झोलाछाप को सीधा जेल, क्लीनिक सील- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री के आदेशों का नहीं दिख रहा है झोला छाप पर असर

झोलाछाप को सीधा जेल, क्लीनिक सील- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट 

बलरामपुर-प्रदेश में फैले झोलाछाप डॉक्टरो के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मुख्य स्वास्थ सचिव को नए आदेश दिए। जिसमे बिना वैध प्रपत्र और अप्रशिक्षित झोला छाप की अब खैर नही जिनके द्वारा मरीजो का गलत इलाज करने से तमाम लोगों की जान जा रही है ।

जिसको लेकर प्रदेश में अवैध झोलाछाप डाक्टर और मेडिकल पैथोलॉजी लैब,अल्ट्रासाउंड सेंटर का बहुत बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है । जंहा अवैध रूप से इलाज करने वाले डाक्टर के गलत इलाज का भुगतान मासूम गरीब जनता को झेलना पड़ रहा है जंहा ऐसे झोलाछाप द्वारा बिना डिग्री के इलाज कर रहे हैं। जिस कारण गरीब जनता को ग़लत दवाई के इलाज से उनका लीवर,किडनी भी डैमेज हो रही है।

 लेकिन जनपद बलरामपुर के स्वास्थ विभाग के अधिकारियों पर ऐसे आदेशो का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है की बात देखी जा रही है। जिसकी तस्वीर जनपद बलरामपुर पर के विकासखंड तुलसीपुर की ग्राम पंचायत मोतीपुर, सोनपुर धुतकवाह, नारायणपुर चौराहा ,नवानगर व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों मै बेखौफ चल रहा है फर्जी क्लिनिक व नर्सिंग होम पर विभागीय कार्यवाही शून्य दिख रही है जिसका मुख्य कारण विभागीय अधिकारियों की संलिप्ता और मौन स्वीकृति जिससे इनकार नही किया जा सकता है ।

जिसके चलते झोला छाप की भरमार है और बेखौफ मरीजो का इलाज करते नजर आते है जंहा सर्दी बुखार से लेकर प्रसव व अन्य गम्भीर बीमारी में भी वह मरीजो का पीछा नही छोड़ते जब तक उनका बस चलता है जिससे अक्सर मरीजो के मरने की बात सामने आती है और जब ऐसी स्थित आती है तब वह उन मरजो से अपना पल्ला झाड़ उनको बाहर दिखाने की बात करते है जब सब कुछ बिगड़ जाता है ।

 वैसे भी मौसमी बीमारियों का समय चल रहा है जिसका भरपूर लाभ ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप उठा रहे। जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों और सीएमओ व उप जिलाधिकारी को आदेश देते हुए कहा कि प्रदेश में एक भी झोलाछाप डाक्टर नहीं रहना चाहिए। लेकिन स्वास्थ विभाग बलरामपुर पर इसका कोई असर नही दिखता है यहां कार्यवाही भी होती है और मैनेज भी कुछ ही सप्ताह में हो जाता है जिसे स्वास्थ अधिकारियों द्वारा मानक व अन्य कारण बता सीज कर दिया जाता वही इनडोर इलाज करते है और मैनेज के खेल से सब फिर सही होकर संचालित किया जाता है जिसके अक्सर उदाहरण मिलते है ।

जंहा बिना रजिस्ट्रेशन फर्जी तरीके से क्लीनिक चलाते हुए ऑपरेशन डिलीवरी और तमाम गंभीर रोगों का करते हैं फर्जी नर्सिंग होम व झोला छाप के बाद भी विभागों की कार्यवाही सिर्फ दिखावा साबित हो रही और फर्जी क्लिनिक व झोलाछाप के आज भी बल्ले बल्ले है ।

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