सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे परियोजना अधिकारी डूडा

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में अवैध वसूली खेल बदस्तूर जारी, कार्यवाही के नाम पर की जाती है लीपापोती

सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे परियोजना अधिकारी डूडा

पीएम आवास शहरी योजना में किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत पर अपर जिला अधिकारी खीरी द्वारा जांच कर कार्यवाही के आदेश के बावजूद अभी तक नहीं की गई कार्यवाही जानकारी देने से बचते हैं परियोजना अधिकारी डूडा

परियोजना अधिकारी  डॉक्टर अजय कुमार सिंह साहब नहीं उठाते हैं फोन
 
साहब के रसूख के आगे विभागीय व जिला प्रशासन के अधिकारी भी हैं नतमस्तक
 
लखीमपुर खीरी प्रधानमंत्री भले ही अपनी चुने सभाओं में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने और इसके समूल सफाया की बड़ी-बड़ी बातें करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं ।और भ्रष्टाचारियों को बक्सा नहीं जाएगा की बात करते हैं। पर जनपद खीरी में नगरीय विकास अभिकरण के अंतर्गत चलाई जा रही पीएम शहरी आवास योजना में भ्रष्टाचार की गंगा बहती देखी जा सकती है। यहां इस योजना में दलालों का साम्राज्य इस कदर हाबी है कि पीएम आवास के नाम पर जमकर प्रति आवास 20000 से 30000 रुपए के हिसाब से अवैध वसूली का खेल चल रहा है। अभी हाल ही में एक महिला आवास लाभार्थी से आवास के नाम पर अवैध वसूली का मामला अखबारी सुर्खियां बना था ।जिसमें एसडीएम सदर के आदेश पर नायब तहसीलदार की मौजूदगी में जांच कराई गई थी।
 
जांच में आरोप की पुष्टि भी हुई थी ।काफी हाय तौबा के बाद दलाल के विरुद्ध तो मुकदमा पंजीकृत कराया गया लेकिन दलाल को पोषित करने वाले अपने चाहते सर्वेयर को बचा लिया गया। जबकि उक्त दलाल सर्वेयर गौरव दीक्षित की आईडी पर उसकी अनुमति से जिओ टैग करता था ।सूत्र बताते हैं कि उक्त दलाल आकाश अवस्थी सर्वेयर गौरव और डीसी विनय श्रीवास्तव के संरक्षण में काम करता था ।और अवैध वसूली किए हुए धन इन्हीं तीनों लोगों में बांटा जाता था। अहम सवाल यहां पर यह है कि जब आईडी गौरव दीक्षित के नाम थी तो उक्त दलाल बगैर उनकी मर्जी उस पर काम कैसे कर सकता था?लेकिन परियोजना अधिकारी डूडा सब कुछ जानने के बावजूद डीसी विनय श्रीवास्तव वह सर्वेयर गौरव दीक्षित को बचाने के मकसद से महज दलाल को आरोपी बना पल्ला झाड़तेदिखाई दिए।
 
फिर निकला पीएम आवास योजना में ₹35000 वसूले जाने का  जिन्न
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में अवैध वसूली किए जाने के एक मामले में थाना कोतवाली सदर में एफआईआर दर्ज हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ कि एक दूसरा मामला सुर्खियां बनता दिखाई पड़ रहा है। पीएम आवास योजना में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है यह मामला। विभाग से जुड़े सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताएं अनुसार डीपीआर 1251 और 453 डीपीआर जो वर्तमान परियोजना अधिकारी के कार्यकाल की ही है। इनमें आवास लाभार्थी गीता चौरसिया निवासी शिव कॉलोनी से आवास दिलाने के नाम पर ₹35000 एक दलाल द्वारा वसूले जाने का मामला प्रकाश में आया है। यहां पर भी डूडा में कार्य संलग्न कर्मी द्वारा पोषित कथित दलाल द्वारा वसूल लिए गए रुपए। उक्त लाभार्थी गीता चौरसिया निवासी शिव कॉलोनी से की गई अवैध वसूली पर एक नजर डालें तो दलाल और सर्वेयर सहित डूडा के ऑफिस में पीएम आवास कार्य में संलग्न व्यक्ति का नाम चर्चा का विषय बना है। जिसका खुलासा शीघ्र करके पर्दाफाश किया जाएगा ।ऐसे कई अन्य कैसहैं जिन पर पर्दा डाला जा रहा है और जानबूझकर मामले की जांचो को दबाकर दोषियों को बचाने का प्रयास स्वयं परियोजना अधिकारी डूडा द्वारा किया जा रहा है। ऐसा जानकार सूत्रों का कहना है।
 
तीन-तीन फर्जी जियो टैग कर कर बगैर आवास बनवाए आवासों का पैसा निकाल कर बंदरबाट करने वालों पर कब होगी कार्यवाही-अहम सवाल
पीएम शहरी आवास योजना के अंतर्गत कई आवास ऐसे हैं जिनका पैसा तीनों जियोटेक फर्जी दिखाकर गत वर्षो पूर्व में निकाल कर सीएलटीसी रहे विकास श्रीवास्तव, डीसी रहे अभिषेक मिश्रा व लाभार्थी पांडे बंधु व दो महिला लाभार्थी ने मिल बाटकर हजम कर लिए आवास के पैसे।और आज तक किसी का आवास ही नहीं बना है। उक्त के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा लिखित शिकायतें भी की गई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। शिकायत दर शिकायत के बावजूद आज तक कोई कार्यवाही व जांच न किया जाना परियोजना अधिकारी डूडा डॉक्टर अजय कुमार सिंह की नियत व नीति पर सवाल खड़े करने को काफी है। उपरोक्त प्रकरण पर साहब यह कहते हुए बचने का प्रयास करते हैं कि यह मामला मेरे कार्यकाल का नहीं है। लेकिन जांच करवाने और जांच में दोषी पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने का दायित्व तो महोदय का ही है। यह क्यों भूल जाते हैं वर्तमान में परियोजना अधिकारी आप ही हैं ।आप अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड सकते। इसके बावजूद आज तक किस मजबूरी बस मामले में कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं जनाब ।जब कभी उक्त मामले पर जानकारी लेने का प्रयास किया जाता है तब साहब का फोन उठाता ही नहीं ऐसे में कैसे होगी खबर पूरी।
 
डिप्टी सीएम तक शिकायत जाने के बाद भी डीसी विनय श्रीवास्तव पर नहीं हुई कार्यवाही
जनपद की नवीन नगर पंचायत भीरा में प्रधानमंत्री शहरी आवासों में की गई अवैध वसूली और दलालों के बढ़ते साम्राज्य से आहत कई नवनिर्वाचित वार्ड मेंबरों ने लिखित शिकायत उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से कर मामले की निष्पक्ष जांच करा कर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की थी। डिप्टी सीएम को दी गई शिकायत में वार्ड मेंबरों ने डीसी अरिनेम कंपनी विनय श्रीवास्तव पर आवास के नाम पर ₹30000 की अवैध वसूली के आरोप लगाने के साथ ही साथ पहली किस्त लाभार्थी को मिलने के बाद ₹30000 रिश्वत न देने वाले लाभार्थियों की दूसरी किस्त रोक देने के गंभीर आरोप भी लगाए थे। लेकिन साहब की मनमानी के आगे डिप्टी सीएम के आदेश हवा हवाई ही साबित हो रहे हैं। मामले में कार्यवाही की कौन कहे आज तक जांच कराना तक उचित नहीं समझा जा रहा है ।यदि जिला अधिकारी खीरी करवायें जांच तो भारी भ्रष्टाचार का खुलासा होना होगा तय और डीसी विनय श्रीवास्तव पर भी गिर सकती है कार्यवाही की गाज।
 

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