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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

बाबा रामदेव की बढ़ती मुश्किलें 

बाबा रामदेव की बढ़ती मुश्किलें  पतंजलि आयुर्वेद के निदेशक और योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले भ्रामक प्रचार ने सुप्रीम कोर्ट ने माफी नामा मांगा जिसको बाबा रामदेव ने देश के सभी बड़े अखबारों में प्रकाशित करवाया और देश से...
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कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

नक्श नैन राधिका के है मोहन को भाए

नक्श नैन राधिका के है मोहन को भाए कविता     नक्श नैन राधिका के है मोहन को भाए चंचल ठहरे हमरे कान्हा जो राधिका को चाहे पुकार सुन्नत गोपियो की फिर भी ना पनघट पर आये मगर एक झलक देखन को "प्यारी की" बरसाने छलिया बनकर जाये    सुनते ही...
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कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

संजीव-नीl सच्चे मित्र की पहचान ।

संजीव-नीl सच्चे मित्र की पहचान । संजीव-नीl सच्चे मित्र की पहचान ।    सच्चे मित्र की पहचान जो शांति के दे पैगाम, वक्त में जो काम आए वह सच्चा मित्र होता है।    साथ साथ जो कंधे  से कंधा मिलाकर पसीना बहाए, वह अच्छा मित्र होता है।   मित्र...
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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

क्या भाजपा का मिशन 400 पूरा होगा ?

क्या भाजपा का मिशन 400 पूरा होगा ? स्वतंत्र प्रभात    - जितेन्द्र सिंह पत्रकार  भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए नारा दिया है इस बार 400 पार। इस नारे में कोई विश्वास है या यह सिर्फ नारा ही है। यह समय आने पर पता...
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विचारधारा  स्वतंत्र विचार 

संदेशखाली का दरिन्दा शाहजहां शेख

संदेशखाली का दरिन्दा शाहजहां शेख स्वतंत्र प्रभात    (नीरज शर्मा'भरथल')  तृणमूल कांग्रेस के न‍िलं‍ब‍ित नेता शाहजहां शेख की मुश्‍क‍िलें और बढ़ती नजर जा रही हैं। प्रवर्तन न‍िदेशालय की टीम ने मनी लॉन्‍ड्र‍िंग से जुड़े मामले में संदेशखाली और उसके आसपास जमीनों को कब्‍जाने को लेकर 4...
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कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

संजीव-नी। मशवरा है कि तेरे शहर की महफिल।

संजीव-नी। मशवरा है कि तेरे शहर की महफिल। स्वतंत्र प्रभात     संजीव-नी। मशवरा है कि तेरे शहर की महफिल।    मशवरा है कि तेरे शहर की महफिल बदले, अब तक तो कभी खंजर कभी कातिल बदले।    जिंदगी किस्तों में गुजर गई तो क्या, जितने हमदर्द थे सारे शामिल बदले।।   लहरें...
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विचारधारा  स्वतंत्र विचार 

इलेक्टोरल बॉन्ड हैं या हैं बसूली बॉन्ड?

इलेक्टोरल बॉन्ड हैं या हैं बसूली बॉन्ड? स्वतंत्र प्रभात    (नीरज शर्मा'भरथल') सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखते हुए 11 मार्च को एसबीआई की इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने की समय सीमा बढ़ाने की याचिका खारिज करते हुए आदेश जारी किए हैं कि बैंक 12 मार्च तक ही पूरी...
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कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

कितना अजनबी,पराया सा दिखता है वो।

कितना अजनबी,पराया सा दिखता है वो। संजीव-नी। कितना अजनबी,पराया सा दिखता है वो।    कितना अजनबी,पराया सा दिखता है वो। अपनी सांसों में छुपा रखता है वो।    रोजाना रूबरू हो न नहो फिर भी।  जेहन में बसा रखता है वो।    कितनी मासूम है माशूका शायद । जाते...
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कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

सामंजस्य

सामंजस्य सामंजस्य    जब आहत  ह्रदय शमशान बन जाए तो उसमें लाशे नहीं  भावनाएं राख हुआ करती है।    जब विश्वासी हृदय में बिखराव आ जाए तो अपने और पराए नहीं बस मौन रहा करता है।    जब वेदिती हृदय राख बन जाए है...
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कविता/कहानी  साहित्य/ज्योतिष 

जंग सियासी है विचार से जीतेंगे

जंग सियासी है विचार से जीतेंगे जंग सियासी है विचार से जीतेंगे    हम नफरत से नहीं, प्यार से जीतेंगे जंग सियासी है, विचार से जीतेंगे    शस्त्र हमारा सत्याग्रह है सदियों से उनको लगता है कटार से जीतेंगे    जनादेश लेकर आएंगे जनता से जनादेश वे ,लूटमार से...
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