स्वास्थ्य विभाग मेहरबान लापरवाही में बिना रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से चल रहे अस्पताल 

स्वास्थ्य विभाग मेहरबान लापरवाही में बिना रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से चल रहे अस्पताल 

स्वतन्त्र प्रभात
आलापुर अम्बेडकरनगर। जिले के विकास खण्ड़ जहांगीरगंज अन्तर्गत सिंघलपट्टी बाजार में रुद्र नर्सिंग होम एंड चाइल्ड केयर सेंटर नाम का अस्पताल अवैध रूप से हो रहा संचालित।स्वास्थ्य विभाग मेहरबान या लापरवाह इस सिंघलपट्टी बाजार में बिना रजिस्ट्रेशन धड़ल्ले से चल रहे। इस अस्पताल दो कमरे में चल रहा है किराए के मकान में इनमें ज्यादातर में झोलाछाप इलाज के नाम पर मरीजों से वसूली कर रहे हैं। अपने अस्पताल के बाहर लगे बोर्ड पर मोटे-मोटे अक्षरों में हाइड्रोसील हर्निया बवासीर जैसे असाध्य रोगो का इलाज गारंटी के साथ देने का वादा करते हैं।
 
ऐसा ही एक अस्पताल सिंघलपट्टी बाजार में रुद्र नर्सिंग होम एवं चाइल्ड केयर सेंटर के नाम से अवैध रूप से संचालित हो रहा है।सिंघलपटटी बाजार में संचालित अवैध अस्पताल में प्रशिक्षित स्टाफ नर्स नहीं होती हैं । इस तरह के अस्पताल में लापरवाही की हद तो यह है कि स्नातक की डिग्री पर चिकित्सक गंभीर अवस्था के मरीजों का ऑपरेशन करते हैं। ऑपरेशन टेबल पर मरीजों का केस बिगड़ने पर बाहर से प्रशिक्षित चिकित्सकों को बुलाया जाता है।
 
सिंघलपट्टी बाजार में अवैध रूप से चलाए जा रहे नर्सिग होम और पैथालॉजी, अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा नहीं कसने से मानकों को ताक पर रखकर चलाए जाने वाले अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर के संचालको के हौसले बुलंद है।बिना रजिस्ट्रेशन व सुविधाओं के चल रहे अस्पताल ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है।मनमाने तरीके से चलाए जा रहे अस्पताल सवालों के घेरे में आने के साथ ही विभागीय कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे है अस्पताल है।जो स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से बचें हुए हैं
 
मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़ स्वास्थ्य विभाग के सेटिंग गेटिंग के खेल चलते इन अस्पतालों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती है। ये मानक विहीन अस्पताल बड़ी बीमारी बताकर अस्पताल आये हुए मरीजों का शोषण करते है।बिना पंजीकरण के अस्पतालों का संचालन करने वाले संचालक अथवा ऐसे जगहों पर तैनात डॉक्टर गम्भीर रूप से सामान्य बीमारी से बीमार मरीजों को भी बड़ी बीमारी बताकर लम्बा इलाज करते है और शोषण करते है। प्रसव के आने वाली महिलाओं को बिना जांच के ही ऑपरेशन की सलाह दे दी जाती।
 
जहां पर ओपीडी से लगाकर ऑपरेशन तक की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। संसाधनों के अभाव के बीच में प्रशासन की बगैर जानकारी के चल रहे है और इन अस्पताल में होने वाली मौतों का भी पता नहीं चल पाता है। मनमाने तरीके से चलने वाले अस्पताल पर होने वाली मौतों तक का पता प्रशासन या लोगों को पता तब चलता है जब परिवार के लोग मामले की शिकायत करतें है या फिर मौत के बाद हो हल्ला करते है।इस अवैध अस्पताल बारे में जानकारी ली गई तो सीएचसी जहांगीरगंज प्रभारी उदय चंद यादव ने बताया  कि जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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