वेतन न मिलने के चलते सैकड़ो अध्यापकों के आगे खड़ा हुआ रोजी-रोटी का संकट
आश्वाशन की घुट्टी, पिला रहे अधिकारी ऊंची ब्याज पर पैसे लेने को अध्यापक हुए मजबूर
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महेन्द्र कुमार शुक्ला ब्यूरो-प्रमुख
कौशाम्बी। बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों का कई माह बिताने के बाद भी 3 महीने का वेतन न मिलने के चलते उनके जीविकोपार्जन के लिए बड़ी चुनौती उत्पन्न हो गई है जिसके चलते प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त अध्यापकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अध्यापकों द्वारा मामले की शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई किंतु हर बार आश्वासन की घुट्टी पिलाने के अलावा समस्या का निस्तारण नहीं किया जा सका है।
जिस अध्यापक से सरकार अपनी मनमर्जी के अनुसार जनहित में रात-दिन काम लेती है फिर चाहे चुनाव हो या कुछ और काम प्रदेश के अध्यापक बखूबी सरकार के आदेश को मंजिल तक पहुंचाने में जी जान लगा देते हैं उन्ही अध्यापकों का वेतन कई माह बीत जाने के बाद भी अभी तक निर्गत नही किया जा सका है। जिस अध्यापक को सरकार अपनी आंख कान समझकर मतदाता सूची तक की जिम्मेवारी देती है आज उन्ही उन्हीं अध्यापकों के लिए अपने परिवार का गुजर बसर करने को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
पीड़ित अध्यापकों की माने तो जनपद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 300 अध्यापकों को जुलाई माह से लेकर सितंबर 2023 तक का वेतन उन्हें अब तक नहीं मिला है जिसके चलते उनके जीविकोपार्जन पर बड़ा संकट मंडराने लगा है।
ऊंची ब्याज दर पर पैसे लेने को हुए मजबूर
इतना नहीं तीन माह का वेतन निर्गत न होने के चलते अध्यापक शहरों में प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे अपने बच्चों का ट्यूशन शुल्क व रूम रेंट भी देना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। शिक्षक के बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए शिक्षक साहूकारों से ऊंची ब्याज पर पैसे लेकर अपने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने का प्रयास कर रहे हैं।
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