फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र जारी करने वालों पर कार्रवाई कब?

फ़र्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र जारी करने वालों पर कार्रवाई कब?

लहरपुर सीतापुर तीन माह पूर्व पैसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जाने के मामले में मंगलवार को सीतापुर डाक विभाग द्वारा नामित जांच अधिकारी सहायक डाक अधीक्षक जे पी त्रिवेदी ने लहरपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम रायपुरगंज पहुंच कर स्थानीय डाक कर्मी, ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों से मिलकर पूरे मामले की गहनता से पड़ताल की। उन्होंने बताया कि वह कुल प्रकरण की जांच रिपोर्ट अग्रिम कार्रवाई हेतु अपने उच्चाधिकारियों को सौंपेंगे। बताते चलें कि लगभग तीन माह पूर्व लहरपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रायपुरगंज में स्थानीय डाक कर्मी दिलीप द्वारा कुछ अन्य कर्मचारियों के साथ कैम्प लगाकर आधार कार्ड बनाये जा रहे थे।
 
यही नहीं आधार कार्ड के लिये आवश्यक प्रपत्र के रूप में जन्म प्रमाण पत्र भी डेढ़ सौ रुपये शुल्क लेकर हाथ के हाथ बनाये जा रहे थे। कुछ जागरूक नागरिकों द्वारा शक होने पर जब जन्म प्रमाण पत्रों की जांच कराई गयी तो वह फर्जी पाये गये। फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों की बात फैलते ही वहां अफरा तफरी फैल गयी और इस मौके का लाभ उठाकर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले लोग मौके से फरार हो गये तब पीड़ितों द्वारा स्थानीय डाक कर्मी से अपने पैसों की मांग को लेकर विवाद होने लगा। विवाद होता देखकर कुछ स्थानीय सम्भ्रांत  लोगों ने कुछ लोगों को बीच बराव कराते हुए स्थानीय डाक कर्मी से पैसा भी वापस कराया किन्तु पूरे प्रकरण से स्थानीय ग्राम प्रधान ने विभाग को लिखित रूप से अवगत कराते हुए जांचकर सभी के पैसे वापस दिलाये जाने की मांग की।
 
वहीं दूसरी तरफ कुछ जागरूक नागरिकों द्वारा इस सम्बन्ध मे ट्वीट कर जिले व प्रदेश के बड़े अधिकारियों से भी जांच कराये जाने की मांग की। बताते चलें कि जब यह खबर आसपास के क्षेत्रों मे फैली तो तरह तरह की अफवाहों का बाजार गरम हो गया। सूत्रों की माने तो इसमे आधा दर्जन से अधिक डाकिया शामिल बताये जा रहे हैँ। वहीं सूत्रों का ये भी दावा है कि पूरे गठजोड़ का मास्टर माइंड अनिल नाम का व्यक्ति है जिसने कई अन्य गांवों के डाक कर्मियों को अपने साथ सम्मिलित कर बड़े पैमाने पर पूरे क्षेत्र मे फ़र्ज़ीवाड़ा किया है।
 
दिलचस्प पहलू ये है कि जो जन्म प्रमाण पत्र जारी किये गये वो स्वास्थ्य विभाग के किसी फ़र्ज़ी पोर्टल की कार्रगुज़ारी बताई जा रही है। अब प्रश्न इस बात का उठता है कि दो दो सरकारी विभागों की आँख मे धूल झोंक कर इतने बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ीवाड़ा महीनों से किया जा रहा है और विभागीय अधिकारी केवल जांच जांच का खेल खेलते दिखाई दे रहे हैँ। इस सम्बन्ध मे जब डाक अधीक्षक सीतापुर पी नाथ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुल प्रकरण की जांच के लिए उन्होंने जांच अधिकारी नियुक्त किया है उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही वो कुछ कह सकते हैँ।

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