थाना स्तर पर नहीं हो रही है जनता की सुनवाई, थानाध्यक्षों के लिए खैर नहीं – डीआईजी

थाना स्तर पर नहीं हो रही है जनता की सुनवाई, थानाध्यक्षों के लिए खैर नहीं – डीआईजी

बस्ती। पुलिस लाइन सभागार में पुलिस अधीक्षक बस्ती द्वारा आयोजित अपराध गोष्ठी में दिनेश कुमार पी. पुलिस उपमहानिरीक्षक, बस्ती परिक्षेत्र, बस्ती द्वारा सभी को निम्नलिखित निर्देश दिये गये मुझे पदभार ग्रहण किये लगभग 13 दिन हो चुका है। यहां पर नियुक्त सभी राजपत्रित अधिकारियों एवं थानाध्यक्षों की नियुक्ति अवधि 4-5 माह से उपर हो चुकी है। इस अल्प अवधि में मैंने पाया है कि थानाध्यक्षों की के कार्यों में और सुधार लाये जाने की आवश्यकता है।जनपद में आत्महत्या की घटनायें बढ़ रही हैं। इस पर सभी को सतर्क एवं सजग करते हुये रोक लगाने का सार्थक प्रयास किया जाये।
 
अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण हेतु किसी भी स्तर पर कोई भी लापरवाही एवं शिथिलता को गम्भीरता से लिया जाये। कार्य में लापरवाह थानाध्यक्षों को सचेत किया जाये। यदि उनमें सुधार नहीं हो रहा है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही करने पर विचार किया जाये।परिक्षेत्र कार्यालय में विभिन्न थाना क्षेत्रों से काफी संख्या में पीडित मेरे समक्ष पेश होकर शिकायती प्रार्थनापत्र दे रहे हैं।
 
इससे स्पष्ट है कि जनता के व्यक्तियों की थाना स्तर पर सुनवाई के मामलों में लापरवाही की जा रही है. जो कि आपत्तिजनक है। यदि थाना स्तर से किसी पीडित का नहीं सुना जाता है तो वह उच्चाधिकारीगण के पास जाता है। कार्यवाही थाना स्तर से ही होना है. अतः सभी थानाध्यक्ष प्राथमिक स्तर पर ही पीड़ित की समस्या का निस्तारण करायें तो ज्यादा ठीक रहेगा और पीडितों को उच्चाधिकारीगण के पास जाना नहीं पड़ेगा।थाने पर आने वाले असहाय एवं पीडित व्यक्तियों की कल्याण की भावना से उनकी मदद करते हुये उनके साथ न्यायपूर्वक कार्यवाही की जाये।
 
परिक्षेत्र में अपराध नियंत्रण मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी स्तर पर कोई भी लापरवाही एवं शिथिलता क्षम्य नहीं होगी। सभी थानाध्यक्ष सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा घटनाओं की सूचना तत्काल सम्बन्धित अधिकारियों को दिया जाये। किसी भी प्रकार की सूचना को छिपाने अथवा दबाने का प्रयास न किया जाये।महिला सम्बन्धित अपराधों के मामलों को अनावश्यक रूप से लम्बित न रखकर त्वरित विधिक कार्यवाही की जाये।पंजीकृत अपराधों का शत-प्रतिशत अनावरण करते हुये अपराध एवं अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण किया जाये।
 
अपराध एवं अपराधियों पर नियंत्रण में अक्षम अधिकारियों की जवाबदेही तय की जायेगी। अपराध एवं अपराधियों पर कठोर नियंत्रण किया जाये। अभियुक्तगण के विरुद्ध लचीला रवैया न अपनाया जाये उनके साथ कठोरतापूर्वक कार्यवाही किया जाये।जनता के व्यक्तियों व पीड़ितों के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए न्यायपूर्ण कार्यवाही किया जाये। आई०जी०आर०एस० के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाये।
 
राजस्व सम्बन्धी मामलों में पूर्ण विवरण अंकित किया जाये। जनसुनवायी एवंआई०जी०आर०एस० सम्बन्धी मामलों को गम्भीरता से लिया जाये।सम्पत्ति सम्बन्धी विवादों को राजस्व टीम से समन्वय करके उनका निस्तारण कराया जाये।आपरेशन कन्वीक्शन के अन्तर्गत थानाध्यक्षों द्वारा उ०नि० पैरोकारों को नामित कर चिन्हित मुकदमों का प्रभावी पैरवी कराकर अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा दिलाने का सार्थक प्रयास किया जाये।कई घटनायें ऐसी घटित हुई है, जहा सी०सी०टी०वी० कैमरे नहीं लगे हैं।
 
अतः आपरेशन त्रिनेत्र के तहत जनसहयोग से अधिक से अधिक कैमरें स्थापित कराने का सार्थक प्रयास किया जाये। फेक न्यूज और साइबर अपराध के खिलाफ उ०प्र० पुलिस के अभियान में ‘डिजिटल वारियर’ के रूप में युवाओं और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भागीदारी तय करने के सम्बन्ध में दिनाक 20-12-2024 को पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश महोदय द्वारा डी०जी० परिपत्र संख्या 48/2024 जारी किया गया है। परिपत्र में दिये गये निर्देशों के अनुरूप थाना जनपद स्तर डिजिटल वारियर बनाया जाना है तथा ‘डिजिटल वारियर’ के माध्यम से साइबर सम्बन्धित अपराध के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
 
अतः सभी से अपेक्षा की जाती है कि उक्त परिपत्र में दिये गये निर्देशों के अनुरूप अपेक्षित कार्यवाही किया जाये।सोशल मीडिया प्लेटफार्म यथा एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि पर कार्यवाही सम्बन्धी सूचना देते समय पूरा विवरण अकित किया जाये। जनपद में घटित घटनाओं पर क्षेत्राधिकारी द्वारा बाइट अथवा जानकारी दी जायेगी।यूपी-112 पर पुलिस अधीक्षक का पूर्ण नियंत्रण होना चाहिये। इसमें नियुक्त पुलिस कर्मियों की ड्यूटी स्थल पर उपलब्धता, अनुशासन एवं टर्नआउट पर पुलिस अधीक्षक द्वारा विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये महिला एवं पाक्सो एक्ट से सम्बन्धित पोर्टल ITSSO पर प्रदर्शित मुकदमें नियत समयावधि में निस्तारित किया जाये।
 
सर्किल अधिकारियों द्वारा थानों का अर्दली रूम किया जाये तथा लम्बित विवेचनाओं का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराया जाये। विवेचनाओं को अनावश्यक रूप से लम्बित न रखा जाये।जनपद में निरोधात्मक कार्यवाही में और सुधार लाया जाये। निरोधात्मक कार्यवाही करते समय विगत के अपराधिक इतिहास को देखकर निरोधात्मक कार्यवाही किया जाये।आगामी मकर संक्रान्ति त्यौहार पूर्वाचल का बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस सम्बन्ध में पूर्व आकलन करते हुये इस अवसर पर समस्त व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करायें ताकि कोई अप्रिय घटना न घटने पाये। इसी प्रकार जनपद में कोई भी त्यौहार आने पर उसका पूर्व से आंकलन समीक्षा करते हुये समय से सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराया जाये जो घटनाओं को रोकने में सहायक होगा।
 
धार्मिक आयोजनों पर विशेष सतर्कता एवं सजगता बरती जाये। जनपद में किसी कार्यक्रम में यदि हजार से अधिक भीड़ होना सम्भावित है तो अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा कार्यक्रम स्थल का भ्रमण अवश्य कर लिया जाये क्योंकि छोटी सी लापरवाही किसी बड़ी घटना का कारण बन सकता है।अच्छा कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों को उत्साहवर्धन के लिये पुरस्कृत किया जाये।उक्त गोष्ठी में ओमप्रकाश सिंह अपर पुलिस अधीक्षक बस्ती तथा समस्त क्षेत्राधिकारीगण, समस्त प्रभारी निरीक्षक व थानाध्यक्षगण, समस्त शाखा प्रभारी, यातायात प्रभारी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, प्रतिसार निरीक्षक व अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण मौजूद रहे।
 
 

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