सिंधुआ बाबा स्थान पर ब्रह्मलीन सुगंध नाथ संत की प्रथम पुण्यतिथि पर साधुओं ने दी आहुति
सिधुआ स्थान मंदिर से जुडी श्री श्री 108 बाबा बोधी नाथ समाधि स्थल के शिष्य ब्रह्मलीन दिवंगत सुगंध नाथ के प्रथम पुण्यतिथि पर महागुरुनाम का कराया गया भंडारा
पडरौना, कुशीनगर। ब्रह्मलीन संत की पुण्य तिथि पर आयोजित समाधि स्थल में वैदिक मंत्रों के उच्चारण के पश्चात आरती का आयोजन किया गया। सत्संग भवन में भजन -प्रवचन किए । भजन- प्रवचन से ब्रह्मलीन संत का श्रद्धालुओं ने गुणगान किया।
ब्रह्मलीन सुगंध नाथ महाराज की प्रथम पुण्यतिथि पर रबिवार को पडरौना क्षेत्र के सिद्ध पीठ सिधुआ मंदिर से जुड़ी श्री श्री 108 श्री बाबा बोधी नाथ समाधि स्थल पर सुबह में पंडित खिरकिया निवासी धनंजय पांडेय दास ने श्री सिद्धनाथ मंदिर के पुजारी रहे दिवंगत बोधी बाबा के शिष्य ब्रह्मलीन सुगंध नाथ के समाधि पर उनके प्रथम पुण्यतिथि को वैदिक मंत्रोच्चारण से संपन्न कराया। इसके बाद यहां महागुरु नाम का भंडारा कराया गया,इसमें साधुओं ने प्रसाद ग्रहण की।
ब्रह्मलीन सुगंध नाथ के प्रथम पुण्यतिथि के पश्चात सामूहिक आरती आयोजित की गई । आरती में दुर दराज से आए संतो ने ब्रह्मलीन दिवंगत सुगंध नाथ जी के सानिध्य में भजन प्रवचन आयोजित किए । सिधुआ मंदिर सिधुआ स्थान ( माफी ) समाधि स्थल के पुजारी सुरेश दास ने श्रद्धालुओं को बताया की ब्रह्मलीन दिवंगत और बोधी बाबा के शिष्य सुगंध नाथ जी त्यागी, मोह- माया से दूर,विरक्त संत के रूप में रहे। भगवान की भक्ति भावना में सदैव लीन रहते थे। उनकी शिक्षा सदैव लोभ,मोह, माया से दूर रहने की रही। इस दौरान पुजारी ढोणा कुशवाहा, हरदेव दास,रमेश दास,अर्जुन दास,रामधारी दास,रामदयाल दास,रमाशंकर दास,राजदेव गिरी दास,विश्वनाथ दास,भोला गुरु भाई,सुदर्शन यादव गुरु,भाई गया पाल,धनराज गुरु भाई, दूधनाथ यादव गुरु भाई,किसुनी बाबा,नथुनी चौहान,मोहन गिरी, रमाशंकर दास,दयाशंकर कुशवाहा,रघुनाथ कुशवाहा,लल्लन प्रसाद आदी लोग मौजुद रहे।
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