राम की भक्ति से हनुमान जी सबसे लोकप्रिय देवता।… सद्गुरु कृष्णानंद

राम की भक्ति से हनुमान जी सबसे लोकप्रिय देवता।… सद्गुरु कृष्णानंद

स्वतंत्र प्रभात प्रयागराज से दया शंकर त्रिपाठी की रिपोर्ट प्रयागराजसद्गुरु कॉन्शसनेस सोसाइटी के अध्यक्ष सद्गुरु कृष्णानंद जी ने सद्गुरु आश्रम पंडाल मैं हनुमान जी की भक्ति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हनुमान जी की भक्ति भगवान राम के प्रति इतनी गहरी थी की 100 योजन पार करके वह लंका में प्रवेश कर

‌स्वतंत्र प्रभात

प्रयागराज से दया शंकर त्रिपाठी की रिपोर्ट


‌प्रयागराज

‌सद्गुरु कॉन्शसनेस सोसाइटी के अध्यक्ष सद्गुरु कृष्णानंद जी ने सद्गुरु आश्रम पंडाल मैं हनुमान जी की भक्ति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  हनुमान जी की भक्ति भगवान राम के प्रति इतनी  गहरी थी की 100 योजन पार करके वह लंका में प्रवेश कर गए और लंकिनी ने जब उनका रास्ता रोका और वह असफल हो गई तो उसने भी राम की भक्ति की महिमा को पहचान लिया और मन में निश्चय कर लिया अब अशांत लंका का विनाश सुनिश्चित लग रहा है ।‌हनुमान जी लंका में प्रवेश करने के बाद रावण के आवास का अवलोकन करने के बाद जब विभीषण के पास पहुंचे  तोउन्होंने अपना परिचय राम भक्त के रूप में देते हुए कहा उन्हीं की कृपा से मैं यहां तक पहुंचा मैं तो इतना तुच्छ प्राणी हूं कि मेरा नाम जो सुबह ले ले उसको दिन भर आहार नहीं मिलता इसके बावजूद भी सबसे अधिक लोग मुझे ही स्मरण करते हैं

यह सब भगवान राम की भक्ति का ही प्रताप है मेरा इसमें कुछ नहीं है ‌‌सद्गुरु कृष्णानंद जी हनुमान जी को भगवान राम का सबसे कृपा पात्र और विश्वसनीय भक्त बताया और कहा हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो आज भी अमर हैं इसलिए मनुष्य को अपने भक्ति पर विश्वास करना चाहिए अपनी वीरता और अहम पर नहीं इसके पूर्व आज बसंत पंचमी पर स्नान ध्यान पूजा पाठ हवन के बाद सदगुरु महाराज ने प्रतिदिन की भांति भंडारे का आयोजन किया

जिसमें सैकड़ों सन्यासी गरीब और आम लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया बता दें कि सद्गुरु आश्रम में माघ मेले की शुरुआत से ही प्रतिदिन भंडारे का आयोजन करके साधु संतों और गरीबों का को भोजन कराना उनका एक नित्य काम बन चुका है उनका कहना है कि किसी भूखे व्यक्ति को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य कार्य होता है यह सब ईश्वर की कृपा से ही हो पाता है
‌भंडारे में गौरी माता जनेश्वर स्वामी भुवनेश्वर आनंद अमित आदि सक्रिय रुप से भाग लेते हैं भंडारे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जितने लोगों को स्वामी जी भोजन कराते हैं उनको दक्षिणा भी प्रदान करते हैं।
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