पाराखानी गांव अवैध कब्जा प्रकरण में आया नया मोड़
एसडीम की जांच में खुला अवैध कब्जेदार का काला चिट्ठा
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तहसील में तैनाती के बाद से अद्यतन मिल्कीपुर में एसडीएम द्वारा नहीं की गई है किसी के पक्ष में धारा 67 ए के तहत आवंटन की कार्यवाही
भूमिहीन एवं बेघर का राग अलापने वाले परिवार के पास उपलब्ध है पक्का मकान और 2 एकड़ से अधिक कृषि भूमि, सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का डीएम ने लिया था संज्ञान, दिए थे जांच के आदेश
कुमारगंज [अयोध्या]। मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र स्थित पारा खानी गांव में अवैध कब्जेदार द्वारा किए गए अवैध निर्माण को क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा पुलिस फोर्स की मौजूदगी में गिरवाए जाने के मामले को सोशल मीडिया एवं विभिन्न समाचार पत्रों द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित एवं प्रसारित किए जाने के मामले में अब नया मोड़ आ गया है।
जिलाधिकारी अयोध्या द्वारा दैनिक समाचार पत्र एवं सोशल मीडिया पर प्रकाशित तथा प्रसारित नोटिस दिए बिना घर पर चलवाया बुलडोजर प्रकरण में मांगी गई स्थलीय जांच रिपोर्ट में भूमिहीन एवं बेघर बताए जाने वाले परिवार के पास बड़े पैमाने पर खाते की कृषि भूमि एवं गांव में पुराना एवं पक्का मकान स्थित होना उजागर हुआ है।
प्रकरण की सुस्पष्ट जांच रिपोर्ट एसडीएम राजीव रतन सिंह द्वारा जिलाधिकारी अयोध्या को प्रेषित कर दी गई है। जिलाधिकारी के जांच आदेश पर तहसील प्रशासन द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में उल्लेखित किया गया है कि ग्राम पाराखानी के राजस्व अभिलेखों में अनुसूचित जाति आबादी के खाते में गाटा संख्या 301/0.080 हेक्टेअर भूमि दर्ज है।
उक्त गाटे के आंशिक भाग पर हनुमान पुत्र बेकारू द्वारा अस्थाई टिन सेड रखकर अवैध रूप से कब्जा किया गया था। उपरोक्त गाटे से सटे चक मार्ग के बाद अवैध कब्जेदार हनुमान पुत्र बेकारू के नाम कृषि योग्य भूमि उपलब्ध है। उक्त प्रकरण में राम आनंद पुत्र वीरे द्वारा आइजीआरएस के माध्यम से कई शिकायती प्रार्थना पत्र दिए गए थे। उक्त प्रकरण की जांच क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा की गई।
जांच के उपरांत क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा अवैध कब्ज़ा हटाए जाने हेतु कब्जेदार को सूचित किया गया तथा हनुमान की पत्नी श्रीमती गायत्री देवी को सूचित कर जांच के दौरान बनाए गए स्पॉट मेमो पर हस्ताक्षर भी बनाए गए। साक्ष्य स्वरूप उपस्थित ग्राम प्रधान व ग्राम के अन्य संभ्रांत व्यक्तियों के भी हस्ताक्षर बनवाए गए थे। अवैध कबजेदार को अवैध कब्ज़ा हटाए जाने हेतु सूचित किए जाने के बावजूद भी अवैध कब्जेदार द्वारा कब्जा न हटाए जाने के चलते शिकायत के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के दृष्टिकोण से क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा स्थानीय पुलिस ( पुरुष एवं महिला आरक्षी ) की उपस्थिति में अस्थाई रूप से रखे गए टिन सेड के रूप में किए गए अवैध कब्जे को शांतिपूर्ण ढंग से हटवा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि प्रकरण में जांच के दौरान ग्राम प्रधान एवं ग्रामवासियों द्वारा अपने बयान में अवगत कराया गया कि अवैध कब्जेदार हनुमान पुत्र बेकारू के परिवार में हनुमान एवं उनकी पत्नी गायत्री देवी तथा एक पुत्र अविवाहित एवं दो बेटियां अविवाहित सहित कुल पांच सदस्य हैं। इनके पास गांव में एक पक्का आवासीय मकान बना हुआ है, जिसमें परिवार सहित आवासित है। तथा इसी गांव की आबादी की भूमि एक पुश्तैनी मकान खंडहर के रूप में भी स्थित है।
इसके अतिरिक्त जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेखित किया गया है कि अवैध कब्जेदार हनुमान पुत्र बेकारू के नाम कृषि योग्य भूमि गाटा गाटा संख्या 304 क्षेत्रफल 0.227 हेक्टेयर, गाटा संख्या 188 क्षेत्रफल 0.395 हेक्टेयर, गाटा संख्या 572 क्षेत्रफल 0.168 हेक्टयर एकल खातेदार के रूप में तथा गाटा संख्या 293 क्षेत्रफल 0.069 हेक्टेयर संक्रमणीय सह खातेदार भूमि अंकित है। इस प्रकार से उनके पास लगभग 0.824 हेक्टेयर कृषि भूमि तथा अन्य भाग भूमि उपलब्ध है।
वहीं दूसरी ओर एसडीएम राजीव रतन सिंह द्वारा मिल्कीपुर तहसील में तैनाती के बाद से अद्यतन धारा 67 ए के तहत किसी भी प्रकार की आवंटन कार्रवाई नहीं की गई है। एसडीएम द्वारा की गई निष्पक्ष जांच के बाद अब अबैध कब्जेदार द्वारा झूठी एवं भ्रामक सूचना मीडिया को दिए जाने के सिलसिले पर भी लगभग विराम लग गया है।
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