अव्यवस्थाओं के बीच संचालित की जा रही गौशाला गौशाला में जानवरों को नहीं दी जा रही सुविधाएं

बाहर से अंदर तक लगवाया गया झटका मशीन का करंट

अव्यवस्थाओं के बीच संचालित की जा रही गौशाला गौशाला में जानवरों को नहीं दी जा रही सुविधाएं

बाराबंकी

 

निर्माणाधीन गौशाला में सिर्फ घटिया क्वालिटी की सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है जिसके अंदर सैकड़ों गायों को पानी भी नसीब नहीं हो रहा है जिनको पानी पीने के लिए सिर्फ एक हैंड पाइप लगवाया गया है और तालाब सूखे के सूखे पड़े हुए हैंमामला बाराबंकी जनपद के विकासखंड सिद्धौर की ग्राम पचायत उचिटा के हुसैन पुर का है 

जहां की गाय देखने से यह प्रतीत होता है कि इन्हें चारा ही नहीं दिया जा रहा है जो बिल्कुल दुबले पतले दिखाई दे रहे हैं सूत्रों की माने तो मृतक गायों के शव को बाहर जंगल में कुत्ते घसीटते नजर आते हैं लेकिन सरकार का इस पर जरा भी ध्यान नहीं आकर्षित हो रहा है गौशाला में सबसे बड़ी अहम बात यह है की गौशाला के अंदर से बाहर तक झटका मशीन जैसे करंट लगवाए गए हैं इस करंट को सिर्फ बाहर ही नहीं गौशाला के अंदर गाय अलग और सांढो को अलग करने के लिए करंट का प्रयोग किया जा रहा है

 जहां पर ना तो उचित मात्रा में हरे चारे की कोई व्यवस्था है और ना ही देखरेख की सरकार द्वारा भले ही इन गायों को हरे चारे और चुनी चोकर की सुविधा दी जा रही हो लेकिन समस्त हरा चारा और चुनी चोकर जिम्मेदार अधिकारी खा जाते हैं गायों को तो सिर्फ सूखा भूसा और उसके अंदर जो हरे चारे के शेष डंठल पड़े हुए हैं जिनसे यह प्रत्यक्ष रूप से जाहिर हो रहा है कि हरे चारे को मशीन में ना काटते हुए सिर्फ यूं ही डाल दिया जाता है जहां के जानवर सिर्फ जीने के लिए भी कुछ खाते हैं इतनी सब अवस्थाएं होने के बाद भी यहां के ग्राम प्रधान और सचिव की आंखों पर काली पट्टी लगी हुई है जिन्हें कुछ भी अच्छा और बुरा दिखाई नहीं दे रहा है फिलहाल कुल कितने जानवर हैं इसकी पुष्टि नहीं हो सकी 

वही प्रत्यक्षदर्शियों का यह भी आरोप है कि जो भी किसान अपनी गाय को गौशाला में लेकर जाते हैं तो उनसे प्रति जानवर के एवज में पांच सौ से हजार रुपए अवैध वसूली की जाती है की रसीद में भी नहीं उपलब्ध कराई जाती उसके बावजूद गौशाला का टोकन लगा हुआ है फिर भी उन्हें छोड़ दिया जाता है जो कभी भी गांव में भ्रमण करते हुए देखी जा सकती हैं वहीं गौशाला की अव्यवस्थाओं के बारे में जानकारी के लिए जब क्या सचिव रवि अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने बताया गौशाला में 90 से 95 जानवर हैं और झटका मशीन के संबंध में उन्होंने बताया कि मशीन चलती नहीं है सिर्फ रखी हैगौशाला में कार्य कर रहे आनंद वर्मा का कहना है किगौशाला में कुल 105 जानवर है इतने दिनों से गौशाला चालू कर दी गई है

 लेकिन विभाग द्वारा अभी इन जानवरों को पानी पीने की कोई भी व्यवस्था नहीं करवाई गई है जबकि गौशाला के संबंध में खंड विकास अधिकारी सहित जिले के सांसद महोदय तक को अवगत करा दिया गया है लेकिन अभी भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है वहीं खंड विकास अधिकारी सिद्धौर से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मनरेगा के माध्यम से कार्य करवाया जा रहा है बजट ना होने के कारण ग्राम प्रधान के द्वारा किराए पर जनरेटर दिया गया है जिससे जानवरों को पानी पीने की व्यवस्था की जा रही है झटका मशीन के करंट को लेकर जांच करवाने की बात कही 

वही इस मामले को लेकर जब ज्वाइंट मजिस्ट्रेट /उप जिलाधिकारी हैदर गढ़ से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि सूचना मिली है कार्यवाही की जाएगी फिलहाल गौशाला का निर्माण कितनी लागत से किया जा रहा है और गौशाला में कुल कितने जानवर हैं इसकी पुष्टि नहीं हो सकीलेकिन निर्माणाधीन गौशाला में सिर्फ पीली ईंट और मौरंग को हटाकर डस्ट के साथ में सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा है जो कभी भी देखा जा सकता है इस निर्माणाधीनगौशाला में ठेकेदारों द्वारा परसेंटेज और कमीशन पर काम किया जा रहा है जहां पर कार्य करते वक्त कभी भी नाबालिक बच्चों को देखा जा सकता है

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