मनरेगा मजदूरी बकाया रखना बंधुआ प्रथा -एआईपीएफ
मजदूरी बकाए का तत्काल हो भुगतान, एआईपीएफ ने सीएम को पत्र भेज की मांग

अजीत सिंह ( ब्यूरो)
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-
होली के पावन पर्व और रमजान के पाक महीने में भी मनरेगा की करोड़ों रुपया मजदूरी बकाया रहने पर ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने गहरी आपत्ति दर्ज की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एआईपीएफ के जिला संयोजक कृपाशंकर पनिका द्वारा भेजे पत्र में कहा गया कि संविधान के अनुसार काम कराकर मजदूरी का भुगतान न करना बंधुआ प्रथा है और आपराधिक कृत्य है।
पत्र में कहा गया कि नीति आयोग के अनुसार सर्वाधिक पिछड़े जनपद सोनभद्र में स्पष्ट आदेश है कि मनरेगा में किसी भी प्रकार का बकाया न रखा जाए। बावजूद इसके महीनो से मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। हालत यह है कि म्योरपुर ब्लॉक में ही 5 करोड़ रुपए से ज्यादा मजदूरी बकाया पड़ी हुई है। परिणाम स्वरुप मजदूरों के परिवारों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है और वह होली जैसे पावन पर्व को मना नहीं पा रहे हैं।
एआईपीएफ के नेता ने कहा कि दरअसल मनरेगा बकाया का जो संकट आज पैदा हुआ है उसका बड़ा कारण मोदी सरकार की नीतियां है। मोदी सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के रोजगार वाले मनरेगा कानून को खत्म करने पर आमादा है। इस साल बजट में सरकार ने मनरेगा में कोई वृद्धि नहीं की और पिछले वित्तीय वर्ष में आवंटित 86000 करोड़ रुपए ही दिए हैं। जोकि मुद्रा स्थिति और महंगाई की तुलना में कम ही किया गया है।
उन्होंने ग्राम प्रधानों, जन प्रतिनिधियों, मजदूरों और ग्रामीणों से अपील की है कि वह मोदी सरकार की महंगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाली, मजदूरी तक बकाया रखने वाली और पलायन के लिए मजबूर करने वाली नीतियों के खिलाफ खड़े हो और चल रहे रोजगार अधिकार अभियान का हिस्सा बने।
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