पीलीभीत कलीनगर बासखेड़ा गांव में बाघ की दहशत, रिसोर्ट के पास बछड़े को बनाया निवाला, खेत में मिले पगचिन्ह

पीलीभीत कलीनगर
माधोटांडा क्षेत्र के बासखेड़ा गांव में 10 दिन पूर्व से बाघ की दहशत बनी हुई है। वन विभाग की टीमों ने दो बार उसे पकड़ने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन बाघ को पकड़ नहीं सकीं। वहीं आबादी के निकट बाघ की चहलकदमी से दहशत बरकरार है।
माधोटांडा क्षेत्र में वन विभाग के दावों के बीच बाघ बांसखेड़ा गांव के आसपास दहशत का पर्याय बना हुआ है। शनिवार को रानीगंज गांव में आबादी के निकट होकर बाघ मथना स्थित रिसोर्ट के नजदीक पहुंच गया। यहां छुट्टा पशु को मार डाला। दिन में बाघ की सक्रियता से क्षेत्र में दहशत है। वन दरोगा स्तर के वनकर्मी निगरानी में जुटे हुए हैं।
बासखेड़ा गांव में 10 दिन पूर्व से बाघ की दहशत बनी हुई थी। ग्रामीणों के आक्रोश के बाद वन विभाग की ओर से दो बार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन बाघ पकड़ में नहीं आ सका था। ग्रामीणों ने विभाग पर लापरवाही के आरोप भी लगाए थे। इधर मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर विभाग कार्यक्रम की तैयारी में जुट गया था। इसको लेकर बाघ की निगरानी में औपचारिकताएं निभाई जाने लगी थी। ग्रामीणों का दावा था कि बाघ लगातार क्षेत्र में चहलकदमी कर रहा है। वहीं विभाग इसको नाकार रहा था।
शनिवार को पहले रानीगंज गांव में आबादी के निकट बाघ की चहलकदमी देखी गई। जिससे दहशत फैल गई। बाघ यहां से आगे निकलकर मथना स्थित मुख्य मार्ग पर रिसोर्ट के निकट पहुंच गया। बाघ ने छुट्टा पशु को मार डाला। बाघ की मौजूदगी देख मौके पर भगदड़ मच गई। जानकारी के बाद क्षेत्रीय वन दरोगा स्तर के वनकर्मी मौके पर पहुंच गए। घटना को लेकर मौके पर भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों को सूचना दी गई, लेकिन सिर्फ निगरानी की जा रही है।
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