गौशाला में भूख और ठंड से तड़प-तड़प कर मर रही गायों को नोच- नोच कर खा रहे कुत्ते
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स्वतंत्र प्रभात-
उन्नाव- घरों में सुबह की पहली रोटी गाय को खिलाई जाती है यह परंपरा हमारे यहां सदियों से चली आ रही है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार गायों की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है!
हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है इसके अलावा गाय को देव तुल्य भी माना गया है शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि गाय के शरीर में सभी देवी देवताओं का वास होता है प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि से लेकर बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के यहां भी गायों को पाला जाता रहा है और जब हम पहली रोटी गाय को खिलाते हैं तो सभी देवी देवताओं को भोग लग जाता है. ऐसा करने से सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है ! धर्म शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि आप भगवान को भोग लगाएं या गाय माता को पहली रोटी खिलाएं दोनों का फल एक समान ही होता है!
योगी जी सत्ता में आए तो गौवंशो के संरक्षण को लेकर बने नियम सख़्ती के साथ पूरे यूपी में लागू हो गए।जिसके चलते आवारा पशुओं ज्यादातर गौवंशों की संख्या में बाढ़ सी आ गई। आवारा पशुओं से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ किसान आंदोलित भी हुए। सरकार ने प्रत्येक जिलों में अस्थायी गौशालाएं खुलवाने का आदेश दिया। गौशालाए खुली भी लेक़िन भ्रष्ट सिस्टम के चलते इन गौशालाओं में स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि गौवंशो का जीवन पूरी तरह से नरकीय हो गया है।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी भले ही गाय प्रेम में जी भरकर बजट लूटा रहे हों लेकिन सरकार के नौकरशाह गाय को चारा और पानी तक उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। जनपद की गौशालाओं में लापरवाही के चलते गौवंश भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर दम तोड़ रही है। बेजुबान मृत गायों को गौशाला में नोच-नोच चील कौवे और कुत्ते खा रहे हैं। गौशालाओं की बद से बदतर हालात पर सरकारी कारिंदे मौन हैं। वही गौशालाओं में मृत गौवंश खुले गड्ढे में सड़ते मिलने की खबर आती रहती है व गौशालओं के मैदान में गौवंशों को कुत्तो ने मार कर अपना शिकार बना डालने की भी इस तरह की खबरें किसी से छुपी नही है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गौशालाओं की एक-एककर सच बतातें है। ग्रामीण बताते हैं कि आये दिन पांच दस से अधिक गायों की मौत गौशाला में होती है। गौवंशो को खुले गड्डों में प्रधान पति द्वारा सड़ने के लिये भेज दिया जाता। यह गौवंशो की हालत देखकर किसी भी पशु प्रेमी का दिल दहल उठेगा। यहां पशु चिकित्सक विभाग प्रशासन व प्रधानों और सचिवों लापरवाही के चलते भूख और प्यास से तड़प- तड़पकर बेजुबान गाय दम तोड़ रही है। लापरवाही की हद तो तब पार हो रही है जब गाय को चील कौवे और कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे हैं। लेकिन किसी भी अधिकारी व पंचायत प्रधान पति का अभी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। मृत गौवंशो को प्रधान व पशु चिकित्सक बिना पोस्टमार्टम कराये गड़वा देते है। गौशाला में भूख प्यास से परेशान बेजुबान गोवंश तड़प-तड़पकर मौत को गले लगा रहे हैं।
गौशाला में भूख प्यास से तड़प-तड़पकर मौत को गले लगा रही इन बेजुबान गायो को देखकर शैतान का भी कलेजा कांप जाएगा लेकिन गौशाला का ठेका लेने वाले व सचिव का कलेजा नहीं कांप रहा। गौशालाओं में बेजुबान गायों के मरने का सिलसिला जारी है। ग्रामीणों ने बताया कि भूख प्यास और कपकापतीं सर्दी से यह गाय मर रही हैं क्योंकि इनको चारे पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। भीषण सर्दी में गौवंश खुले में रहते हैं। लोगों का आरोप है कि प्रशासन सुन नहीं रहा है। जिसकी वजह से लगातार गाय की मौत यहां पर हो रही है!
गौवंशों की सुरक्षा व देखभाल की मांग उठ रही
सबसे हैरानी की बात अभी तक जनपद की किसी भी गोशाला में गौवंशों के लिये अलाव की प्रशासन द्वारा कोई भी व्यवस्था नही की गयी है
हिन्दू जागरण मंच के प्रान्तीय मंत्री व प्रभारी विमल द्विवेदी ने उन्नाव जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे से मिलकर गौवंशों के स्वास्थ्य की चिंता जताई भीषण सर्दी को देखते हुये मांग करते हुये विमल द्विवेदी ने कहा कि जनपद में सरकारी व गैरसरकारी गौशालाओं के अलावा शहर के पीडीनगर स्थित निजी गौशाला हनुमंत जीवाश्रय में लकड़ी व अलाव की व्यवस्था करवाने की मांग की है!
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