विकास गाथा : जानिए गंडक गुंडा गन्ना पिछड़ा क्षेत्र के मुद्दे की बात..?

कभी गंडक गुंडा गन्ना के नाम से प्रसिद्ध हुआ था जटहां गंडक दियारा क्षेत्र 

विकास गाथा : जानिए गंडक गुंडा गन्ना पिछड़ा क्षेत्र के मुद्दे की बात..?

ब्यूरो प्रमुख प्रमोद रौनियार 

कुशीनगर। जी हां पहला मुद्दा कुशीनगर जनपद के उत्तर बिहार सरहद पर आइए तो देखिए जटहां बाजार अत्यंत पिछड़े क्षेत्र की हजारों जनता ने क्यों उठाया जटहां बगहा गंडक नदी पर पूल निर्माण की मांग,  जनप्रतिनिधि एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं यह कहकर कि बड़ी पूल परियोजना हैं, लेकिन यह नही बताएंगे कितने लागत की परियोजना हैं, जब कि न कोई डीपीआर तैयार हुआ न कोई पहल हुआ, बेशक जनता की मांग को जनप्रतिनिधि सही ठहराते हुए भी मुद्दो से भटका देते हैं।
 
आइए जानते हैं विकसित भारत में विकास की बाते करना जनप्रतिनिधियों को शायद रास गले न उतरे, विदित हो कि कभी गंडक गुंडा गन्ना क्षेत्र की पहचान लिए कुशीनगर जनपद से 25 किमी उत्तर बिहार सरहद की दशा और दिशा क्या है शायद इसका नब्ज टटोलने पर धड़कने बताएगी विकास की दशा और दिशा क्या हैं ?, जी हां जटहां बगहा गंडक नदी पर पूल निर्माण मुद्दा आज की नही डेढ़ दशक से उठाई जा रही हैं। 
आप भी जानिए गंडक गुंडा गन्ना की पहचान लिए कुशीनगर जनपद के जटहां बाजार से सरहद बिहार के दोनो राज्यों की बीच करीब 8 किमी की चौड़ी पाट में उत्तर से दक्षिण सैकड़ों किमी दूर नेपाल से निकल कर पटना की गंगा नदी में मिलने वाली नारायणी गंगा यूपी के जटहां और बिहार के बगहा कस्बा के मध्य से 8 किमी चौड़ी नदी गुजरती है, ये हैं विकास की दशा और भौगोलिक दिशा। बेटी रोटी की संबंध कहे जानें वाले इस दो राज्यों में जानें आने के लिए लोग 8 किमी की जगह 65 किमी परिक्रमा करते हैं। 
 
गंडक गुंडा गन्ना 
हमने गंडक गुंडा गन्ना की मुद्दे पर जो लिखा वह पहले गंडक नदी की उफान से क्षेत्र बाढ़ और कटाव से बर्बाद होता रहता हैं, नदी में नाव पलटते रहते प्रत्येक वर्ष खेती बारी करने वाले किसान मजदूर बेमौत मरते रहते हैं , इनकी मजबूरी और परिवार पर टूट रही मुसीबत की पहाड़ को सिर पर उठाकर चलने वाला कोई रहनुमा नही हैं। कभी इस दियारा में किसान गन्ना बोते थे और डकैत फसल काटते थे, उन डकैतों से जो फसल बचता था वही फसल किसान घर लाते थे, एक वक्त था जब दियारा बंदूकों की गर्जना से लोग दहशत में जीते थे, विकसित भारत के 75 वर्ष बाद भी आज भी इस इलाके की वही दशा और दिशा कायम है, टापू में बसे लोग सरकार को कोसते रहते है लेकिन उसका असर पांच वर्ष में एक बार चुनाव मुद्दा बनकर रह जाता है।
 
पूल निर्माण के महत्व के बारे में क्या कहते हैं जटहां बाजार के युवा व्यापारी .....
 
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भाजपा नेता श्रीकांत जायसवाल ने कहा...
जटहां बगहा बगहा पूल बनने पर हजारों हजारों एकड़ कृषि भूमि डूबने से बच जाएगी, तंग किसान अपने खेती बारी से खुशहाल एवं आत्म निर्भर हो जायेगे। साथ ही साथ दो राज्यों के साथ जो बेटी रोटी का संबंध हैं आवागमन के कारण बिखरा हुआ हैं जो सुधर जायेगा। दोनो राज्य के पड़ोसी गांव नगर की स्थित आर्थिक रूप से मजबूत हो जायेगी।
 
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व्यापारी संतोष जायसवाल 
 
जटहां बाजार जो बहुत पुरानी बाजार हैं बहुत पहले यहाँ के व्यापारी नावों से बगहा से धंधा व्यापार करते थे, बीच में कटाव के वजह से आवागमन के असुविधा के कारण यह चर्चित बाजार काफी पिछड़ गया हैं, यहां के व्यापारी किसान एवं जिनका रिश्तेदारी बिहार में पड़ता हैं काफी दूरी होने के कारण किसान व्यापारी एवं अन्य लोग काफी दुखी एवं चिंतित हैं, जटहां बगहा पूल की मांग यहां के व्यापारी किसान एवं कई संगठनों ने आंदोलन के माध्यम से धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपने जन प्रतिनिधियों को घेरा लेकिन अभी तक किसी जनप्रतिनिधि ने सार्थक प्रयास नही किया जिसके कारण सभी लोग निराश एवं हताश हैं।
 
भाजपा कार्यकर्ता एवं प्रतिष्ठित व्यापारी प्रदीप जायसवाल ने कहा ...
 
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जटहां बगहा गंडक पूल निर्माण कार्य होने से दो राज्य की दूरी 65 किमी से घट कर 8 किमी तो होगी इससे लोगो की समय और धन की व्यापक बचत होने के साथ दो राज्य के आपसी सौहार्द की मिशाल बनेगी।
 
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समाजसेवी प्रमोद रौनियार ने कहा 
जटहां बगहां गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य के सचेतक प्रमोद रौनियार ने कहा कि बीते डेढ़ दशक से अधिक समय से लगातार गंडक नदी पर पूल निर्माण कार्य कराने के लिए दोनो राज्य के जनप्रतिनिधियों से मांग किया जा रहा है लेकिन पिछड़े क्षेत्र की विकास के लिए कोई ध्यान नही दिया है, जब कि पूल बनने से यूपी बिहार सरहद के दो शहर बाजार में मैत्री भाव कायम होगी, आयात निर्यात होने से सरकार को व्यापक शुल्क लाभ मिलेगा, कुशीनगर की बुद्ध स्थली से नेपाल के पर्वत श्रृंखला पर अवस्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम का सीधा मार्ग प्रशस्त हो जायेगा, इससे विदेशों से पर्यटक का आगमन होने से क्षेत्र की उन्नति होगी और इतिहास के पन्नो में नाम दर्ज होगा।
 
 

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