काम ना आई ट्रंप से गहरी दोस्ती
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ना तो मोदी जी की ट्रंप के साथ गहरी दोस्ती ही काम आई और ना ही विदेशों में बजता भारत का डंका ही रोक सका ट्रंप को भारतीय स्वाभिमान का मजाक उड़ाने से, 5 फरवरी को दोपहर करीब 2 बजे अमेरिकी वायुसेना का सी-17 विमान अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा और उसमें से उतरे हथकड़ियों व बेड़ियों में जकड़े 104 भारतीय अप्रवासी नागरिक जो अवैध रूप से अमरीका में रह रहे थे, जिन्हे ट्रंप सरकार ने सत्ता में आते ही डिपोर्ट कर दिया। अमेरिकन सैन्य विमान शाम 5 बजकर 32 मिनट पर इन लोगों को छोड़ने के बाद वापिस लौट गया। विमान में सभी यात्रियों के पांव, हाथ व कमर बांधकर रखे गए थे, लेकिन एयरपोर्ट पर उतारने से पहले विमान में उनके बंधन खोल दिए गए थे। अमेरिका से वापिस भेजे गए 104 लोगों में 23 महिलाएं, 12 बच्चे व 79 पुरुष हैं।
इनमें 33 गुजरात के , 33 हरियाणा के, 30 पंजाब के, 2 चंडीगढ के, 2 उत्तर प्रदेश के और 2 महाराष्ट्र के हैं। इन सभी की वेरिफिकेशन कर इनके घर पहुंचा दिया गया। निस्संदेह पहले भी विदेशों में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की देश वापसी होती रही है परन्तु इस तरह की बदसलूकी और भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर नीचा दिखाने की कोशिश किसी ने नही की जैसी मोदा जी के खास दोस्त डोनाल्ड ट्रंप ने की है। हमारे से अच्छा तो दक्षिण अमेरिका का छोटा सा देश कोलंबिया निकला, जिसने अपने नागरिकों की इस तरह बेड़ियों में वतन वापसी का विरोध कर अपना विमान भेज अपने नागरिकों की गरिमापूर्ण वतन वापसी करवाई।
अमृतसर एयरपोर्ट पर हुई इस घटना से मीडिया को बिल्कुल दूर रखा गया परन्तु कुछ लोगों ने इस घटना की वीडियों और तस्वीरों को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। आज अमेरीकी डॉलर 87 रूपए से ऊपर चल रहा है। कनाडाई डॉलर 61 रूपए से ऊपर और आस्ट्रेलियाई डॉलर 55 के पास पहुंच गया है परन्तु मेनस्ट्रीम मीडिया में इन मुद्दों पर कोई बहस या चर्चा नही होती। कोई इन मुद्दों पर बात करता है तो उसे देशद्रोही और सनातन का विरोधी बता दिया जाता है।
अमेरीकी मिडिया के अनुसार 18000 अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की पहचान की गई है। अब देखना होगा हमारी सरकार उनकी बाइज्जत वापसी करवाती है या उन्हें भी इसी तरह खूंखार अपराधियों की तरह बेड़ियों में बांध कर वापिस भेजा जाएगा। ट्रम्प के सत्ता संभालने के पहले 11 दिन में ही 25 हजार से ज्यादा अवैध अप्रवासी हिरासत में लिए गए। ट्रम्प की इमिग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट टीम ने 12 राज्यों में छापे मारे। रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर छापे रिपब्लिकन राज्यों मारे गए। जिनमें 1700 अवैध अप्रवासी भारतीयों को हिरासत में लिया गया है।
इस दौरान मेक्सिको बॉर्डर से घुसपैठ की घटनाएं 94 प्रतिशत तक घटी हैं। बाइडेन के कार्यकाल में इस साल 1 जनवरी से 19 जनवरी के बीच हर दिन घुसपैठ की औसतन 2087 घटनाएं हुईं जबकि ट्रम्प के सत्ता संभालने के बाद 20 जनवरी से 31 जनवरी तक यह आंकड़ा 126 पर आ गया। अनुमान के मुताबिक अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय अप्रवासी रहते हैं। यह आंकड़ा अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। पहले स्थान पर मेक्सिको और दूसरे पर अल साल्वाडोर के अप्रवासी हैं।
पिछले महीने भारत सरकार ने कहा था कि अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापिस लेने के मामले में भारत हमेशा तैयार रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत यह जांच कर रहा है कि अमेरिका में कितने भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और इन्हें वापिस भेजा जा सकता है या नहीं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने टेक्सास के एल पासो और कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हिरासत में रखे गए 5 हजार से अधिक अवैध अप्रवासियों को भी उनके देशों में भेजने के लिए सैन्य विमानों की मदद देनी शुरू कर दी है।
अब तक सैन्य विमानों के जरिए अमेरिका से भारत, ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास के प्रवासियों को वापिस भेजा गया है। एक्सपर्ट्स के अनुसार अमेरिका से वापिस भेजे गए सभी अप्रवासीयों का अमेरिका में बायोमीट्रिक स्कैन किया गया है। ये सभी अप्रवासी भविष्य में कभी अमेरिका नहीं जा पाएंगे। यहां तक की अगर ये वैध डॉक्यूमेंट्स के साथ भी अमेरिका जाने की कोशिश करेंगे, तो इन्हें वीजा नहीं मिल पाएगा। यहां यह बताना आवश्यक है कि अमेरिका की वीजा पॉलिसी को कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन समेत दुनिया के 20 देश फॉलो करते हैं।
इसलिए इन अप्रवासियों को अब इन सभी देशों में कभी एंट्री नहीं मिल पाएगी। एक्सपर्ट्स के अनुमान के मुताबिक भारत लौटे लोगों पर वैसे तो भारत में कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा क्योंकि उन्होंने अमेरिका की जमीन पर अपराध किया है भारत में नही परन्तु इन लोगों के अमेरिका पहुंचने के तरीकों की जांच पुलिस जरूर कर सकती है। इसके अलावा अगर किसी अप्रवासी ने डंकी रूट से अमेरिका पहुंचने के लिए पैसा दिया है तो उन लोगों पर आयकर अधिनियम 1961 के तहत ईडी कार्रवाई कर सकती है।
अगर पासपोर्ट में हेराफेरी का मामला हुआ तो नागरिकता अधिनियम 1955 और पासपोर्ट अधिनियम 1967 के तहत कार्रवाई हो सकती है। वहीं भारत के बॉर्डर को अवैध रूप से पार करने वालों पर इमिग्रेशन अधिनियम 1983 के तहत कार्रवाई होगी या अगर भारत से भागने के बाद अवैध रूप से संपत्ति देश के बाहर ले गए तो सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत उन लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।
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