अमृत सरोवर में हुए भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर जांच व कार्रवाई की मांग क्या प्रशासन द्वारा की जाएगी कार्यवाही ?

स्थानीय ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों और सचिवों के माध्यम से व्यापक भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है : ग्रामीण 

अमृत सरोवर में हुए भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर जांच व कार्रवाई की मांग क्या प्रशासन द्वारा की जाएगी कार्यवाही ?

स्वतंत्र प्रभात 
ब्यूरो गोण्डा।
बृजभूषण तिवारी 
 
रुपईडीह ब्लॉक मुख्यालय पर जिला अधिकारी के द्वारा आगामी 10 सितंबर को समीक्षा बैठक का आयोजन किए जाने को लेकर प्रस्तावित है जिसको लेकर ब्लॉक मुख्यालय पर साफ सफाई एवं अधिकारियों तथा कर्मचारियों के द्वारा अभिलेखों को तैयार करने में जुटे हुए हैं क्या अमृत सरोवर के निर्माण को लेकर समीक्षा बैठक में रहेगा मुद्दा। अमृत सरोवर में हुए भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन कर जांच व कार्रवाई की मांग ।
 
स्थानीय ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों और सचिवों के माध्यम से व्यापक भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है : ग्रामीण 
 
 मामला विकासखंड रूपईडीह के ग्राम पंचायत कुरसहा से जुड़ा हुआ है जहां पर सरकार के द्वारा महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर के निर्माण के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट  चढ़ गई।  अमृत सरोवर बनने से एक तरफ किसानों को फायदा होगा तो वहीं दूसरी तरफ पशु पक्षी भी अपनी प्यास बुझा सकेंगे लेकिन अक्सर विकासखंडो के ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा हुआ है l
 
जिसमे स्थानीय ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों और सचिवों के माध्यम से व्यापक भ्रष्टाचार का खेल खेला जाने की बात को लेकर ग्रामीण सुनील तिवारी, विवेक तिवारी ,जयप्रकाश, सत्यम तिवारी, संतोष शुक्ला, टिंकू शुक्ला ,ननके ,मोहित, राम प्रकाश तिवारी, द्वारिका प्रसाद ,सुमित, आदेश शुक्ला ,अमरीश कुमार आदि लोगों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि अमृत सरोवर निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है l
 
जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।केंद्र और राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार अमृत सरोवर योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. ब्लॉक के अलग- अलग गांवों में बने अमृत सरोवरों की पड़ताल करने पर  हैरान कर देने वाले कई तथ्य सामने आये हैं. 
 
800
 
अमृत सरोवर योजना के निर्माण लगभग पंद्रह लाख रुपये खर्च किये गए हैं, लेकिन अधिकांश सरोवर जल संरक्षण मछली पालन ,सिंचाई ,सिंघाड़े की खेती  आदि उद्देश्यों को लेकर बनाये गए सरोवरों में  संरक्षित नहीं किया जा सका है. जल संरक्षण के नाम पर सरोवरों का सिर्फ ढांचा तैयार कर योजना की राशि का बंदरबांट कर लिया गया है।
 
 
 
ढांचा तैयार कर निकाल ली योजना की राशि
 
 
ब्लॉक मुख्यालय से महज लगभग सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत कुरसहा के  अमृत सरोवर को पूर्ण करने का दावा किया जा रहा है जिसमें जिम्मेदार विभाग के अधिकारीयों द्वारा किस कदर भ्रष्टाचार किया गया है इसका अंदाजा सरोवर की तस्वीरों को देखकर बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है. ग्राम पंचायत ग्रामीणों ने  बताया कि बारिश के मौसम में ये सरोवर पानी से लबालब भरा हुआ था, लेकिन घटिया निर्माण के चलते पानी का तेजी से रिसाव हो जाता है ।
 
ग्रामीणों के द्वारा अमृत सरोवर योजना में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत भी की गई है, लेकिन कार्यवाही तो दूर जिम्मेदारों ने अब तक इस मामले में जांच करने की जहमत तक नहीं उठाई है।
 
 
इन ग्राम पंचायत में होना था सरोवरों का निर्माण
 
अमृत सरोवर के निर्माण कराए जाने के लिए ग्राम पंचायत मे पिरवर तारा,नौशहरा,पचरन ,कोचवा,भुडकुडा, पिपरा भोदर, केवलपुर छिटनापुर, पचरुखी मनोहर जोत, भुडकुडी, कौड़िया, पिपरा चौबे, नारायणपुर माफी रनजीत नगर, रज्जनपुर, पूरे पाठक, कुरासी, इटहिया नबीजोत ,फरेंदा शुक्ल ,महादेव कला रूपईडीह, तेलिया कोट,  कुरसहा, देवरिया कला, खनवापुर आदि है लेकिन 25 ग्राम पंचायत के सापेक्ष मात्र 3 ग्राम पंचायत कुरसहा, देवरिया कला तथा खनवापुर पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है जो भ्रष्टाचार को खुली चुनौती दे रहा है।
 
 
 

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