भारतीय सरकार ने बनाई वित्तीय बजट में ग्रीन एनर्जी के लिए बड़ी योजना

स्वतंत्र प्रभात।
भारत सरकार ग्रीन एनर्जी को लेकर ग्लोबली काम करने की इच्छुक है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि ग्रीन एनर्जी को लेकर दुनिया के अन्य देशों के साथ तालमेल स्थापित किया जाए। यही कारण है कि सरकार ने अपने वित्तीय बजट में ग्रीन एनर्जी के लिए बड़ी योजना बनाई है। सरकार ने ग्रीन फ्यूल, ग्रीन फार्मिंग, ग्रीन मॉबिलिटी, ग्रीन बिल्डिंग्स और हरित उपकरण से संबंधित पहलों के लिए कई उपायों की घोषणा की है। वहीं दूसरी ओर, इस समय भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है, ऐसे में ग्रीन एनर्जी पर फोकस और ज्यादा रहेगा।
एंटनी वेस्ट हैंडलिंग सेल के प्रबंध निदेशक जोस जैकब ने कहा, 'भारत नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता कर रहा है, हरित ऊर्जा को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है और बायोसीएनजी को अच्छी तरह से बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। हम इस बात से खुश हैं कि बजट में हमारे उद्योग के लिए, विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है।'सरकार ने हाल ही में लॉन्च किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपS के परिव्यय की घोषणा की जिसमें कहा गया है कि यह अर्थव्यवस्था को कम कार्बन तीव्रता में बदलने की सुविधा प्रदान करेगा। इसमें 2030 तक हरित हाइड्रोजन के 500 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) के वार्षिक उत्पादन का टारगेट रखा गया है।
सुजलॉन एनर्जी के वाइस चेयरमैन गिरीश आर तांती ने कहा, 'केंद्रीय बजट भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। ग्रीन एनर्जी ट्रांसमिशन के लिए 35,000 करोड़ रुपए का आबंटन सही दिशा में एक कदम है और एक स्थायी भविष्य के लिए देश की इच्छा को प्रदर्शित करता है।'उन्होंने कहा, 'देश में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता सराहनीय है और कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुद्ध शून्य की दिशा में हमारे प्रयासों का पूरक होगा।
बता दें कि भारतीय अक्षय ऊर्जा क्षेत्र दुनिया में चौथा सबसे आकर्षक अक्षय ऊर्जा बाजार है। 2020 तक भारत पवन ऊर्जा में चौथे, सौर ऊर्जा में पांचवें और नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में चौथे स्थान पर था। स्थापित अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता ने पिछले कुछ वर्षों में गति प्राप्त की है। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार, भारत नवीकरणीय बिजली में सबसे तेज वृद्धि वाला बाजार है और 2026 तक नई क्षमता वृद्धि दोगुनी होने की उम्मीद है।
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