यू पी डा  द्वारा निकाली गई मिट्टी में श्याम बिहारी पाल जलमग्न, 12 घन्टे बाद मिला शव

आक्रोशित परिजन ग्रामीण के साथ शव रख कर धरने पर बैठे ,परिजन जीने मरने को तैयार, पुलिस प्रसाशन तहसील प्रसाशन पर मुर्दाबाद ला लगाए नारे, खजनी सिंकरीगंज मार्ग घण्टो जाम

 यू पी डा  द्वारा निकाली गई मिट्टी में श्याम बिहारी पाल जलमग्न, 12 घन्टे बाद मिला शव

ब्यूरो/शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी

 गोरखपुर जनपद के खजनी तहसील क्षेत्र बांसगांव क्षेत्र हरनहीँ चौकी अंतर्गत ग्राम सभा बदरा में भैस चराने गया चरवाहा गांव के बड़े तालाब के गहरे पानी मे समाहित हो गया ।  बारह घन्टे बाद लाश फूल कर ऊपर हो गया । ग्रामीण के सहयोग से शब बाहर निकाला गया ।उसके बाद नाराज ग्रमीण अवैध खनन का आरोप लगाते  तहसील प्रशाशन व यूपीडा के अवैध खनन का आरोप लगाया ,गांव के बिरोध के बावजूद 5 फिट खुदाई की बात कर 20 फिट गहरा कर दिया गया ।

जिसके वजह से गांव के स्याम बिहारी की मौत हो गई ,लम्बे समय तक तहसील प्रशासन व परिजन बीज वार्ता चली ,लेकिन ग्रामीण को यूपीडा के ठेकेदार पर विश्वास नही हुआ ,परिजन उग्र हुए शव को खजनी सिकरिगज मार्ग पर रख कर जाम कर दिए ,और तहसील सहित पुलिस प्रशासन का मुर्दाबाद नारे लगने लगे । 


 बताया जाता है कि खजनी तहसील के देवघटा निवासी श्याम बिहारी पाल बीते दिन शनिवार को भैंस चराने गए थे भैंस यूपीडा ( औद्योगिक गलियारे) द्वारा निकाले गए मिट्टी में जाकर गिर गई भैंस को बचाने के चक्कर में श्याम बिहारी पाल भी  शनिवार के  दूसरे पहर 3 बजे जल में समाहित हो गए, ग्रामीणों का आरोप है

कि यूपीडा के ठेकेदार विरोध के बावजूद भी 13 फीट मिट्टी जबरन निकाल लिए,  मना करने पर तहसील खजनी के प्रशासनिक अधिकारी प्रशासनिक हनक दिखाते हुए विधिक कार्रवाई की धमकी देने लगे जिससे मजबूर होकर ग्रामीण बैंक फुट पर आ गए थे, इस संबंध में ग्राम प्रधान ने बताया तहसील प्रशासन द्वारा और ठेकेदार द्वारा मात्र 2 मीटर मिट्टी निकालने की बात कही गई थी, लेकिन 2 मीटर की जगह 13 फीट से ज्यादा मिट्टी निकाल दिया गया। तथा  मुआवजा ₹30000 एकड़ मिट्टी का  देने की बात कहीं जा रही है।

वह भी ग्रामसभा के खाते में अब तक एक भी पैसा नहीं आया है ,इस संबंध में तहसील के प्रशासनिक अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है, बताया जाता है कि गोरखपुर औद्योगिक गलियारा की सड़क पाटने  को लेकर पूरे तहसील में सर्वाधिक गांव में यही खेल हुआ है के ठेकेदार और तहसील के प्रशासनिक अधिकारी मिटटी का सर्वाधिक पैसा या तो स्वयं ले लिए हैं या चंद पैसा गांव सभा में जमा करने की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक गांव सभा के प्रधान के खाते में कहीं भी एक भी पैसा जाने की जानकारी नहीं मिल पा रही है

इस संबंध में बार-बार तहसील खजनी के तहसीलदार के सरकारी मोबाइल पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन तहसीलदार खजनी जानबूझकर बात करने के लिए तैयार नहीं है श्याम बिहारी पाल की मृत्यु पूरी तरह प्रशासनिक लापरवाही  का नतीजा है।

ग्रामीण तहसील प्रसासन को दोषी मान रहे है ,पीड़ित परिवार को मुवावजा या  फोर्थ क्लास की नौकरी की बात कही ,फिरहाल यूपीडा ठेकेदार से के सजयोग से आर्थिक मद्त की बात कही ,लेकिन परिजन आंशिक मद्त से सन्तुष्ट नही हुए ,अपनी मांग को लेकर लास रोड़ पर रखकर जाम कर नारे बाजी करने लगे ,एसडीएम खजनी राजू कुमार ने बताया परिजन को आर्थिक मद्त देने की वार्ता चल रहा था ,लेकिन परिजन नही माने ,रोड़ जाम पर बैठ गए ।

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