न्यायालय के आदेश की अवहेलना, पुलिस की मिलीभगत से दबंगों ने किया भूमि पर अवैध कब्जा
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जौनपुर- मड़ियाहूं, न्यायालय में विचाराधीन भूमि पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है, जिसमें दबंगों को स्थानीय पुलिस का खुला संरक्षण मिलने के आरोप लगे हैं। मामला मड़ियाहूं तहसील के दिलवरपुर गांव का है, जहां न्यायालय द्वारा स्पष्ट आदेश होने के बावजूद दबंग न्यायिक प्रक्रिया की अनदेखी कर जबरन कब्जा कर रहे हैं।
न्यायालय का आदेश दरकिनार, दबंगों की मनमानी जारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवादित भूमि को लेकर न्यायालय ने आदेश दिया था कि राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संबंधित पक्ष अपने-अपने हिस्से पर काबिज होंगे। इसके बावजूद, विपक्षी पक्ष न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए भूमि पर जबरन कब्जा करने में जुटा हुआ है।
पुलिस पर मिलीभगत का आरोप, कोतवाल ने दिया विवादित बयान
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उन्होंने इस मामले को लेकर कई बार मड़ियाहूं कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित जब न्याय की गुहार लगाने कोतवाली पहुंचे, तो वहां मौजूद थाना प्रभारी ने दबंगों को खुली छूट देते हुए कहा, "जाओ, अपना काम करवाओ", जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस भी इस अवैध कब्जे में विपक्षी पक्ष के साथ मिली हुई है।
पीड़ित दर-दर भटकने को मजबूर
पीड़ित परिवार लगातार पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। प्रशासन की निष्क्रियता और पुलिस की मिलीभगत के चलते पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार
पीड़ित परिवार ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक (SP) एवं उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि न्यायालय के आदेशों का पालन हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता, तो पीड़ित पक्ष मुख्यमंत्री पोर्टल, मानवाधिकार आयोग और लोकायुक्त से शिकायत करने की तैयारी में है।
थाना प्रभारी का बयान
इस सम्बन्ध मे थाना प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह का कहना है की लगाए गए आरोप झूठे है 14 साल से मुकदमा चल रहा है पीड़ित पक्ष चाहे तो आज ही नापी करवा ले मै पुलिस बल देने को तैयार हूँ
क्या प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई करेगा?
इस पूरे प्रकरण से यह सवाल उठता है कि क्या न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर पुलिस और दबंगों की मिलीभगत यूं ही चलती रहेगी, या फिर जिला प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई कर पीड़ित को न्याय दिलाएगा? अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है या फिर पीड़ित परिवार को न्याय के लिए संघर्ष जारी रखना पड़ेगा।
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