कैसे पूरा हो गांवों के विकास का सपना जब हर कदम भ्रष्टाचार दिखा रहा है रंग अपना?
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तुलसीपुर/बलरामपुर गांवों का मौसम गुलाबी" बताने वाली योगी सरकार में गांवों को खूब धन आवंटन किया गया। सरकार ने इस बात का भरसक प्रयास किया कि गांव-गांव विकास की गंगा बह सके। सड़के, नालियां, चक मार्ग, स्ट्रीट लाइट, कूड़ा निस्तारण, मनरेगा इत्यादि विकास के कामों के लिए बेहतर व्यवस्था की बात की जाती है। लेकिन स्थानीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के कारण सरकार की मंशा पर कहीं ना कहीं ''भ्रष्टाचार का पानी फिरता" नज़र आ रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं तुलसीपुर शहर से सटे ग्राम सभा शितलापुर गांव की जहां पर गांव के विकास के नाम पर खूब बंदरबांट किया गया है।
तीन मौजों के गांव और लगभग 5 हजार से अधिक आबादी वाले इस ग्रामसभा के लोगों का आरोप है कि तमाम कार्यों को करवाने में न केवल प्रधान और अन्य की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। बल्कि एक ही जगह पर कई बार पौधारोपण, मिट्टी पटाई का कार्य करवा कर सरकारी धन की क्षति भी की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि गली मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट लगवाने के नाम पर हजारों रुपए सरकारी खाते से निकल गए। लेकिन गांव में केवल बल्ब लटका कर प्रधान और सचिव ने खानापूर्ति कर दी। इसी के साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में लगभग 65 लाख रुपए का कार्य करवाया गया है। लेकिन जमीन पर वह कार्य अभी तक नजर नहीं आते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने की सरकार की जो मनसा है, उसपर भी इस गांव में पानी फिरता नजर आ रहा है। पिछले प्रधान के कार्यकाल में इंडियामार्का हैंडपंप्स को यहां पर लगवाया गया था।
लेकिन इस कार्यकाल में भी 11 नए हैंडपंप लगवाने की बात कागज में सामने आ रही है। लेकिन एक भी हैंडपंप नया पूरे ग्राम सभा में नहीं लगाया गया है। इसी तरह से ग्राम प्रधान और कोटेदार भी एक ही घर में हैं। सरकारी राशन की दुकान पर लोगों को काम राशन दिया जाता है। शितलापुर गांव में अन्नपूर्णा भवन बनकर तैयार है। फिर भी वहां पर राशन की बिक्री नहीं की जाती है। बल्कि प्रधान अपने घर से राशन की बिक्री करवाते हैं। क्योंकि ग्राम प्रधान का सगा भाई ही कोटेदार है ग्रामीणों ने कहा कि पौधारोपण के बहाने एक ही जगह पर तीन बार पौधों को लगाया गया है और हर कुछ दिनों पर मजदूरों को दिखाकर वहां पर पौधे की देखभाल की बातें तो कही जाती हैं। लेकिन वही पौधे आज तक बचे हुए हैं जो तुलसीपुर चीनी मिल के द्वारा उक्त लगवाया गया था क्योंकिगांव में चीनी मिल के द्वारा अक्सर काम करवाया जाता है।
वहीं, गांव का एक मात्र तालाब भी बदहाली का शिकार है। यहां पर इसे ठीक करवाने के नाम काफी धन का बंदरबांट किया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में गंदगी रहती है लेकिन सफाई कर्मचारी गांव में नहीं आता है। शितलापुर के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी बलरामपुर को दिए शिकायती प्रार्थना पत्र में यह मांग की है कि पिछले 3 वर्षों में हुए विकास कार्यों की जांच, समीक्षा व निरीक्षण करवाकर जो भी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। प्रभारी बीडीओ तुलसीपुर अनूप सिंह से जब ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है। सरकार की मंशा है कि भ्रष्टाचार ना हो, हमें यदि इस प्रकार की कोई शिकायत मिलती है तो ग्राम शितलापुर में हुए विकास कार्यों की जांच करवाई जाएगी। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अब देखना होगा कि ग्रामीणों द्वारा इस बार किए गए शिकायत पर सरकार और उसके अधिकारी क्या एक्शन लेते हैं या पिछले कई बार की तरह ही ग्रामीणों की शिकायत को कूड़ेदान में डाल दिया जाता है।
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