सोनभद्र: पुलिसिया दमन के बल पर सत्य व तथ्यों के बल पर आवाज उठाने पर मिल रही सजा
सामाजिक कार्यकर्ता डब्लू सिंह ने आरोप लगाते हुए औद्योगिक प्रतिष्ठान का खोला काला चिट्ठा कह दी यह बड़ी बात

सेवा समपर्ण का मिला है यह सिला
अजीत सिंह ( ब्यूरो)
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश-
जिले में सच्चाई को उजागर करने से लेकर गरीबों, मजदूरों, शोषितों-पीड़ितों की आवाज़ उठाना, इनकी मदद के लिए बढ़ कर आगे आने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिसिया दमन के बल पर सोनभद्र के औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा ऐसे लोगों को कुचलने का कुचक्र रच उनकी जुबां बंद कराई जा रही है। पिछले दिनों शक्तिनगर थाना क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर मिली लाश को लेकर मामले में कई दिनों तक थाने में बैठाकर पूछताछ के नाम मामला सल्टाने की कवायद में लगी पुलिस ने खोज-खबर लेने पर उल्टा पत्रकारों को ही फांस थाने में वीडियो बनाने का कहानी गढ़ दिया है।
अभी यह मामला ठंडा पड़ा भी नहीं था कि रेणुकूट नगर के प्रमुख समाजसेवी विजय प्रताप सिंह उर्फ डब्लू सिंह को एक निजी औद्योगिक प्रतिष्ठान द्वारा संचालित अस्पताल में एक घायल को भर्ती कराने और वहां की अव्यवस्थाओं को लेकर आवाज़ उठाना उनके लिए जुर्म साबित हुआ है, जिनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोप है कि यह सबकुछ उक्त औद्योगिक प्रतिष्ठान द्वारा संचालित अस्पताल के जिम्मेदार मुलाजिम द्वारा कराया गया है, ताकि कोई भी उनकी नाकामियों को दर्शाने का साहस न करने पाएं।
दरअसल, यह पूरा मामला 3 मार्च 2025 की रात्रि लगभग 1:15 का बताया जा रहा है। रेणुकूट नगर के दर्जी मार्केट के पास कूड़ा बिनकर जीवन-यापन करने वाली धरिकार बस्ती की एक महिला को बाईक सवार टक्कर मार देते हैं जिसमे उस महिला का फैक्चर हो जाता है। जिन्हें भागते समय पुलिस ने तत्परता बरतते हुए पकड़ लेती है।
इधर इस दुर्घटना की जानकारी होते ही रेणुकूट नगर के समाजसेवी एवं पूर्व नपाध्यक्ष के भाई विजय प्रताप सिंह उर्फ डब्लू सिंह घायल महिला का हाल जानने हिंडालको हॉस्पिटल पहुंचते हैं। जहां महिला के इलाज सहित वहां की अव्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने शिकायत करते हुए आवाज उठाई तो आनन फानन में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है।
बकौल, विजय प्रताप सिंह उस रात तकरीबन 3 बजे कुछ महिला उनके घर आईं और महिला के घायल होने की जानकारी देते हुए मदद की गुहार लगाती हैं। जिस पर वह झटपट उनके साथ चल पड़ते हैं। विजय प्रताप सिंह के मुताबिक जब वह उक्त हॉस्पिटल में पहुंचते हैं तो वहां की अव्यवस्थाओं को देख उन्होंने मौके का वीडियो बनाकर संबंधित जिम्मेदारों से इसकी शिकायत दर्ज कराई थीं।
उधर महिला की हालत बिगड़ी देख उन्होंने फौरन दिग्विजय जी के सहयोग से रात में ही एक फोन पर एम्बुलेंस की व्यवस्था कराकर घायल महिला को बैढ़न (मध्य प्रदेश) हॉस्पिटल में भिजवाया, ताकि उसे बचाया जा सके। उधर हॉस्पिटल प्रबंधन ने उनके खिलाफ स्थानीय पुलिस को उनके खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करा दिया। जिसकी जानकारी होते ही उनके पैरों तले जमीन खिसकने लगी है।
इस संबंध में रेणुकूट स्थित हिंडाल्को औद्योगिक प्रतिष्ठान द्वारा संचालित अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी आशीष रंजन ने बताया कि नगर की एक महिला के घायल होने पर उसे अस्पताल लाया गया था, जिसका प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को बेहतर उपचार के लिए रेफर कर दिया गया था। इस मामले में एक व्यक्ति द्वारा अस्पताल का वीडियो बनाकर उसे सोशल साइट पर वायरल किया गया, जिससे लोक शांति भंग होने की संभावना बढ़ गई।
वीडियो में गलत आरोप लगाते हुए कहा गया कि मरीज का समुचित इलाज नहीं किया गया, जबकि वास्तविकता में मरीज को सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की गई थीं। इसपर पलटवार करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता डब्लू सिंह तंज़ कसते हुए कहते हैं, हिंडाल्को हॉस्पिटल का ये हाल है की 2 घंटे से नॉर्मल ईलाज कर के स्टेचर पर लेटा कर रेफर कर दिए। जहां पीड़ित को एम्बुलेंस तक नहीं दी गई थी। कहने को तो यह सीएसआर के तहत सुविधा देते है, परंतु हकीकत तो कुछ और ही होती है जो वीडियो में साफतौर पर दिखाई दे जा रहा है। वह कहते हैं हिंडाल्को मैनेजमेंट की कथनी और करनी में काफी फर्क है।
वह सवाल दागते हुए कहते हैं कि किडनी से ऑपरेशन कर के 200 से ज्यादा पथरी निकाल दिया जाता है, लेज़र ऑपरेशन, गले में पेट में सिक्का फंस जाता है तो वह यहां आसानी से निकाल दिया जाता है, लेकिन वहीं एक गरीब मजदूर का यहां ईलाज नहीं हो पाता है उसे रेफ़र कर दिया जाता है, आखिरकार ऐसा क्यों? अपने उपर दर्ज कराएं गए फर्जी मुकदमें के बाबत वह कहते हैं कि दरअसल, वह काफी समय से जिले के गरीबों पीड़ित, शोषित वंचित समाज के लोगों से लेकर श्रमिकों की आवाज़ उठाते हुए आ रहें हैं ऐसे में कई लोगों की आंखों में वह खटकने लगे थे। जिसमें से एक हिंडाल्को इंडस्ट्रीज भी है जिसके खिलाफ वह श्रमिकों की आवाज़ को, श्रमिकों के हितों को लेकर मुखर रहे हैं।
जिससे बौखलाए उक्त इकाई द्वारा उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जाता रहा है। यह मुकदमा मी उसी षड्यंत्र का हिस्सा है। गौरतलब हो कि सोनभद्र के रेणुकूट नगरवासियों के लिए डब्लू सिंह बिल्कुल जाना पहचाना नाम है। कोरोना काल से अब तक इनकी टीम द्वारा 5 हजार से ज्यादा लोगों की घटना दुर्घटना में घायल होने पर जान बचाई गई, डब्लू सिंह 61 बार रक्तदान करने के साथ 4 बार प्लेटलेट्स भी दान कर चुके हैं।
अनगिनत कितने असहाय लोगों की आर्थिक मददत की। अपने ऊपर दर्ज हुए मुकदमें के बाबत वह कहते हैं कि "इतनी सेवा देने के बाद रेणुकूट पुलिस ने ये सम्मान मुझे एफआईआर के रूप दिया है, ऐसे सम्मान से बढ़िया है की सूबे के मुख्यमत्री एवं जिले आलाधिकारी के से निवेदन है कि किसी की जान बचाने के लिए fir नहीं मृत्यु दंड देना चाहिए।
दूसरी ओर समाजसेवी विजय प्रताप सिंह ने रेणुकूट पुलिस और चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा फर्ज़ी मुकदमें में फंसाए जाने को लेकर पुलिस अधीक्षक को पर लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। समाजसेवी विजय प्रताप सिंह ने पुलिस अधीक्षक को भेजे पत्र में लिखा कि पीड़ित समाज के कमजोर और असहाय लोगों की आवाज को प्रशासन तक पहुंचाने के साथ ही उनकी हर संभव मदद करने का कार्य करता आया है। उन्होंने चिकित्सालय में लगाए गए सीसी टीवी कैमरे व अन्य स्रोतों से जांच कराकर कर दोषियों पर कार्रवाई किए जाने एवं उन पर लगे फर्ज़ी मुकदमें में न्याय दिलाए जाने की मांग की है।
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