किस दिशा में जा रहा है देश का चुनाव 

किस दिशा में जा रहा है देश का चुनाव 

देश में लोकसभा चुनाव के तीन चरण समाप्त हो चुके हैं। और चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा। इस बीच चुनाव के मुद्दों में अचानक फेरबदल हुआ है। जो आरोप विपक्ष सरकार पर लगा रहा था अचानक वही आरोप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर लगा दिया। नोट भर भर कर टैम्पो किसके पास अडानी और अंबानी ने पहुंचाए हैं ऐसा प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया। कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। कांग्रेस के नेता तुरंत सोशल मीडिया पर आए और उन्होंने अपने वक्तव्य में जो कहना था वह कह डाला। अब यहां पर जनता भ्रमित है कि आखिरकार अडानी और अंबानी किसके सगे हैं। जिन अडानी और अंबानी को विपक्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दोस्त बताता था। जिन पर यह आरोप लगाता था कि प्रधानमंत्री मोदी अडानी और अंबानी का खुल कर सहयोग कर रहे हैं और इसके बदले में ये बड़े-बड़े बिजनेस मैन भारतीय जनता पार्टी को आर्थिक मदद करते हैं। लेकिन अब यही आरोप कल एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर मढ़ दिए। 
 
चुनाव के शुरुआती चरण में विपक्ष ने मुद्दे उठाना शुरू किया था। और वह मुद्दे गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और विकास के थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने हिंदुत्व को आगे लाकर इन मुद्दों की दिशा को मोड़ दिया। विपक्ष भी मुद्दों से भटक गया और वह संविधान बचाने के लिए मतदाताओं से मतदान करने की अपील करने लगा। इधर भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर, धारा 370 और हिंदुत्व की रक्षा को लेकर दम भरनी शुरु कर दी। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि यदि कांग्रेस सत्ता में आ गई तो वह राम मंदिर बंद करा देगी धारा 370 को फिर से वापस ले आएगी। वहीं कांग्रेस मुसलमानों के पक्ष में खड़ी होती दिखाई दी और उसका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी संविधान को बदलने का कुचक्र रच रही है। और यदि वह सत्ता में दोबारा से आ गई तो वह निश्चित ही संविधान को बदल देगी। यानि कि जो उम्मीद थी वही हुआ और चुनाव में मुद्दे धर्म और जाति पर आकर अटक गए और असली मुद्दे भटक गए।
 
चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष वह वही मुद्दे उठा रहे हैं जिससे कि जनता दबाव में आकर वोट करे। और फिर पांच साल तक जिस सरकार को जो करना है वह होगा ही। माना कि पिछले समय में बहुत से अच्छे कार्य हुए हैं लेकिन अभी भी जनता के असल मुद्दों को दबा दिया गया है। महंगाई चरम सीमा पर है और उतना रोजगार उपलब्ध नहीं है। सरकारी नौकरियां हर व्यक्ति को नहीं मिल सकतीं लेकिन व्यापार भी लोगों के नहीं चल पा रहे हैं। गरीबी दर बढ़ी है तभी हम 70 करोड़ से अधिक जनता को मुफ्त अनाज दे रहे हैं। इन चुनावों में फ्री राशन का बहुत बड़ा योगदान है। फ्री राशन पर विपक्ष भी कुछ बोलने को बच रहा है। अखिलेश यादव तो यह तक कह रहे हैं कि यदि उनकी यानि कि गठबंधन की सरकार आती है तो वह जनता को पौष्टिक आहार और राशन देंगे। दोनों पक्ष चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हो एक दूसरे पर ही आरोप लगाते दिख रहे हैं अपने काम की कोई चर्चा नहीं कर रहा है। 
 
इस समय प्रधानमंत्री द्वारा अडानी और अंबानी पर दिया गया वक्तव्य ट्रेडिंग पर है। हर तरफ यही चर्चा चल रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी का यह मास्टर स्ट्रोक है कि जो आरोप उन पर लग रहे थे वही आरोप उन्होंने विपक्ष पर थोप दिए। आरोपों से से बचने का यह प्लान बहुत ही प्लानिंग के साथ तैयार किया गया है। जिसमें भाजपा ने यह बताने की कोशिश की है कि इस मुद्दे पर आप भी बचे नहीं हैं और न ही बच सकते हैं। क्यों कि यूपीए सरकार के समय में भी इन उद्योगपतियों से यूपीए सरकार के अच्छे संबंध थे।
 
उधोगपति कभी किसी सरकार से बिगाड़ना नहीं चाहता क्योंकि उसको व्यापार करना है राजनीति नहीं। आरक्षण पर भी बात हो रही है दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। एक सभा में प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि धर्म के आधार पर आरक्षण देकर देश को फिर से तोड़ने की जमीन तैयार की जा रही है। उनका कहना था कि 75 साल पहले संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और नेहरू जी खुद धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे पर कांग्रेस ने वोट बैंक के चक्कर में मुस्लिम लीग जैसा घोषणा पत्र बना दिया।
 
वहीं दूसरी तरफ विपक्ष का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ओबीसी आरक्षण समाप्त करना चाहती है और यदि वह सरकार में आई तो ओबीसी आरक्षण समाप्त हो जाएगा। लेकिन ऐसा संभव नहीं है जो आरक्षण चल रहा है उसको समाप्त करने की हिमाकत किसी की नहीं है क्योंकि वह एक बहुत बड़ा वोट बैंक है और कोई सरकार इतने बड़े वोट बैंक के खिलाफ नहीं हो सकती। अमित शाह विपक्ष के इन सवालों का जबाब अपनी रैलियों में दे रहे हैं उनका कहना है कि कोई आरक्षण समाप्त नहीं होने वाला है। और यह सत्य भी है क्योंकि फ्री राशन योजना कोरोना काल में शुरू हुई थी लेकिन आज उसको बंद करने में राजनीतिक दलों के पसीने छूट रहे हैं। तभी फ्री राशन योजना को पांच साल के लिए और बढ़ा दिया गया है।
 
जितेन्द्र सिंह पत्रकार 

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