भ्रष्टाचार में लिप्त हुआ बस्ती का सीएमओ कार्यालय , जिम्मेदार मौन
शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने पर नहीं हुई चौरसिया पर कार्रवाई माननीयों के लिए बना चुनौती
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बस्ती जिले में इस समय स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचारियों का मकड़ जाल इस कदर जकड़ लिया कि मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मंत्री अपने ही विभाग के एक संविदा कर्मी को अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त नही कर पा रहे हैं।
प्राप्त समाचार के अनुसार-मुख्य चिकित्सा अधिकारी बस्ती ने मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को पत्र में लिखा है कि शहरी स्वास्थ्य मिशन योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु सच्चिदानंद चौरसिया को अरवन हेल्थ कोऑर्डिनेटर संविदा पर जिला समन्वयक रखे गए हैं इनके द्वारा लगातार शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही एवं उच्च अधिकारियों के आदेशों का अनुपालन न करना अनुशासनहीनता में लिप्त सच्चिदानंद चौरसिया उच्चधिकारियों पर राजनीतिक दबाव बनाने एवं अन्य कर्मचारियों को अधिकारियों के प्रति गुमराह करके शासकीय कार्यों को प्रभावित करते रहते हैं जनपद बस्ती के अरबन टीकाकरण के माह जून 2021 तक पेन्टावेलेन्ट का लक्ष्य 4153.8 के सापेक्ष उपलब्धि 25% होना था परंतु उपलब्धि मात्र 8% ही है
इसी प्रकार ए0एन0 सी0 का लक्ष्य 506 के सापेक्ष 233 जो मात्र 46% है तथा गर्भवती महिलाओं के परीक्षण का लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि मात्र 3% प्रतिशत ही है। इसी प्रकार अन्य कार्यक्रमों में इनकी उपलब्धि संतोषजनक नहीं है सच्चिदानंद चौरसिया शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम में अपेक्षित कोआर्डिनेशन नहीं है जिस लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धि अत्यंत कम है जो चौरसिया के कार्यों के प्रति लापरवाही को प्रदर्शित करता है मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के पत्र संख्या- मु0 चि0 अ0/ एन0 एच0 एम0 / 2020 -21/166 दिनांक 6 जून 2020 द्वारा कोविद-19 के अंतर्गत प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के पश्चात स्क्रीनिंग के उपरांत किसी प्रकार के लक्षण ना पाए जाने के उपरांत होम क्वॉरेंटाइन किए जाने के निर्देश दिए गए थे
जिसमें कुछ आशाओं द्वारा आधा अधूरा रजिस्टर बनाया गया था तथा कुछ आशाओं द्वारा निगरानी रजिस्टर बनाया ही नहीं गया था राज्य सरकार के शीर्ष प्राथमिकता वाले कार्यक्रम में भी सच्चिदानंद चौरसिया अरबन हेल्थ कोऑर्डिनेटर द्वारा घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरती गयी कार्यालय के पत्र संख्या - मु0 चि0 अ0/ कोविड-19/ निग0 समिति / 2020 - 21/3839- 42 दिनांक 9 जून 2020 द्वारा कोविड-19 के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण हेतु गठित निगरानी समिति के सदस्य आशा को जनपद स्तर से दूरभाषा पर संपर्क कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे परंतु चौरसिया द्वारा प्रकरण पर उदासीनता बरती गयी तथा कोई फीडबैक उपलब्ध नहीं कराया गया सच्चिदानंद चौरसिया हेल्थ कॉर्डिनेटर द्वारा ना ही क्षेत्र का भ्रमण किया गया और ना ही आशाओं को निगरानी समिति के संबंध में प्रशिक्षित कराया गया
जो शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही यह उदासीनता का द्योतक है और उच्च अधिकारियों के आदेशों के अवहेलना स्वमेव परिलक्षित है। तत्कालीन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ने18 सितंबर 2021 को सच्चिदानंद चौरसिया की सेवा समाप्त करने के संस्तुति देने के बावजूद अभी तक सच्चिदानंद चौरसिया का सेवा समाप्त नहीं हुआ है। यहां प्रश्न उठना लाजिमी हो जाता है कि सीएमओ कार्यालय में तैनात संविदा पर सच्चिदानंद चौरसिया किसके संरक्षण नियम कानून के धज्जियां उड़ा रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य मंत्री चौरसिया के ऊपर कार्रवाई करने में असफल है। आम जनमानस के लिए यह एक प्रश्न बना हुआ है कि आखिर किसके द्वारा षड्यंत्र करके संविदा कर्मी सच्चिदानंद चौरसिया के प्रकरण को दबा दिया गया है। माननीयों को संदेह की दृष्टि से जिले के आमजनमानस निहार रहा है।
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