हवाईअड्डा परियोजना होगी भारत-मालदीव के बीच साझेदारी का मील का पत्थर साबित-जयशंकर

स्वतंत्र प्रभात।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने हनिमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की पुनर्विकास परियोजना के भूमिपूजन समारोह में संयुक्त रूप से भाग लिया जो भारत-मालदीव की मजबूत विकास साझेदारी में एक “ऐतिहासिक मील का पत्थर” है। जयशंकर भारत के दो प्रमुख समुद्री पड़ोसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करने के लिए मालदीव और श्रीलंका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। भूमिपूजन समारोह में जयशंकर ने कहा कि मालदीव के साथ भारत की साझेदारी एक दूसरे के कल्याण और हितों के लिए मिलकर काम करने की वास्तविक इच्छा पर आधारित है।
उन्होंने बुधवार शाम को कहा, “यह एक साझेदारी है जिसने हमें चुनौतियों का तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाब देने में सक्षम बनाया है, जैसा कि हमने हाल ही में कोविड महामारी के दौरान देखा। यह एक साझेदारी है जिसने हमें परिणाम देने और हमारे लोगों को उनकी इच्छाओं, अकांक्षाओं और प्राथमिकताओं के अनुसार ठोस लाभ लाने में सक्षम बनाया है।” अब हम सभी जानते हैं कि मौजूदा जटिल भू-राजनीतिक माहौल ने नए व्यवधान पैदा किए हैं जो दुनिया के हर देश को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सहयोग और सहभागिता की आवश्यकता और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
भारत ने आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए मालदीव को दिया समर्थन
भारत ने उभरती हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए मालदीव को समर्थन दिया है, जिसमें आपातकालीन वित्तीय सहायता भी शामिल है। यह माले को निरंतर सहयोग के लिए नई दिल्ली की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। जयशंकर ने कहा कि हनिमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा विकास परियोजना की शुरुआत मजबूत भारत-मालदीव विकास साझेदारी में एक “ऐतिहासिक मील का पत्थर” है। उन्होंने ट्वीट किया, “हनिमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विकास परियोजना के भूमि पूजन कार्यक्रम में राष्ट्रपति सोलिह, उनके मंत्रियों और स्थानीय नेताओं के साथ शामिल हुआ।” उन्होंने कहा, “यह परियोजना उत्तरी मालदीव और बाकी दुनिया के लोगों के बीच की खाई को पाट देगी और हमारे लोगों को एक साथ लाएगी। इसके कार्यान्वयन के लिए मालदीव के साथ होना भारत के लिए सौभाग्य की बात है।
राष्ट्रपति सोलिह ने हवाई अड्डा विकास परियोजना को एक सुनियोजित, सुविचारित और क्रियान्वित परियोजना बताया। ऐतिहासिक परियोजना माले क्षेत्र के बाहर शुरू की गई सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है। सोलिह ने कहा कि एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया से एमवीआर 2.1 अरब के ऋण के माध्यम से वित्तपोषित इस परियोजना का अनुबंध भारत स्थित फर्म जेएमसी प्रोजेक्ट्स से किया गया है। राष्ट्रपति सोलिह ने कहा कि परियोजना के पूरा होने पर उत्तरी क्षेत्र में आर्थिक प्रगति देखने को मिलेगी क्योंकि इससे गेस्टहाउस और शहर के होटलों सहित पर्यटन सुविधाओं में वृद्धि होगी, उत्तरी प्रवाल द्वीपों में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा तथा यह क्षेत्र एक आर्थिक केंद्र में बदलेगा।
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