श्रीराम लला के जन्म उनकी विभिन्न लीलाओं का अपने सरस और मधुरवाणी से वर्णन किया
On
अयोध्या । श्रीराम जन्मभूमि के अगंद टीला पर चल श्रीराम कथा के विश्राम दिवस पर कथा व्यास राधेश्याम शास्त्री महाराज ने भक्तों को श्रीराम लला के जन्म उनकी विभिन्न लीलाओं का अपने सरस और मधुरवाणी से वर्णन किया और भगवान का नीलकमल से हैं इस संसार में कमल सबसे कोमल पुष्प है। भगवान कमल जैसे कोमल हैं। व्यक्ति में कोमलता तेजस्विता के साथ सोम्यता होनी चाहिए।
उन्हों ने कहा मनुष्य आज प्रशंसा का भूखा हो गया है।उसे अपने सद् कर्म से प्रशंसनीय बनना चाहिए।
भगवान के जन्म में मनुऔर सतरुपा की तपश्चर्या कारण है ,जो त्रेता में दशरथ और कौशल्या बने और श्रीराम लला का उनसे जन्में। निस्काम जिसमे कोई कामना नही।राम लला करूणा कृपा दिखाते हैं, चमत्कार नही करते हैं। जो वंश का हित चाहे वही पुरोहित है,गुरु के बिना शान्ति असम्भव है। समाज में नैतिकता का अभाव होता जा रहा है,अपने को सद्कर्मी बनायें। क्षणिक आकर्षण पतन का कारक है।
मनुष्यता का प्रथम प्राकट्य श्रीराम के स्वरूप में हुआ है। अनुराग ही व्यक्ति को अमर करता है। विभीषण ने श्रीराम से अनुराग किया और आज अमर हैं। रावण कुंभकर्ण जैसे शक्ति सपंन्न राम विरोध के कारण समाप्त हो गये। हमे श्रीराम का अनुरागी बनना चाहिए। सनातनियों में एकजुटता होनी चाहिए, अपने निरीह और आश्रित मत बनाईये।
आप की एक जुटता से ही राष्ट्र समाज और धन धर्म की रक्षा संभव है। रावण लोभ लालच छल कपट है वही दशरथ जी निस्काम समुद्र की भांति। रामचरित मानस में तीन पुरियों का वर्णन है। अवधपुरी मिथलापुरी लंकापुरी है जो अपने गुणों के कारण जानी जाती है।
देश में नास्तिक सरकारे आयीं हैं जिन्होंने गलत इतिहास बताया धर्म को निरपेक्ष बना दिया। काकोरीकांड के राष्ट्र भक्तों लुटेरा बना दिया। शासन अगर सही हाथों में रहेगा तभी हमारे राष्ट्र समाज का उत्कर्ष होगा।
राम लला आज संघर्ष प्राप्त हुये सत्ता की इच्छा शक्ति और संकल्प था जिसके कारण हम राम लला को अपने बीच आज पा रहे हैं।
पूर्व की सत्ताधारियों इच्छा शक्ति का आभाव रहा। महान कार्यों को संपन्न करने के लिये दृढ़ और संकल्प बद्ध होना पडधता है। भगवान राम लला का जन्म समाज के कल्याण और उद्धार के लिये हुआ है।
कथा समापन से पूर्व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय ने कहा सम्पूर्ण परिसर श्रीराम जन्मभूमि में निर्मित होने विभिन्न मंदिरों का दर्शन में एक वर्ष और लगेगा। इस परिसर में यह पहली श्रीराम कथा है जो प्रयोग है। आगे भी कथा के आयोजन को लेकर चिंतन किया जायेगा।
यहां भक्तों को हर तर से सुविधा प्राप्त हो इसके लिए ट्रस्ट सक्रिय ही नही उसका पालन कर रहा है।
इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय,ट्रस्टी अनिल मिश्र, शरद शर्मा, प्रेम प्रकाश मिश्र, रामअधार सिंह ,रचना शर्मा, रामशंकर, डाक्टर चंद्रगोपाल उपस्थित हुये।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप फॉरवर्ड करने के मामले में बर्खास्त यूपी अधिकारी को राहत दी।
21 Jan 2025 20:52:31
स्वतंत्र प्रभात। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक अधिकारी को बहाल करने का निर्देश दिया है, जिसे उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार...
अंतर्राष्ट्रीय
इस्पात नगर केमिकल फैक्ट्री में लगी भीषण आग ! कई फायर स्टेशन की गाड़ियों ने आग पर पाया काबू
20 Jan 2025 23:24:40
कानपुर। आज सुबह इस्पात नगर स्थित एक कैमीकल फैक्ट्री के गोदाम में भीषण आग लग गई। आग ने इतना विकराल...
Comment List