नगर निगम बोर्ड बैठक पर बोले महापौर, फैलाया जा रहा है भ्रम

-प्रक्रिया को बताया बोर्ड बैठक में अडचन, गिनाईं वजह

नगर निगम बोर्ड बैठक पर बोले महापौर, फैलाया जा रहा है भ्रम

मथुरा। नगर निगम के पार्षदों ने नगर निगम की बोर्ड बैठक नहीं बुलाए जाने का आरोप लगाया है। इस पर नगर निगम के महापौर विनोद अग्रवाल ने अपना पक्ष रखा है। महापौर का कहना है कि नगर निगम की बोर्ड बैठक को लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है। नगर निगम की बोर्ड बैठक से पहले कुछ प्रक्रिया पूरी होनी है, इस प्रक्रिया को पूरा होने के बाद बोर्ड बैठक बुलाई जा सकती है। बोर्ड बैठक को लेकर महापौर ने एक प्रेस नोट जारी कर मीडिया में अपना पक्ष रखा है।

पार्षदों द्वारा बोर्ड बैठक की मांग की गई है। महापौर ने कहा है कि नगर निगम मथुरा वृंदावन की जनता को यह बताना चाहता हूं कि 13 सितम्बर 2024 को बोर्ड की पिछली बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें तीन प्रकार से एजेंडा प्रस्ताव, अनुपूरक प्रस्ताव, महापौर की विशेष अनुमति से कुल 29 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किये गये थे। इस बोर्ड बैठक के बाद बैठक में घोषित की गई कार्यकारिणी की बैठक एक अक्टूबर 2024 को हुई। जिसमें पांच प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किये गये।

इन बैठकों के बाद नगर आयुक्त द्वारा इन बैठकों में पास किये गये कुछ प्रस्तावों पर एवं घोषित की गई कार्यकारिणी पर नगर निगम अधिनियम का हवाला देते हुए आपत्ति की गई। अगली बोर्ड बैठक का ऐजेंडा तैयार करने के लिए यह आवश्यक है कि इन बैठकों में पास किये गये प्रस्तावों की स्थिति स्पष्ट की जाए कि किन प्रस्तावों को नगर आयुक्त ने मान्य किया है और किन प्रस्तावों को अमान्य किया है।

जिससे अगली बोर्ड बैठक में मान्य प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही से निगम को अवगत कराया जा सके और अमान्य प्रस्तावों को पुनः एजेण्डा में सम्मिलित किया जा सके। इस सूचना को उपलब्ध कराये जाने के लिए मेरे द्वारा नगर आयुक्त को दिसम्बर में दो पत्र भेजे गये, किन्तु अभी तक नगर आयुक्त द्वारा कोई समुचित जवाब नहीं दिया गया है।

नगर आयुक्त द्वारा सिलसिले बार क्रमांक सहित मान्य किये गये प्रस्तावों की सूची अमान्य किये गये प्रस्तावों की सूची, मान्य किये गये प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही का पूर्ण विवरण एवं यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो उसका कारण उपलब्ध कराया जाए। यह सूचना प्राप्त होते ही बोर्ड बैठक बुलाया जाना संभव होगा। मेरी ओर से बोर्ड बैठक कराये जाने में कोई देरी नहीं है।

इसके अतिरिक्त नगर आयुक्त द्वारा षड्यंत्र के तहत प्रायोजित तरीके से पार्षदों में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि 15 वें वित्त की बैठक महापौर द्वारा नहीं की जा रही है। जबकि सत्य यह है कि 15 वें वित्त की टाइड ग्रांट की बैठक हो चुकी है और अनटाइड ग्रांट के आवंटन के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये जा चुके हैं। जिसमें 20 करोड रूपये से प्रत्येक वार्ड में लगभग 30-30 लाख के निर्माण कार्य, 10 करोड़ से प्रकाश संबंधी कार्य एवं 15 करोड़ से महापौर कार्यालय में प्राप्त होने वाली जनसमस्याओं के निस्तारण के लिए आरक्षित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

नगर आयुक्त द्वार इस फॉर्मेट में अनटाइड ग्रांट के प्रस्ताव भेजे जाने के बाद 15 वें वित्त की अनटाइड ग्रांट की बैठक भी कर ली जाएगीं। मेरी ओर से कोई विलंब नहीं है। नगर आयुक्त द्वारा प्रारंभ से ही विकास कार्यों में बाधा एवं अनियमितता की गई है और निरंतर जारी है। जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की विकास की योजनाओं के खिलाफ उनकी मानसिकता उजागर होती है।  

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