रेप पीड़िता को सुलह के लिए फर्जी मुकदमे में फंसाने की पुलिस रच रही है साजिश

रेप पीड़िता को सुलह के लिए फर्जी मुकदमे में फंसाने की पुलिस रच रही है साजिश

पीड़ित परिवार आरोपी के डर से घर छोड़ने को मजबूर


स्वतंत्र प्रभात-

कोठी, बाराबंकी- असंद्रा थाना क्षेत्र के सिद्धौर चौकी नगर पंचायत सिद्धौर के एक वार्ड निवासी रेप पीड़िता को मुकदमे में सुलाह के लिए असंद्रा पुलिस व पूर्व चेयरमैन द्वारा सिद्धौर चौकी पर बुला बुला कर दबाव बनाया जा रहा।  इसका विरोध करने पर असंद्रा थानाध्यक्ष पर अभद्रता करने व फर्जी मुकदमे में जेल भेजने की धमकी देने का आरोप है। पीड़िता व उसके पति ने मंगलवार को इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से कर कार्रवाई की मांग की है व इस मामले की  जांच अन्य विभागीय उच्चाधिकारियों से करने की भी पीड़िता ने मांग की है।  जानकारी के अनुसार पूरा मामला अंसद्रा थाना क्षेत्र के सिद्धौर चौकी  नगर पंचायत सिद्धौर के क्षेत्र के एक वार्ड का है‌। यहां निवासिनी 28 वर्षीय विवाहित पीड़िता का कहना है कि उसके पति की गैर

मौजूदगी में उसके संबंध देवर से हो गए थे। देवर ने शादी का झांसा देकर करीब 2 वर्षों तक शारीरिक संबंध बनाया। इतना ही नहीं पीड़िता को करीब 4 माह का गर्भ ठहर गया।  आरोपी देवर मो. अल्ताफ, पिता हारुन, भाई अशफाक व भाभी शमीम बानो ने एक निजी अस्पताल में गर्भपात कराया। इसकी शिकायत पर असंद्रा पुलिस ने 13 जून को उक्त आरोपियों पर धारा 420, 376, 313, 504 व 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी । लेकिन पीड़िता व उसके पति का आरोप है कि थानाध्यक्ष ध्यानेंद्र प्रताप सिंह सिद्धौर चौकी परिसर पर बुलाकर उक्त आरोपियों की पूर्व चेयरमैन हाकिमअली बादशाह के  सांठगांठ से मुकदमे में सुलाह लगाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं पीड़िता को बार-बार चौकी पर बुलाने से वह मानसिक रूप

से परेशान घर छोड़ने को मजबूर हो गई है।क्योंकि थानाध्यक्ष व विवेचक के कहने पर सुलाह न करने परअभद्रता करने व फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। इसकी शिकायत बाराबंकी पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स व डीएम डा. आदर्श सिंह समेत सीएम, डीआईजी, महिला आयोग, आईजी आदि को पत्र भेजकर शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि विवेचक के संरक्षण में आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। उसके पति व बच्चों को जान से मारने की आरोपी धमकी दे रहे हैं। पीड़िता का कहना है की इस मामले की जांच अन्य विभागीय उच्चाधिकारियों से कराई जाए। आरोपियों के जेल न जाने से परिवार घर छोड़ने पर मजबूर है। क्योंकि पुलिस की कार्यशैली से क्षेत्र में जंगलराज कायम है। अब देखना है कि उत्तर प्रदेश के योगी सरकार के जनपद  के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स इस पर क्या  कार्यवाही करते हैं

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