गोरखपुर: मजदूरी के पैसे मांगने पर बेरहम हत्या, कोर्ट ने खोली पुलिस की नींद
अधिवक्ता परमात्मा धर दुबे के याचिका पर न्यायालय गोरखूपुर ख़जनी पुलिस को जीरो टारगेट पर मुकदमा दर्ज के लिए दिए आदेश

गोरखूपुर ब्युरो एस एम त्रिपाठी
गोरखपुर। मजदूरी के बकाया पैसे मांगना एक युवक को इतना भारी पड़ गया कि उसकी जान ही ले ली गई। गोरखपुर के रहने वाले नागेश्वर गौड़, जो हैदराबाद में ठेकेदार कुलदीप सिंह के अधीन काम करता था, की संदिग्ध मौत ने अब हत्या का रूप ले लिया है। परिजनों का आरोप है कि ठेकेदार और उसके साथियों ने नागेश्वर को पीट-पीटकर मार डाला।
इस सनसनी खेज मामले में पुलिस की सुस्ती के बाद न्यायालय ने सख्ती दिखाई और थाना खजनी को जीरो एफआईआर दर्ज कर जांच का आदेश दिया।
स्वतँत्र प्रभात संवाददाता ख़जनी तहसील रामअशीष तिवारी के रिपोर्ट मुताबित बात 16 जनवरी 2025 की सुबह की है। ठेकेदार कुलदीप ने नागेश्वर के पिता को फोन किया, "आपके बेटे को हार्ट अटैक हुआ, मौत हो गई।" परिजनों ने शव देखने के लिए वीडियो कॉल मांगी, तो ठेकेदार भड़क गया और अंतिम संस्कार का दबाव बनाने लगा।
अगले दिन, 17 जनवरी को जब शव एंबुलेंस से गोरखपुर पहुंचा, तो ठेकेदार और उसके साथी संदीप, प्रमोद, राहुल, शिवम और एस. कुमार ने परिजनों को शव से दूर रखा। लेकिन संदेह हुआ तो परिजनों ने हंगामा किया और शव पर गहरे जख्म देख तब पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया, जिसमें सिर की चोट से हत्या की पुष्टि हुई।परिजनों ने थाने में जीरो टारगेट पर मुकदमा दर्ज के लिए गुहार लगाई, मगर पुलिस टस से मस न हुई। और घटना स्थल थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज के लिए बोला गया।
आखिरकार, युवा अधिवक्ता परमात्मा धर दुबे की कोशिश से कोर्ट ने दखल दिया। न्यायालय ने कहा, "अपराध हैदराबाद में हुआ हो, फिर भी जीरो एफआईआर दर्ज हो सकती है।" अब सवाल यह है कि क्या पुलिस इस आदेश पर अमल करेगी? क्या नागेश्वर के हत्यारे सलाखों के पीछे जाएंगे? गोरखपुर से हैदराबाद तक फैली इस कहानी में सच सामने आने का इंतजार जारी है।
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