने लगा, सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाई और पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग की।वैसे तो 14 फरवरी का दिन प्रेम के नाम समर्पित है और लोग इसे वैलेंटाइन डे के नाम से जानते हैं लेकिन 14 फरवरी 2019 का दिन भारत के लिए काफी दर्दनाक रहा क्योंकि इस दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। सभी शहीद जवानों को नमन करते हुए हम आपको लिए चलते हैं फ्लैश बैक में और एक बार फिर याद दिलाते हैं कि उस दिन और उसके बाद क्या-क्या हुआ था। दिन था गुरुवार, वक्त था दोपहर के 3.30 बजे…सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा था

और घर पर छुटि्टयां बिता कर लौटे सीआरपीएफ के जवान बसों में सवार होकर गाने गाते और एक दूसरे से हँसी मजाक करते हुए श्रीनगर की ओर जा रहे थे कि अचानक कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों के काफिले से एक गाड़ी टकराई और भयंकर धमाके के बाद सड़क पर क्षत-विक्षत शव नजर आने लगे। यह दृश्य ऐसा था कि कोई भी इसे देख नहीं सकता था। देखा जाये तो कश्मीर में जवानों पर हुआ तीन दशक का ये सबसे बड़ा हमला था। इस हमले से पूरा देश सदमे में आ गया। इस हमले को अंजाम देने वाला आतंकवादी था 20 साल का आदिल अहमद डार जिसकी गाड़ी में लदा था 350 किलो से ज्यादा विस्फोटक। आदिल अहमद डार ने ही अपनी गाड़ी को सीआरपीएफ के काफिले की बस से टकरा दिया था। 78 गाड़ियों के काफिले में शामिल इस 5वीं बस से जब आदिल अहमद डार ने अपनी गाड़ी से टक्कर मारी तो बस के और खुद आदिल अहमद डार के परखच्चे उड़ गये।

पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद की  हौसला तोड़ने में सफल रहा भारत

चारों तरफ शवों का ढेर और खून पड़ा हुआ था। टक्कर से हुआ धमाका इतना जबरदस्त था कि कुछ देर के लिए जैसे पूरे इलाके में सन्नाटा पैदा हो गया। अन्य वाहनों में सवार जवानों ने जब तक होश संभाला तब तक घटनास्थल का पूरा मंजर बेहद खौफनाक हो चुका था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो चुके थे और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे जोकि अब भी जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं। पुलवामा हमले का दृश्य देखकर पूरा देश भावुक और हमले से आक्रोशित था। देखते ही देखते देशभर में लोग सड़कों पर उतर आये, युवाओं का खून खौलने लगा, सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाई और पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग की,

देश में बढ़ रहे गुस्से को जायज ठहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वस्त किया कि पुलवामा हमले का बदला लिया जायेगा,

पूरे विश्व ने इस घटना की निंदा की, यही नहीं सीआरपीएफ के जवानों ने भी कई शहरों में कैंडल मार्च निकाला, देश में बढ़ रहे गुस्से को जायज ठहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वस्त किया कि पुलवामा हमले का बदला लिया जायेगा, उन्होंने कहा कि आतंकवादी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं और इसकी सजा देने के लिए समय तथा स्थान तय करने का अधिकार सेना को दे दिया गया है। प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं झुकने दूँगा।

मोदी सरकार ने एक तरफ सेना को खुली छूट प्रदान की तो दूसरी तरफ पाकिस्तान पर राजनयिक दबाव बढ़ाना भी शुरू कर दिया, पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी छीन लिया गया। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए चेतावनी दी कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है। देशभर की निगाहें सरकार और सेना के कदम पर लगी हुई थीं। उधर एनआईए और अन्य सुरक्षा एजेंसियां पुलवामा हमले की जाँच में जुट गये थे। देश में चूँकि लोकसभा चुनाव होने वाले थे इसलिए विपक्ष ने पुलवामा हमले को खुफिया विफलता बताते हुए मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया था और एकाएक राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बन चला था। गौरतलब है कि हमले के तुरंत बाद इसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली।

जैश-ए-मोहम्मद ने आदिल का एक वीडियो भी जारी किया जिससे पता चला कि आदिल काकापोरा का रहने वाला था और एक साल पहले ही जैश में शामिल हुआ था। सुरक्षा बल इस हमले के मास्टरमाइंडों को ठिकाने लगाने में तेजी से जुट गये और पहली सफलता 18 फरवरी को तब मिली जब सेना ने पुलवामा हमले के जिम्‍मेदार जैश-ए-मुहम्‍मद के दो कमांडरों को ढेर कर दिया। मारे गए दोनों कमांडरों की पहचान अब्दुल रशीद गाजी और कामरान के तौर पर की गई। इनमें गाजी तो आतंकवादी अजहर मसूद का रिश्तेदार था। इस कामयाबी के लिए सेना को अपने चार जवानों की शहादत भी देनी पड़ी थी। पुलवामा हमले के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में जगह-जगह आतंकवादियों से मुठभेड़ें शुरू हो गयीं और आतंकवादी ठोंके जाने लगे लेकिन इस दौरान हमारे कुछ जवान भी शहीद हुए। सीआरपीएफ के 40 जवानों के क्षत-विक्षत शव जब उनके गांव और घरों में पहुँच रहे थे

तो सारा माहौल गमगीन और आक्रोश से भर जा रहा था। भारत माता की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों के बीच सरकार पर हमले का बड़ा बदला लेने और 40 के बदले 400 सिर लाने का दबाव बढ़ाया जा रहा था। दूसरी ओर सरकार भी एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी में पूरी तल्लीनता के साथ जुटी हुई थी। आखिरकार फरवरी माह में ही 26 तारीख को वह दिन आ गया जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बालाकोट में जब्बा टॉप पर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी कैम्पों को तबाह कर दिया। भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में हमले के लिए 12 मिराज-2000 फाइटर जेटों को हमले के लिए भेजा था। 26 फरवरी को तड़के 3.30 बजे 12 मिराज-2000 ने कई एयर बेस से उड़ान भरी थी। ये फाइटर जेट पाकिस्तानी सीमा में घुसे और खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाना शुरू कर दिया।

रिपोर्टों के मुताबिक आतंकवादियों के ठिकानों पर 5 स्पाइस 2000 बम फेंके गये। इसमें से 4 बम उन भवनों पर गिरे थे, जहां आतंकवादी सो रहे थे। हमला करने के बाद भारतीय वायुसेना के सभी विमान अपने एयरबेस पर सुरक्षित लौट आये। इस हमले के दौरान एक खास बात यह रही कि जब मिराज लड़ाकू विमान आतंकवादियों को जन्नत की सैर पर भेज रहे थे उस समय कुछ मिराज और सुखोई विमान पाकिस्तानी वायुसेना का ध्यान भटकाने में लगे हुए थे। पाकिस्तान इस हमले से तिलमिला उठा और उसी ने सबसे पहले यह खबर दुनिया को दी कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने उसके क्षेत्र में प्रवेश किया। भीतर से दर्द से कराह रहे पाकिस्तान ने दुनिया को अपने जख्म दिखाने की बजाय कह दिया कि भारतीय विमान खेतों में बम गिराकर चले गये और कुछ पेड़ों को ही नुकसान हुआ है।

पुलवामा हमले के बाद आतंकवाद की  हौसला तोड़ने में सफल रहा भारत

पाकिस्तान ने सिर्फ भारत के हमले के संबंध में ही झूठ नहीं बोला था। 26 फरवरी को दिन भर अपना जख्म सहलाने के बाद पाकिस्तान ने अपनी अवाम की नजरों में उठने के लिए 27 फरवरी 2019 को एक और बड़ा झूठ बोला। बालाकोट में एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अगले दिन भारतीय वायुक्षेत्र में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना के जवानों ने उन्हें खदेड़ कर बाहर कर दिया। पाकिस्तान ने झूठ फैलाया कि हमने भारतीय विमान को मार गिराया है और भारतीय वायुसेना के दो लोगों को पकड़ लिया है। जबकि हुआ यह था कि 27 फरवरी को जब पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में हवाई हमला किया, तो भारतीय वायुसेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया।

वायुसेना ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया। हालांकि, इस दौरान भारतीय वायुसेना का विमान मिग-21 हादसे का शिकार हो गया और इसको उड़ा रहे पायलट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में पकड़ लिये गये। पाकिस्तानियों ने विंग कमांडर अभिनंदन पर हमला कर दिया और फिर उन्हें पाकिस्तानी सेना ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। लेकिन यह नया भारत है, जो ताकतवर है, जो हर भारतीय की रक्षा करना जानता है। अभिनंदन के मामले में पाकिस्तान दो-चार घंटों के भीतर ही घुटने के बल आ गिरा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में घोषणा कर दी कि हम अभिनंदन को छोड़ देंगे और आखिरकार अभिनंदन को पूरे सम्मान के साथ छोड़ दिया गया। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान की ओर से अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-16 के दुरुपयोग के सुबूत जब दुनिया को सौंपे तो वह किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं बचा। 

पुलवामा हमले को एक साल हो चुका है। इस एक साल के दौरान भारत सैन्य रूप से और ताकतवर हुआ है और जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर वहां के हालात को काबू में लाने में सफलता भी मिली है। लेकिन पाकिस्तान है कि मानता नहीं, वह जब-तब सीमा पार से भारत में घुसपैठ करा कर आतंकवाद को बढ़ावा देता रहता है। सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में पुलवामा हमले जैसी साजिश का भंडाफोड़ किया है और बताया जा रहा है कि जैश ए मोहम्मद ने आईएसआई के साथ मिलकर ‘गजनवी फोर्स’ नामक ग्रुप बनाया है। इस गजनवी फोर्स में जैश ए मोहम्मद के अलावा हिज्बुल मुजाहिदीन, अल बद्र और लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी शामिल हैं और इन सभी को सुरक्षा बलों पर हमले के लिए खासतौर पर प्रशिक्षित किया गया है। लेकिन इन्हें कितना भी प्रशिक्षण मिला हो हमारे जवान इनकी हर हरकतों का जवाब देने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं। 

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

सुप्रीम कोर्ट ने दी गौतम नवलखा को जमानत- '4 साल में भी आरोप तय नहीं'। सुप्रीम कोर्ट ने दी गौतम नवलखा को जमानत- '4 साल में भी आरोप तय नहीं'।
स्वंतत्र प्रभात ब्यूरो।     सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे...

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel