डीएपी खाद न मिलने से खाली हाथ लौट रहे हैं किसान

डीएपी खाद न मिलने से खाली हाथ लौट रहे हैं किसान

सिद्धार्थनगर। किसान एक बोरी खाद के लिए मारे- मारे फिर रहे हैं। हालत यह है कि ठंड के मौसम में भी किसान सुबह तीन बजे से लाइन लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिन ढलने तक सिर्फ खाद के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। साधन सहकारी समिति  ककरहवा पर स्थिति विकट हो चली है।  एक दर्जन ग्राम पंचायतों का दारोमदार साधन सहकारी समिति ककरहवा पर है। रबी की बोआई के लिए किसान सुबह तीन बजे से ही कतार लगाए खड़े रहे, लेकिन शाम तक उन्हें डीएपी की एक अदद बोरी मयस्सर नहीं हुई और भूखे प्यासे किसान व्यवस्था को कोसते घर वापस लौटने पर मजबूर हुए।
 
 धान की कटाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब नमी रहते खेत में रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोआई करनी है, लेकिन डीएपी खाद न मिलने के कारण किसानों की बोआई पिछड़ रही है। उन्हें यह भय सता रहा है कि अगर शीघ्र बोआई नहीं की गई तो खेत की नमी समाप्त हो जाएगी और उन्हें सिचाई में अतिरिक्त धन व्यय करना पड़ेगा। साधन सहकारी समिति ककरहवा पर 300 सौ बोरी डीएपी रविवार को आई थी जिसे सोमवार को एक दो बोरी करके किसानों में वितरित किया गया।  जिससे सैकड़ों किसान खाली हाथ लौट गए। वितरण के आस में आधी रात से  किसान दिन भर डटे रहे।
 
क्या बोले किसान
किसान पलटनराम ने कहा कि खाद नहीं मिली तो रबी की बोआई पिछड़ जाएगी। 5 नवंबर से खाद के लिए केंद्र का चक्कर लगा रही हूं, सोमवार को बारी आने से पूर्व केंद्र बंद हो गया, डीएपी नहीं है।
किसान रामफल ने कहा कि हर बार गेहूं की बोआई के वक्त साधन सहकारी समिति पर डीएपी खाद नहीं रहती है और इस साल भी यही हो रहा है कि डीएपी खाद नहीं है । जिससे खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
 
क्या कहते हैं अधिकारी
एडीओ सहकारिता अम्बरीश यादव ने बताया कि ककरहवा साधन सहकारी समिति पर तीन दिन के अंदर ही डीएपी खाद उपलब्ध हो जाएगी।
प्रभारी जिला सहायक निबंधक सहकारिता राजेश सिंह ने कहा कि डीएपी खाद प्रयाप्त है जिसे समितियों पर पहुंचाया  जा रहा है।  डीएपी खाद आ रही है जिसे डिमांड के हिसाब से समितियों पर पहुंचाया जा रहा है।

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