गोंडा लोकसभा चुनाव की सरगामी धीरे-धीरे तेज हो रही

 कोई भाजपा की नीतियों से खुश है तो कोई अन्य दलों की सरकारों का कार्यकाल बेहतर मान रहे 

स्वतंत्र प्रभात 
गोण्डा : लोकसभा चुनाव की सरगामी धीरे-धीरे तेज हो रही है।बंजारों दुकानों चौराहों और गांव की गलियों में लोग चुनावी चर्चा करने लगे हैं। कोई भाजपा की नीतियों से खुश है तो अनेक लोग अन्य दलों की सरकारों का कार्यकाल बेहतर मान रहे हैं।अयोध्या से सटी गोंडा लोकसभा सीट की बात की जाए तो यहां दस साल से जीत की हैट्रिक का इंतजार अब खत्म होगा या फिर उस पर श्रेया वर्मा ब्रेक लगाएंगी अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।फिर हाल देश की आजादी के बाद से अब तक हुए गोण्डा में लोकसभा चुनाव में कभी कभी बीजेपी,कभी सपा जीतती रही हैं साल 1952 के चुनाव में हिंदू महासभा की शकुंतला नायर गोंडा से सांसद चुनी गईं।1957 के चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की।इसके बाद 1962 में राम रतन गुप्ता कांग्रेस जीते।
 
साल 1967 में सुचेता कृपलानी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। 1971 के चुनाव में मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह कांग्रेस से मैदान में उतरे और जीते।1977 में सत्यदेव सिंह ने जनता पार्टी से जीत दर्ज की। इसके बाद 1980, 1984,1989 में लगातार कांग्रेस के आनंद सिंह जीतते रहे। राममंदिर आंदोलन के बाद से चली लहर में बीजेपी के टिकट पर 1991 में भाजपा के बृजभूषण शरण सिंह ने यहां कमल खिलाया।1996 में उनकी जगह उनकी पत्नी श्रीमती केतकी सिंह बीजेपी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ीं और जीतीं।
 
1999 में मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह के बेटे कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने सपा से टिकट हासिल किया और जीत दर्ज की।2001 में बीजेपी से बृजभूषण सिंह ने सपा के कृतिवर्धन सिंह को हरा दिया।2005 में सिंह ने सपा से जीत हासिल की।साल 2009 में बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस से मैदान में उतरे और जीत दर्ज की।2014 में मोदी लहर में इस सीट पर भाजपा का कब्जा हो गया।फिर 2019 में भाजपा से ही कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया सासंद रहे और वर्तमान में यहां से भाजपा के सासंद है।
 
अब 2024 में तीसरी बार चुनाव जीतकर कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया चुनाव जीत की हैट्रिक लगाने को बेताब हैं।उनके सामने चुनावी रण में 2009 में कांग्रेस के टिकट पर गोण्डा लोकसभा से सीट जीत कर  लोकसभा पहुंचे थे बेनी प्रसाद वर्मा की पोती श्रेया वर्मा को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है।वही बसपा ने अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है।दस साल का इंतजार खत्म होगा या फिर उसे इंतजार पर श्रेया वर्मा ब्रेक लगायेगी इस पर अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी क्यों  ?
 
 

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